कैथल का बेटा रोहित उड़ाएगा राफेल, बचपन में ग्लाइडर की उड़ान ने पैदा किया जुनून
punjabkesari.in Wednesday, Sep 01, 2021 - 05:54 PM (IST)
कैथल (जोगेंद्र): कलायत के गांव कुराड़ के 22 वर्षीय होनहार बेटे रोहित गिल अब देश की हिफाजत के लिए लड़ाकू विमान राफेल की उड़ान भराएंगे। रोहित का प्रथम रेंक के साथ भारतीय वायु सेना में फ्लाइंग ऑफिसर के पद पर चयन हुआ है। इस बड़ी उपलब्धि से उत्साहित जिला उपायुक्त प्रदीप दहिया ने अधिकारियों और गणमान्य लोगों के साथ बुधवार को कलायत पहुंचकर रोहित गिल को उत्साहपूर्वक माहौल में पलकों पर बैठाया।
इस उपलक्ष्य में लोक निर्माण विभाग विश्राम गृह में सम्मान समारोह का आयोजन हुआ। परिवार के लोगों और क्षेत्र के गणमान्य लोगों का सीना उस समय गर्व से फूला नहीं समां रहा था जब डीसी ने नव नियुक्त अधिकारी को विश्राम गृह सभागार की मुख्य कुर्सी पर सम्मान के तौर पर आसीन किया। साथ ही खुशी में अपने हाथों से मिठाई बांटी। अभूतपूर्व सम्मान की इस अनूठी परंपरा का क्रम यहीं नहीं रुका प्रशासन की तरफ से डीसी ने रोहित गिल व पिता सुरेश कुमार को स्मृति चिह्न और माता सुच्चकौर व दादी मरिया देवी को डीपीआरओ सोनिया सिंह के माध्यम से भारतीय संस्कृति का अनुगमन करते हुए शाल भेंट की।
इस दौरान डीसी ने रोहित की माता सुच्चकौर को सरकार के महत्वपूर्ण पोषण अभियान की ब्रांड एंबेसडर के पद से सुशोभित किया। डीसी ने कहा कि रोहित गिल के भारतीय वायु सेना में फ्लाइंग ऑफिसर पद पर चयन से जिला कैथल, हरियाणा और भारत देश की शान बढ़ी है। हालांकि हरियाणा को अपेक्षाकृत कम शिक्षित राज्य माना जाता रहा है। लेकिन उपलब्धि के मुकाम पर रोहित गिल ने जिस प्रकार अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है उससे हर कोई गदगद है। ऐसे काबिल बेटे के माता-पिता होना निसंदेह बड़े गर्व की बात है।
उन्होंने कहा कि बड़ी उपलब्धि का जो अध्याय उन्होंने लिखा है वह हर युवा के लिए प्रेरणा स्त्रोत है। प्रदीप दहिया ने कहा कि भले ही वे आईएएस अधिकारी के तौर पर कार्यरत हैं। यह सच्चाई है कि उनके वर्ग से कहीं ज्यादा कठिनाई और चुनौतियों के बीच सेना अधिकारी सेवाएं प्रदान करते हैं। इसलिए इनका जितना सम्मान और उत्साह बढ़ाया जाए वह कम है।
हर स्तर पर रोहित गिल ने दिया काबिलियत का परिचय
नव नियुक्त भारतीय सेना फ्लाइंग ऑफिसर रोहित गिल ने बताया कि उन्होंने अपनी प्राथमिक शिक्षा शिक्षा भारती स्कूल कलायत से पूरी की। इसके बाद उन्होंने प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करते हुए जवाहर नवोदय विद्यालय तितरम में प्रवेश पाया। छठी से नौंवी तक की पढ़ाई नवोदय से पूरी करने के बाद उनका चयन सैनिक स्कूल कुंजपुरा जिला करनाल में हुआ। वर्ष 2016 में उन्होंने एनडीए की परीक्षा पास करते हुए सेना के माध्यम से सेवाएं देने की राहें तैयार की। इस तालीम को पूरा करते हुए अब 2021 में पहले रैंक के साथ उनका चयन भारतीय वायु सेना फ्लाइंग ऑफिसर के पद पर हुआ।
बचपन की ग्लाइडर की उड़ान ने पैदा किया जज्बा
रोहित गिल बताते हैं कि एक बार बचपन में उन्हें ग्लाइडर की उड़ान भरने का अवसर मिला। उस दौरान उन्होंने यह ठान लिया था कि वे एक दिन वायु सेना के लड़ाकू विमान की उड़ान भरवाएंगे। लक्ष्य और बुलंद सोच को लेकर इस दिशा में की गई मेहनत आखिरकार रंग लाई। उन्होंने युवाओं से अपने लक्ष्य को लेकर गंभीर रहने की अपील की। गिल ने कहा कि चुनौतियों से हार मनाने की बजाए डटकर मुकाबला करने से ही सफलता मिलती है। इसलिए यदि किसी स्तर पर संसाधनों का अभाव है तो उन्हें बाधा न मानकर आगे बढऩे का कार्य करना चाहिए।
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