बड़े-बड़े नेता कांग्रेस को त्याग कर जाने के लिए तैयार बैठे हैं: जेपी दलाल

punjabkesari.in Monday, Sep 20, 2021 - 08:23 PM (IST)

चंडीगढ़ (धरणी): हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल ने कांग्रेस पर बड़ा निशाना साधा है। जेपी दलाल ने कहा है कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व पूर्णता कमजोर हो चुका है जिसके परिणाम है कि हर राज्य के अंदर कांग्रेस की गुटबाजी देखने को मिल रही है। दलाल ने कहा कि जिन राज्यों में कांग्रेस की सरकारें हैं या कांग्रेस विपक्ष में है वहां पर कांग्रेस के 4-5 गुट बने हुए हैं। जेपी दलाल ने कहा कि कांग्रेस की धड़ेबाजी के चलते ही पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह को कांग्रेस ने मुख्यमंत्री से हटाकर दूसरे व्यक्ति की ताजपोशी की है। 

उन्होंने कहा कि कांग्रेस का राष्ट्रीय संगठन बिलकुल कमजोर है। कांग्रेस राष्ट्रीय स्तर व प्रांतीय स्तर पर देश के अंदर परिवारवाद के अंदर फंस कर रह गई है, यही कारण है कि कांग्रेस दिन पर दिन सभी राज्यों से सत्ता से बाहर होती जा रही है। कांग्रेस की गुटबाजी के चलते यह हालत है कि इनके दिग्गज व केंद्रीय नेता भी कांग्रेस से किनारा कर दूसरे दलों में जा रहे हैं।

जेपी दलाल ने कहा कि कांग्रेस ने सदैव सत्ता के चक्कर में जनता से विश्वासघात किया है। हरियाणा में भी वही हो रहा है जो पंजाब में हो चुका है। हरियाणा के अंदर कांग्रेस हुड्डा, सैलजा, कैप्टन अजय यादव, सुरजेवाला के घरों में बैठी हुई है। दलाल ने कहा कि कांग्रेस के पास ना तो कोई विचारधारा है और ना ही कोई मेनिफेस्टो। जेपी दलाल ने कहा कि कांग्रेस के पिछले 40-50 साल की राजनीति में हर जगह- हर क्षेत्र में क्षेत्रीय छत्र पैदा किए जाते रहे हैं और इनको आपस में लड़ लड़ाते रहे हैं।

आज कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व पूरी तरह से कमजोर हो चुका है। प्रदेश के नेता आपस में जबरदस्त लड़ाई लड़ने में लगे हैं। जहां-जहां कांग्रेस की सरकार है चाहे पंजाब, राजस्थान, छत्तीसगढ़ या कहीं भी हो हर जगह आपस में कुर्सी की लड़ाई लगी हुई है। इन्हें जनता के हितों से कोई लेना देना नहीं है। हर ग्रुप को कुर्सी चाहिए। पहले केंद्रीय नेतृत्व का अपना एक बड़ा वोट बैंक होता था। जिस कारण से यह क्षेत्रीय नेता प्रेशर में रहते थे। लेकिन आज नेतृत्व की स्थिति वह नहीं है। कभी मध्य प्रदेश की सरकार पलट जाती है, तो कभी राजस्थान में खींचातानी होती है। 

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योति राव सिंधिया जैसे राहुल गांधी के व्यक्तिगत दोस्त तक भी कांग्रेस को छोड़ छोड़कर भाग गए। इस कारण से आज सभी विशेषज्ञों का आकलन है कि कांग्रेस डूबता हुआ जहाज है और नेताओं को भी पता है कि इसमें राजनीतिक भविष्य सुरक्षित नहीं है। इसी कारण से पंजाब में यह हुआ। अमरेंद्र सिंह कुछ और चाहते थे और सिद्धू कुछ और चाह रहे थे। कभी मुख्यमंत्री पद के लिए जाखड़ का नाम सामने आया। अब बीच का रास्ता निकाल कर तीसरे नेता को मुख्यमंत्री बना दिया गया और कहा गया कि चुनावों तक दलित समुदाय का मुख्यमंत्री बनाया जाएगा। प्रभारी का बयान आया कि आगामी विधानसभा चुनावों का चेहरा प्रदेश अध्यक्ष होंगे। यानी यह वोटर को गुमराह करके चुनावों का माहौल तैयार करना चाहते हैं। लेकिन पंजाब में कांग्रेस नहीं आने वाली। इन्होंने अपने किए वायदों को पूरा नहीं किया। इसलिए कांग्रेस की हार निश्चित है और भविष्य में कांग्रेस के बहुत बड़े-बड़े नेता कांग्रेस को त्याग कर जाने के लिए तैयार बैठे हैं।

इसके अलावा उन्होंने कहा कि भाजपा में कभी भी किसी भी प्रदेश में किसी भी लेवल पर कोई भी गुटबाजी कभी नहीं देखने को मिलती। कभी किसी ग्रुप में नेतृत्व परिवर्तन की मांग नहीं की। भाजपा कार्यकर्ताओं की पार्टी है। भाजपा में किसी भी कार्यकर्ता को जो भी जिम्मेदारी मिलती है वह उसका निर्वहन करता है। कभी विरोध या प्रश्न चिह्न नहीं खड़ा करता। भाजपा और कांग्रेस में दिन रात का अंतर है। कांग्रेस परिवारवाद की पार्टी है। आज सोनिया और राहुल गांधी इंदिरा गांधी के ही परिवार से हैं। प्रदेशों में कहीं कमलनाथ का परिवार, कहीं कैप्टन का परिवार, कहीं हुड्डा का परिवार और कहीं गहलोत का परिवार है। हर प्रदेश में कई कई ग्रुपों में कांग्रेस बटी हुई है। जो कि आपस में एक दूसरे को कमजोर करने में लगे रहते हैं। 

वहीं किसानों के साथ बातचीत पर उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की डायरेक्शन सरकार को माननी है इसी के चलते सरकार ने किसानों को मनाने की कोशिश की थी और बैठक में किसान नेता शामिल नहीं हुए। उन्होंने कहा कि पहले से ही लग रहा था कि दूसरे प्रदेश की यह जत्थेबंदिया जो हमारे प्रदेश में बैठी हुई हैं, यह न तो पार्लियामेंट को मानती हैं, ना सर्वोच्च न्यायालय को मानती हैं और न ही कानून की परवाह करती है। अब आने वाले समय में सुप्रीम कोर्ट इस पर फैसला लेगा। उन्होंने कहा कि सरकार सकारात्मक बातचीत करना चाहती थी। लेकिन जब यह लोग बातचीत में हिस्सा लेने ही नहीं पहुंचेंगे तो बातचीत किससे होगी।


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Content Writer

vinod kumar

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