कांग्रेस का इस तरह से जनप्रतिनिधियों को बंधक बनाकर रखना अविश्वसनीयता को दर्शाता है : नयनपाल रावत

punjabkesari.in Wednesday, Jun 08, 2022 - 06:51 PM (IST)

चंडीगढ़(धरणी): क्रॉस वोटिंग के डर से अपने विधायकों को कांग्रेस द्वारा रायपुर ले जाने पर टिप्पणी करते हुए निर्दलीय विधायक नयनपाल रावत ने इसे अधिकारों का हनन करार दिया है। उन्होंने कहा कि यह अपने विधायकों के प्रति अविश्वसनीयता को दर्शाता है। इससे साफ है कि कांग्रेस को अपने विधायकों पर विश्वास नहीं है। इसी कारण से छत्तीसगढ़ ले जाकर विधायकों के मोबाइल तक बंद करवा दिए गए, ताकि वह किसी से बात ना कर पाए।

वहीं दूसरी तरफ निर्दलीय विधायक लगभग रोजाना इकट्ठे बैठते हैं। ना तो पार्टी को हमारे पर संदेह है और ना ही हम पार्टी से दूर हो सकते हैं। पार्टी हमें बाहर नहीं ले जा रही। हमारे मुख्यमंत्री, नेता और पार्टी को हमारे ऊपर पूरा भरोसा है। कांग्रेस पार्टी को डर है कि उनके विधायक कहीं और ना चले जाएं, इसलिए जनप्रतिनिधियों को बाहर बंधक की तरह रखा जा रहा है। यह घटना ठीक नहीं है। मैं प्रदेश के सभी विधायकों से अपील करता हूं कि हरियाणा की उन्नति, हरियाणा को आगे बढ़ाने के लिए और हरियाणा की आवाज को राज्यसभा में बुलंद करने के लिए एक अच्छे व्यक्ति को आगे लाना अति आवश्यक है और कार्तिकेय शर्मा इस प्रक्रिया पर खरा उतरते हैं। सभी को प्रयास करके उन्हें जिताने का काम करना चाहिए।

कार्तिकेय के वोट 31 तो हो सकते हैं, लेकिन 29 नहीं रहेंगे : रावत

रावत ने कहा कि कार्तिकेय शर्मा को जीतने के लिए 30 वोटों की आवश्यकता है। जिसके पास 30 विधायक होंगे, वह राज्यसभा चुनाव जीत जाएगा और आज की स्थितियों के अनुसार 10 तारीख को होने वाले चुनावों में कार्तिकेय के वोट 31 तो हो सकते हैं, लेकिन 29 नहीं रहेंगे। क्योंकि पूर्व मंत्री विनोद शर्मा कांग्रेस के वरिष्ठ -कद्दावर नेता रहे हैं। उनके सभी नेताओं से अच्छे संबंध और संपर्क आज भी हैं। इसलिए 2-3-4 वोट उनके साथ आना स्वाभाविक है।

कुलदीप शर्मा के साथ रिश्तेदारी का लाभ भी मिलेगा। चुनाव में रिश्तेदारी बहुत काम आने वाली है। रावत ने कहा कि कुलदीप बिश्नोई और किरण चौधरी एक बड़े राजनीतिक घराने से संबंध रखते हैं। बावजूद इसके संगठन बदलाव में हुड्डा को ताकत पहुंचना कहीं ना कहीं इन जैसे कई वरिष्ठ नेताओं के गले नहीं उतर रही। बड़े नेताओं की अनदेखी हुई और हरियाणा कांग्रेस आज पूरी तरह से हुड्डा कांग्रेस दिखने लगी है। इसलिए कांग्रेस में सब कुछ ठीक नहीं है। पैर खिंचाई का आलम एक आम बात है। बंसीलाल और भजनलाल ने लंबे समय तक प्रदेश में राज किया। अब उनके वारिस एक बड़ा फैसला ले सकते हैं।

जेजेपी के साथ रहने या ना रहने से हमें कोई मतलब नहीं, हम मुख्यमंत्री के साथ हैं :रावत

रावत ने कहा कि कांग्रेस द्वारा विधायकों को बंधक रखने की घटना एक अधिकारों का हनन है। यह एक बड़ी चिंता का विषय है और कांग्रेस में सब कुछ ठीक नहीं है। वोट डालना विधायक का अपना अधिकार है।  पार्टी हम पर पूरा भरोसा कर रही है। हमारे अब भी मोबाइल चल रहे हैं। हम लगातार संपर्क में हैं और चुनाव होने तक भी हमें पूरी छूट है कि हम घर पर रहे या बाहर। फोन शुरू रखें या बंद। इसमें पार्टी हम पर पूरा भरोसा कर रही है। हमारी सहमति से ही कार्तिकेय शर्मा मैदान में आए हैं। हमने उन्हें खड़ा किया है और हम कार्तिकेय के साथ हैं।

इस मौके पर रावत ने कहा कि मंत्रिमंडल का विस्तार मुख्यमंत्री का अधिकार क्षेत्र है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल जेजेपी के साथ रहकर भी यह फैसला कर सकते हैं। सभी निर्दलीय विधायकों ने बिना लालच के सरकार को समर्थन दिया था। जेजेपी -बीजेपी में बेशक कुछ खटास की बातें आई, लेकिन निर्दलीयों की सोच पर इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। हम सरकार के साथ हैं और रहेंगे। जेजेपी के साथ आने या ना आने से हमें कोई मतलब नहीं है। हम मुख्यमंत्री और सरकार के सहयोगी हैं।

 

 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Vivek Rai

Recommended News

Related News

static