मंदिर में बच्चे दान करने के मामले में जांच करने पहुंची ज्योति बैंदा, 6 साल के बच्चे को किया रेस्क्यू

punjabkesari.in Tuesday, Apr 13, 2021 - 06:51 PM (IST)

हांसी (संदीप सैनी): हांसी के समाधा मंदिर में बच्चे दान करने के मामले में राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की चेयरपर्सन ज्योति बैंदा मंगलवार को मंदिर में जांच करने पहुंची। चेयरपर्सन ने मंदिर में मौजूद बाबा से रिकॉर्ड तलब किया। मंदिर के कमरों में रखी अलमारियों को भी खंगाला। इस दौरान समाधा मंदिर में रहने वाले एक 6 साल के बच्चे को आयोग की टीम ने रेस्क्यू किया और बाल संरक्षण कमेटी को सौंपा। 

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बच्चे का मेडिकल करवाने के आदेश दिया और उसे शिशुकुंज में रखने के लिए कहा। बच्चे के माता-पिता को रेस्ट हाउस में बुलाया गया। जहां बाल संरक्षण अधिकारियों ने बच्चे के पिता के साथ बातचीत की और बच्चे को इस प्रकार से मंदिर में छोड़ने के कारण पूछे। इसके अलावा हाल में मंदिर में एक महीने का बच्चा दान करने वाले माता-पिता की भी काउंसलिंग की।

चेयरपर्सन ज्योति बैंदा ने कहा कि इस प्रकार से मंदिर में बच्चों को दान देने की परंपरा गलत है, ये रुकनी चाहिए। उन्होंने कहा कि खबरों के माध्यम से उन्हें सूचना मिली थी कि इस प्रकार की घटना हांसी के समाधा मंदिर में हुई है, जिसका संज्ञान लेते हुए वह मंदिर में जांच करने पहुंची हैं। उन्होंने कहा कि इस मामले में जिला बाल संरक्षण अधिकारी को आदेश जारी किए गए हैं व बच्चों की पूरी मॉनिटरिंग उनके द्वारा की जाएगी। 

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इसके अलावा जिस व्यक्ति ने कुछ वर्ष पूर्व मंदिर में बच्चा दान किया था उसके खिलाफ पुलिस कार्रवाई के लिए लिखा गया है। जिला पुलिस को भी इस प्रकार के मामलों में संवेदनशीलता व गंभीरता से कार्रवाई करने के चेयरपर्सन ने निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि कुछ दिन पूर्व बच्चा दान करने वाले माता-पिता की काउंसलिंग की गई है। उन्होंने भी बच्चे की परवरिश करने की बात कमेटी के सामने कही है। बाल संरक्षण अधिकारी इस मामले में भी लगतार परिवार से संपर्क में रहेगी।

ऐसे मामलों में आयोग को शिकायत करें
बाल अधिकार संरक्षण आयोग की चेयपर्सन ज्योति बैंदा ने कहा कानून के अनुसार 18 वर्ष तक बच्चे के पालन पोषण की जिम्मेदारी माता पिता की है। अगर किसी माता-पिता को अपना बच्चा सरेंडर करना है तो इसके लिए जिला बाल संरक्षण कमेटी से संपर्क कर सकता है। बच्चों को गोद लेने के लिए देश में कानून बना हुआ है। इस प्रकार से मंदिर में या किसी अन्य संस्था को बच्चा दान करना गलत है। आयोग ऐसे मामलों में शिकायत मिलने पर कार्रवाई करता है। हांसी में इस प्रकार का एक मामला संज्ञान में आया था, जिसकी जांच के लिए पहुंची थी। मंदिर से कुछ सामान जब्त किया गया है व रेस्क्यू किया गया बच्चा अभी शिशुकुंज में रहेगा।
 

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Content Writer

vinod kumar

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