राइट टू करप्शन’ से ‘राइट टू सर्विस’ तक का सफर किया तय: मनोहर लाल

punjabkesari.in Wednesday, Sep 01, 2021 - 02:02 PM (IST)

चंडीगढ़( चन्द्र शेखर धरणी): हरियाण में समय-समय पर तरह-तरह के मुद्दों को लेकर हिंसात्मक आंदोलन और विवाद होते रहे। बाबा रामपाल की गिरफ्तारी, बाबा राम रहीम की गिरफ्तारी, और जाट आंदोलन सरकार के लिए पिछले कार्यकाल में बड़ी चुनौती बने और अब हाल ही में किसान आंदोलन का केंद्र भी हरियाणा ही बना हुआ है। लेकिन बड़े-बड़े विवादों से सफलता हासिल चुकी भाजपा सरकार के मुखिया मनोहर लाल पूरी तरह आत्मविश्वास से लबरेज नजर आ रहे हैं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल से   कई महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा की। बातचीत के कुछ अंश प्रस्तुत हैं:-

प्रश्न- आपकी सरकार के 2500 दिन पूरे हो गए है, इस दौरान प्रदेश में क्या बड़ा बदलाव आया है ? 
उत्तर-
2014 में मैं पहली दफा जब बतौर मुख्यमंत्री सचिवालय आया तो, निजी काम करवाने वाले लोगों की इतनी भीड़ देखी कि लगा जैसे आधा हरियाणा उठ कर यहीं आ गया है। उसी समय हमने ये तय किया की ये व्यवस्था तो हरियाणा में नहीं चलेगी, इस व्यवस्था को बदलना ही होगा। व्यवस्था बनाने के लिए ‘राइट टू करप्शन’ को खत्म कर ‘राइट टू सर्विस’ का संकल्प लिया। आज हम इस पर आगे बढ़ रहे है। 

प्रश्न:- पहले और दूसरे कार्यकाल में आप क्या अंतर मानते हैं ?
उत्तर:-
समय के बदलाव और परिस्थितियों के हिसाब से हमेशा काम किए जाते हैं। हम अपने राजनीतिक, प्रशासनिक और सामाजिक काम पहले की तरह ही चला रहे हैं। पहले कार्यकाल के तुरंत 7 दिन के बाद कोर्ट द्वारा बाबा रामपाल को गिरफ्तार करके पेश करने के आदेश दिए गए। रामपाल  ने अपने आप को एक बड़े घेरे के बीच रखा था। हमने अपने प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों से बात की और बिना हिंसा के कोर्ट के आदेशों की पालना के आदेश दिए। 7 दिन के बाद बिना एक गोली चलाए हमने रामपाल की गिरफ्तारी की। जाट आरक्षण के समय हमें डेढ़ साल से भी कम का अनुभव था। हमने सहज तरीके से बात की ।समझौता हुआ, लेकिन अगले ही दिन आंदोलन शुरू हो गया। क्योंकि कुछ लोग समझौता नहीं बल्कि विवाद खड़ा करना चाहते थे। विपक्ष के लोग उनके साथ जुड़े हुए थे। तब हमें समझ में आया कि राजनीतिक चमकाने के लिए विपक्षी पार्टियों के लोग किसी भी हद तक जा सकते हैं। बिना अनुभव के हम इस प्रकरण से जूझे और सफलता प्राप्त की। तीसरा मामला पंचकूला में आया। हमने कोर्ट के आदेशों की पालना की। क्योंकि कोर्ट से ऊपर कुछ भी नहीं होता। इस प्रकार से कई उतार-चढ़ाव आए। आज हमारे पास एक लंबा अनुभव है।

