भिवानी रैली के बहाने एक तीर से कई निशाने लगाएगी JJP, किसानों की भी होगी भारी मौजूदगी
punjabkesari.in Thursday, Dec 08, 2022 - 07:46 PM (IST)
चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी): अपने पहले ही चुनाव में आश्चर्यजनक तरीके से 10 सीटें जीत कर प्रदेश सरकार में हिस्सेदार ''जजपा" लगातार अन्य प्रदेशों चंडीगढ़- पंजाब- राजस्थान- उत्तराखंड- उत्तर प्रदेश में पार्टी विस्तार को लेकर जहां अग्रसर नजर आ रही है, वहीं पार्टी हरियाणा में होने वाले आगामी 2024 के आम चुनावों के मध्यनजर पार्टी के स्थापना दिवस के रूप में शक्ति प्रदर्शन करके एक तीर से कई निशाने लगाने के प्रयास में नजर आ रही है। 9 दिसंबर को भिवानी में होने वाली रैली को लेकर की गई पार्टी नेताओं व पदाधिकारियों द्वारा मेहनत से यह तो साफ है कि रैली अवश्य कामयाब रहेगी। अपने हर छोटे-बड़े कार्यकर्ताओं की ड्यूटिया बांटने का काम खुद पार्टी के सारथी के रूप में बड़ी जिम्मेदारी निभाने वाले दिग्विजय चौटाला ने संभाली थी। 2019 के चुनाव में दिग्विजय की कुव्वत और काबिलियत के दम पर बड़े-बड़े धुरंधर नेता और राष्ट्रीय दल धूल चाटने को मजबूर हुए। छोटी सी उम्र के दिग्विजय चौटाला की रणनीति के कारण बेशक 10 ही सीटें झोली में पड़ी हों, लेकिन कई सीटों पर कड़े तथा त्रिकोणीय मुकाबले के बाद बहुत कम मतों से इनके उम्मीदवार नहीं जीत पाए। पार्टी आज जिस मुकाम पर है इसमें सबसे अधिक महत्वपूर्ण पर्दे के पीछे की भूमिका पार्टी के प्रधान महासचिव दिग्विजय चौटाला का कहें तो गलत नहीं होगा।
भाजपा के 75 पार के नारे को ध्वस्त किया था दिग्विजय चौटाला की रणनीति ने
राजनीतिक और संगठनात्मक रूप से बेहद परिपक्व और सूझबूझ वाले दिग्विजय की रणनीति के कारण ही चाबी 10 सीटें जीतकर किंग मेकर की भूमिका में आई थी। दिग्विजय की सूझबूझ की रणनीतियों ने 75 पार के नारे को ध्वस्त करते हुए भाजपा को गठबंधन की स्थिति में लाने और उपमुख्यमंत्री पद देने के लिए मजबूर कर दिया। अब पार्टी का स्टैंड केवल हरियाणा तक सीमित ना रहकर राष्ट्रीय लेवल तक पहुंचने का है। इससे पहले पार्टी प्रदेश में अपने कार्यकर्ताओं में हौसला भरने के साथ-साथ इस कार्यक्रम के माध्यम से अपनी ताकत और कमजोरी भी आंकना चाहती है। किसान आंदोलन के दौरान राजनीतिक विरोधियों ने चौटाला परिवार के इन वारिसों पर किसानों की अनदेखी करने के साथ-साथ कई तरह के आरोप भी लगाए। अब पार्टी किसानों की बड़ी मौजूदगी दर्ज करवाकर विरोधियों के साथ-साथ सहयोगी दल भाजपा को भी अपनी ताकत का एहसास करवाना चाहती है।
रैली के दौरान अपनी उपलब्धियों और आगामी रोडमैप का खाका कार्यकर्ताओं के सामने रखेगी पार्टी
जननायक जनता पार्टी के स्थापना दिवस 9 दिसंबर की रैली को लेकर दावा किया जा रहा है कि यह अपना पिछला जींद का रिकॉर्ड तोड़ेगी, इसमें प्रदेशभर से लाखों की तादाद में लोग शामिल होंगे। इस रैली मे जननायक जनता पार्टी चुनाव पूर्व किए गए चुनावी वायदों में से कौन-कौन से पूरे कर चुकी है और आगामी 2 साल का रोडमैप क्या रहेगा, इसका पूरा खाका जनता के सामने रखेगी। जननायक जनता पार्टी के मुख्यत चुनाव पूर्व किए गए वायदों में हरियाणा के युवाओं को प्राइवेट सेक्टर में 75 फ़ीसदी नौकरियों में हिस्सेदारी, पंचायती राज में 50 फ़ीसदी महिलाओं की भागीदारी और वृद्धावस्था पेंशन 5100 रुपए देने के वायदे मौजूद थे और उन्हीं के दम पर पार्टी से मैदान में उतरी थी। जिनमें से मात्र वृद्धावस्था पेंशन की बात पूरी नहीं हो पाई है। जिस पर लगातार प्रदेश के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला मुख्यमंत्री को इस पर सहमत करने के प्रयास में हैं। जजपा का वायदा है कि 2024 के चुनावों से पहले 5100 पेंशन के वायदे को भी पार्टी पूरा करेगी। बता दें कि जननायक जनता पार्टी अपने नेता दुष्यंत चौटाला को मात्र उपमुख्यमंत्री तक ही सीमित नहीं देखना चाहती है, इस नजरिए से भी इस रैली का विशेष महत्व माना जा रहा है।
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