6 माह में किडनी-लिवर ट्रांसप्लांट, एमआरआई, सीटी स्कैन की बड़े स्तर पर होगी प्रदेश में सुविधा -अनिल विज

punjabkesari.in Friday, Dec 02, 2022 - 10:20 PM (IST)

चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी): देश के अग्रणी राज्यों में मौजूद हरियाणा आज तक प्रदेशवासियों को पूरी तरह से स्वास्थ्य सुविधाएं देने में नाकाम साबित होता रहा है। प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में एमआरआई- सीटी स्कैन और पीजीआई में किडनी- लीवर ट्रांसप्लांट की फैसिलिटी ना होना, प्रदेश के लिए आज तक बेहद चिंता की बात बना रहा। लेकिन जल्द स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के अथक प्रयासों से जल्द प्रदेशवासियों को एक बड़ा तोहफा मिलने जा रहा है। अब किडनी और लिवर ट्रांसप्लांट के लिए प्रदेश की जनता को आसपास के अन्य प्रदेशों दिल्ली -चंडीगढ़ या जयपुर भागने की जरूरत नहीं रहेगी। क्योंकि अगले 6 माह में बड़े स्तर पर यह सुविधा देने की रूपरेखा तैयार हो चुकी है। इस मामले में स्वयं प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज से हुई बातचीत में उन्होंने बताया कि हरियाणा सरकार प्रदेशवासियों को पर्याप्त मेडिकल सुविधाएं देने को लेकर प्रतिबद्ध है। प्रदेश में सरकार आने के बाद मेडिकल और हेल्थ इंस्टिट्यूशन के नक्शे बदले हैं।

 

उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी मिलने पर स्वास्थ्य सुविधाओं के हालात बेहद बुरे थे। छोटी-छोटी बीमारियों की दवाइयां अस्पतालों में या तो मिलती नहीं थी या फिर मरीजों को वितरित ही नहीं की जाती थी। हर साल एक्सपायर हो चुकी दवाइयों की एक बड़ी खेप खेतों में फेंक दी जाती थी। मेरे पद संभालने के बाद भी दो- चार ऐसी घटनाएं सामने आई। जिस पर कड़ा संज्ञान लेते हुए मैंने हर तरह की दवाई अस्पताल में ही मुहैया करवाने के आदेश जारी किए। सारी फैसिलिटी एमआरआई, सिटी स्कैन, डायलिसिस, हार्ट सेंटर इत्यादि की सुविधाओं को अस्पताल में मुहैया करवाया। सारी लैब्स अपग्रेड की। 100 बेडेड अस्पतालों को 200 बेडेड बनवाया। प्रदेश के अस्पतालों में कर्मचारियों की भारी कमी थी, नॉर्म्स और जरूरत के हिसाब से कर्मचारियों की भर्ती की।

 

 

स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि यह बात सही है कि पीजीआई रोहतक और अन्य मेडिकल कॉलेजों में लिवर और किडनी ट्रांसप्लांट की फैसिलिटी अभी तक मुहैया नहीं हो पाई। इस मामले में कई बार वीसी को प्रपोजल बनाने के लिए बोला, लेकिन वह सूटेबल प्रपोजल नहीं बना पाए। लेकिन मात्र 6 माह के अंदर अंदर पीजीआई रोहतक में किडनी और लिवर ट्रांसप्लांट, कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज करनाल में किडनी ट्रांसप्लांट और एमआरआई- सीटी स्कैन तथा महाराजा अग्रसेन में लिवर ट्रांसप्लांट की सुविधा उपलब्ध हो जाएंगी। इसके साथ साथ सभी प्राइवेट कॉलेजों में भी यह फैसिलिटी उपलब्ध करवाने को भी मैं प्रयासरत हूं।

 

 

 

देश में हरियाणा के इंस्टिट्यूशनस होंगे नंबर वन : अनिल विज

 

 प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने बताया कि मेडिकल कॉलेजों में रेगुलर डायरेक्टर अप्वॉइंट करवाने को लेकर कोर्ट में कुछ विचाराधीन मामलों को लेकर परेशानी आ रही थी। लेकिन उन केसो में अब एक स्ट्रांग रिप्लाई केस फाइल किया है। जल्द ही यह केस फाइनल हो जाएंगे। अगले 6 माह में एक क्रांतिकारी बदलाव हेल्थ और मेडिकल इंस्टिट्यूशन में देखने को मिलेंगे। हरियाणा के इंस्टिट्यूशनस को देश के नंबर वन इंस्टिट्यूशन बनाऊंगा, यह मेरा वायदा है

 

 

 

 

 

विभाग के आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की दिक्कतों को मैंने जड़ से मिटाया : अनिल विज

 

 