प्रश्न:- किसान आंदोलन का समाधान आपकी नजर में क्या है ?
उत्तर:
- मुझे नहीं लगता कि इतना व्यवधान इसमें होगा कि रास्ता ही ना निकले। समाधान बातचीत से होगा। लेकिन जब तक बैठकर बातचीत ही नहीं करेंगे तब तक निवारण कैसे होगा। फॉर्मर्ली तो केंद्र के साथ ही बैठ सकते हैं, लेकिन इनफॉर्मली हमारे साथ बैठ जाओ। कई बार किसी के द्वारा बात हुई तो कहते हैं कि मुख्यमंत्री के हाथ में क्या है ? मुख्यमंत्री के हाथ में कुछ नहीं है, लेकिन मुख्यमंत्री के संबंध तो केंद्र के साथ हैं। अविश्वास की भावना से बातों का समाधान नहीं निकलता। अविश्वास इसलिए है क्योंकि सामने वालों को राजनीति करनी है, हल नहीं निकालना। इनमें से कुछ लोग चुनाव लड़ेंगे। जिनके राजनीतिक मंसूबों के बारे में सभी को पता है।

प्रश्न:- पंजाब-उत्तर प्रदेश के किसान हरियाणा में आकर हरियाणा के मुख्यमंत्री का विरोध करते हैं। ऐसा क्यों ? सरकार उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई क्यों नहीं करती ?
उत्तर:- य
ह भी देश के लोग हैं। अपने लोग हैं। जनता सारी अपनी है। कोई दुश्मन देश के होते हैं तो पता नहीं अब तक क्या हो जाता ? अपने लोगों के साथ व्यवहार अपनों जैसा ही करना पड़ता है।

प्रश्न:- लव जिहाद को लेकर गृह मंत्री अनिल विज द्वारा कानून बनाने की बात कही गई थी।  क्या कानून बनेगा ?
उत्तर:-
कोई भी लॉ तभी बनता है जब कोई चीज स्वभाव में लोगों को गलत आदत बनने की तरफ आगे बढ़ना शुरू कर दे। यह घटनाएं हरियाणा के कई क्षेत्रों में होने लग गई हैं। पहले जब तक यह इक्का-दुक्का थी, तब तक इसकी जरूरत नहीं थी। बहकाकर, लालच देकर, दबाव में शादी करने के कई मामले सामने आए हैं। इसलिए लॉ बनाने की जरूरत है। जिस प्रकार से हम नकल विरोधी कानून लेकर आए क्योंकि इस प्रकार की लगातार कई घटनाएं सामने आई थी। इसी तरह इस कानून की भी बेहद आवश्यकता है और लॉ बनेगा। या तो अगले सेशन में या फिर उससे पहले ऑर्डिनेंस लाया जाएगा, इस पर विचार किया जा रहा है। कानून को लेकर अध्ययन चल रहा है। यह एल आर के पास भी जाएगा। यह कानून अवश्य बनेगा।

प्रश्न:- ऐसे कोई दो काम बताएं जो आपकी बड़ी उपलब्धियां हो, जिनसे आपको आंतरिक खुशी मिलती हो ?
उत्तर:
-  भ्रष्टाचार पर हमने बड़ी चोट की। काफी काम किया। हालांकि भ्रष्टाचार पूरी तरह से समाप्त नहीं हुआ है। लेकिन जितना हमने किया उस पर हमें संतोष भी है और हम इस कदम की ओर बढ़ते जाएंगे। हमने मेरिट पर नौकरियां दी। पूरे देश भर से हमसे कई माननीय द्वारा पूछा गया कि आखिर आप इसमें सफल कैसे हुए ? मैंने भी इस मामले में राजनीतिक रूप से अंदर से प्रेशर को झेला है। लेकिन अब मुझे इस विषय में सभी ने कहना छोड़ दिया है।क्योंकि उन्हें पता है कि मुख्यमंत्री इस बात को नहीं मानेंगे। जनता पूरी मेरी है। मैं जनता के लिए हूं। यह मेरा स्वभाव हैं। इसी नाते से मुझे यह सफलता मिली है।

प्रश्न:- विपक्ष का आरोप है कि सरकार लगातार कर्जा लेकर दिवालियापन की ओर बढ़ रही है। आर्थिक स्थिति के बारे में बताएं ?
उत्तर:-
केंद्र, वर्ल्ड बैंक और नीति आयोग द्वारा एक पैरामीटर तय किया जाता है कि किसी भी प्रदेश को इस पैरामीटर के अंदर ही कर्ज मिलेगा। जीडीपी कितनी है ? परकैपिटा इनकम कितनी है ? इस हिसाब से ही चलना होता है। हम लगातार 5-6 साल से पैरामीटर के अंदर लिमिट में है। जीडीपी का सवा 3 फ़ीसदी ही लोन हर साल लिया जा सकता है। टोटल लोन जीडीपी से 25 फ़ीसदी से अधिक नहीं बढ़ना चाहिए। कोरोना के दिनों में कुछ प्रदेशों ने इसे सवा 3 फ़ीसदी से 5 फ़ीसदी करने की छूट ली और उन्हें अनुमति भी मिल गई। लेकिन हमने इससे ज्यादा नहीं जाने का फैसला लिया। क्योंकि आज लिया हुआ कर्ज अगली पीढ़ियों को भुगतना पड़ेगा। हम आज भी सवा 3 फ़ीसदी की लिमिट में है। आज हमारे ऊपर करीब 1 लाख साठ हजार करोड़ रुपए का कर्ज है। जब हम आए थे तो 97-98 हजार करोड रुपए का कर्ज हमें मिला था। हुड्डा सरकार 70 हजार करोड रुपए का कर्ज़ छोड़ कर गई थी और करीब 27 हजार करोड़ का लोन पावर कंपनियों का जो पहले से था, हमारी सरकार ने अपने ऊपर ले लिया। क्योंकि पावर कंपनियों का लोन अगर सरकारें नहीं लेंगी तो पावर कंपनियां चल नहीं पाएंगी। आज पंजाब की आर्थिक स्थिति बहुत भयंकर है। पंजाब का हमारे साथ किसी भी क्षेत्र में मुकाबला नहीं है। पंजाब के मंत्रियों द्वारा खुद हरियाणा की नीतियों की तारीफ की जा चुकी है। हम स्टैंडर्ड लेवल बनाकर रखते हैं। हमारी पर कैपिटा इनकम 2 लाख 39  हजार रुपए है।

प्रश्न:- हरियाणा में दूसरे राज्यों से अधिक हड़प्पा संस्कृति के स्थान हैं। इन स्थानों को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की क्या कोई योजना है ?
उत्तर:-
सबसे महत्वपूर्ण राखीगढ़ी में मोहनजोदड़ो के स्थान पर एक म्यूजियम बनाया जा रहा है। दिल्ली से राखीगढ़ी तक एक सुगम मार्ग की हमने घोषणा कर दी है। कुरुक्षेत्र में महाभारत का स्थान सरस्वती से जुड़ा है। हम इसे और इसके आसपास के तीर्थ स्थलों को विकसित कर रहे हैं। कुरुक्षेत्र डेवलपमेंट बोर्ड के माध्यम से हम बहुत सारे स्थानों का उत्थान कर रहे हैं। कुरुक्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय गीता जयंती कार्यक्रम शुरू हो गए हैं। छोटे स्थानों पर भी विभाग ने अपनी योजनाएं बनाई हैं।

 प्रश्न:- परिवार पहचान पत्र पर कांग्रेस सिक्रेसी लीक होने का खतरा बता रही है। इस पर आप क्या कहेंगे ?
उत्तर:-
इस प्रकार से काम किया गया है कि सिक्योरिटी लीकेज की संभावनाएं नहीं है। अमेरिका जैसे देश में सिक्योरिटी का डेटा उन्होंने रखा हुआ है। उसमें भी लीकेज नहीं है। इस दुनिया में बहुत सी आईटी की चीजें बनाई जा रही है। बैंकों के डेटा की तरह इसके डेटा की सिक्योरिटी का पूरा ध्यान रखा गया है और हमने इसके लिए बहुत सख्त कानून बनाए हैं। किसी कर्मचारी द्वारा गड़बड़ी करने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। साथ ही हम इस प्रकार का डेटा नहीं रख रहे जिससे बड़ा नुकसान हो सके। जिसके अकाउंट में बड़ी रकम है हम उनसे इस प्रकार की कोई जानकारी नहीं पूछ रहे। वह अगर इनकम टैक्स की रिटर्न भी लिख देंगे तो वह भी बहुत है और उस गरीब व्यक्ति का डेटा रखा गया है जिसकी आमदनी 1 लाख 80 हजार रुपए से भी कम है।

 

 

 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Isha

Recommended News

Related News

static