विज ने बताया कि जब विभाग संभाला तो एमरजैंसी की बेहद खस्ता हालत देखी, अस्पतालों में गया तो बड़ा अजीब सा माहौल लगा। क्योंकि जब कोई एक्सीडेंटल या गंभीर रूप से बीमार व्यक्ति को परिवार का सदस्य लेकर आता था तो एंबुलेंस से खुद परिजन ही उसे उतारते नजर आए। तुरंत प्रभाव से मैंने अलग से मरीज को उतारने के लिए कर्मचारियों की नियुक्ति के आदेश दिए। अब एंबुलेंस से उतारकर अंदर अस्पताल के बेड तक ले जाने की जिम्मेदारी कर्मचारी की है। इससे परिवार की परेशानी मैंने कम की है। आउटसोर्सिंग कर्मचारियों का शोषण किसी से छुपा नहीं था। पिछली सरकारों ने भी इस पर कभी ध्यान नहीं दिया। आउटसोर्सिंग के कर्मचारी तनख्वाह लेने के लिए रोते थे। कई कई माह तक तनख्वाह नहीं आती थी। मैंने बड़ा फैसला लेते हुए महीने की 10 तारीख तक तनख्वाह भेजने ऑर्डर जारी किए। चाहे हमें दूसरे फंड से भी तनख्वाह देनी पड़े। हम 10 तारीख तक तनख्वाह भेज रहे हैं। बिना वजह आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को हटाने पर मैंने रोक लगाई। ईपीएफ- ईएसआई की सुविधा इन कर्मचारियों को दी। मेरे इस फैसले से हजारों कर्मचारी लाभान्वित हो रहे हैं। विज ने बताया कि सभी टेस्टों की सुविधा ना होने के कारण डॉ अधिकतर टेस्ट अस्पताल के बाहर करवाने के लिए लिखते थे, मैंने एमरजैंसी अपग्रेड के बाद अस्पतालों में लैबोरेट्री अपग्रेड करते हुए सभी मशीनों का इंतजाम करवाया। आज अधिकतर टेस्ट अस्पतालों के अंदर हो रहे हैं। मैंने आईसीयू में सभी सुविधाओं व्यवस्था की है।

 

 

केवल बुखार- खांसी की ही नहीं, हर दवा आज हमारे अस्पतालों में मौजूद : अनिल विज

 

 

विज ने बताया कि पहले फंड की कमी के कारण अस्पतालों में हॉट -डायलिसिस समेत बहुत से इलाज नहीं हो पाने के कारण जनता के सामने एक भारी समस्या थी। पीपीपी मोड के अंतर्गत आज सभी नागरिक अस्पतालों में सभी प्रकार की व्यवस्थाएं होने का जनता बखूबी लाभ ले रही है। स्वास्थ्य विभाग से संबंधित बहुत सी कर्मचारी यूनियन ऐम्स -पीजीआई के बराबर वेतनमान को लेकर मुझसे मिली।  तुरंत विश्लेषण करके  मैंने एक कलम से हजारों कर्मचारियों की बेहद पुरानी इस मांग को पूरा कर दिया। आज सबसे अधिक वेतन देने वाला हमारा प्रदेश है। नर्स को नर्सिंग ऑफिसर और फार्मासिस्ट को फार्मासिस्ट ऑफिसर का दर्जा हमने दिया। अनिल विज ने बताया कि सरकारी अस्पतालों में अधिकतर दवाइयां ना मिलना भारी समस्या थी, बुखार- खांसी की 20-20 तरह की दवाइयां मौजूद थी, लेकिन गंभीर बीमारी की दवा बाहर से खरीदने को गरीब लोग मजबूर थे। समस्या गंभीर थी तो ड्रग लिस्ट दोबारा तैयार करवाई, आज गंभीर सभी रोगों कैंसर तक की दवाई नागरिक अस्पतालों में मौजूद है। यह मेरी उपलब्धि है। बेहद खराब दवा खरीद सिस्टम में सुधार किया। हैरानी की बात है इमरजेंसी से संबंधित दवाइयों की भी खरीद में कई कई माह लग जाते थे, खरीद सिस्टम में बदलाव कर एचएनएससीसी के नाम से अपना सिस्टम तैयार कर उसे मुख्यमंत्री से अप्रूव करवाया। आज कोई भी दवा खरीदने में 5 दिन से अधिक समय नहीं लगना मेरी उपलब्धि है।

 

 

 

बहुत से फर्जी मेडिकल कॉलेज मैंने किए बंद : अनिल विज

 

 विज बताते हैं कि रोजाना विधायक और पंचायतें मेरे पास डॉक्टर ना होने की शिकायत लेकर पहुंचे थे। केवल 3-4 मेडिकल कॉलेज डॉक्टरों की पूर्ति नहीं कर पा रहे थे। एक बड़ा फैसला लेते हुए रिटायरमेंट हो चुके चिकित्सकों अनुभव का लाभ हमने लिया।रिटायरमेंट की उम्र 58 से 65 वर्ष की। बहुत से अनुभवी डॉक्टरों का लाभ बतौर कंसल्टेशन हमारे चिकित्सकों को मिल रहा है। मेडिकल कॉलेज पर्याप्त ना होने के कारण बच्चे दूसरे राज्यों और विदेश में जाने के लिए मजबूर थे। बजट ध्यान में रखते हुए हर जिले में निजी या सरकारी मेडिकल कॉलेज की व्यवस्था की और हम लगातार आगे बढ़ रहे हैं।जिसका आने वाले समय में प्रदेश की जनता और आप लाभ देखेंगे। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने बताया कि मेडिकल कॉलेजों में नॉट अटेंडिंग कोर्स करके कर्मचारी जो इंजेक्शन और कैलोरी भी नहीं जानते थे आ रहे थे। हमने सभी मेडिकल कॉलेजों की विजिलेंस जांच करवाई। जिसमें एक बहुत बड़ा खेल सामने आया कि कागजों में बहुत सेे सुचारू रूप से चलने वाले कुछ कॉलेज अस्तित्व में भी नहीं है, हमने सभी को बंद किया। जिस कारण आज एक बहुत अच्छा स्टाफ हमें मिल रहा है। सभी सिविल अस्पतालों में नर्सिंग कॉलेज की मैंने व्यवस्था की है। अलग-अलग एक्ट से मेडिकल कॉलेज होने के कारण इसमें भर्ती होने वाले कर्मचारियों की शादी के बाद बदली ना होना एक बड़ी समस्या थी। मैंने सभी का एक कैडर किया जो अंतिम चरण में है। इस पुरानी मांग को मैंने पूरा किया और बहुत जल्द यह बदली की समस्या खत्म हो जाएगी।

 

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Content Editor

Ajay Kumar Sharma

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