किसान आंदोलन: टिकैत के बयानों से संयुक्त मोर्चा का किनारा, खींचतान आई सामने

punjabkesari.in Friday, Feb 26, 2021 - 09:17 AM (IST)

सोनीपत : नए कृषि कानूनों को रद्द करवाने की मांग को लेकर दिल्ली की सीमाओं को सील किए बैठे किसानों का नेतृत्व कर रहे संगठनों के नेताओं के बयान खींचतान का बड़ा कारण बन रहे हैं। एक बार फिर संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने किसान नेता राकेश टिकैत के बयानों से किनारा किया है। 40 लाख ट्रैक्टरों के साथ दिल्ली कूच के बयान को मोर्चा के कई जत्थेदारों ने टिकैत का निजी बयान बताते हुए साफ किया है कि मोर्चा की ऐसी कोई रणनीति फिलहाल नहीं है। मोर्चा के 28 फरवरी तक के कार्यक्रम तय हैं और 28 फरवरी को होने वाली बैठक में अगली रणनीति बनाई जाएगी।

उन्होंने किसान नेताओं को नसीहत भी दी कि वे इस प्रकार के बयान न दें जिससे किसानों या आंदोलन का नुक्सान होता है। इससे पहले फसलों को तबाह करने के बयान का भी विरोध हो चुका है। टिकैत द्वारा फसलों को आग लगाने के बयान के बाद से अब तक दर्जनभर किसान अपनी फसलों को तबाह कर चुके हैं जिससे संयुक्त किसान मोर्चा की चिंता बढ़ गई है। गुरुवार को कुंडली धरने पर मौजूद अखिल भारतीय स्वामीनाथन कमेटी संघर्ष समिति के प्रमुख विकल्प आचार्य ने कहा कि फसलों में आग लगाना, उन्हें तबाह करना या आत्महत्या करना आंदोलन का कोई तरीका नहीं है। फसलें हमारे बच्चों की तरह हैं। कोई भी व्यक्ति किसी आवेश में आकर ऐसी घटनाओं को अंजाम न दे। फसलें तबाह करना किसी का निजी बयान हो सकता है, यह संयुक्त मोर्चा का फैसला नहीं है। किसी के बहकावे में आकर किसान ऐसा न करें क्योंकि यदि किसान कमजोर होगा तो सीधे तौर पर आंदोलन कमजोर होगा।

वहीं मोर्चा के वरिष्ठ सदस्य एवं भारतीय किसान यूनियन के पंजाब अध्यक्ष जगजीत सिंह दल्लेवाल ने साफ किया कि संयुक्त किसान मोर्चा 15 दिनों का कार्यक्रम एडवांस बनाकर देता है और फिलहाल मोर्चा के कार्यक्रम में दिल्ली कूच करने का कोई कार्यक्रम शामिल नहीं है, न ही ऐसी कोई तैयारी की जा रही है। मोर्चा की आगामी बैठक में यह तय होगा कि इससे आगे के 15 दिनों के लिए क्या कार्यक्रम रहेंगे और किन तरीकों से विरोध जताया जाएगा। दल्लेवाल ने यह भी स्पष्ट किया कि फसल बर्बाद करने का कोई कार्यक्रम मोर्चा की ओर नहीं सुझाया गया है, यह किसी नेता का अपना बयान हो सकता है। किसान मोर्चा तो किसानों को यही सलाह दे रहा है कि किसी भी सूरत में अपनी फसलें बर्बाद न करें। वहीं गुरनाम चढूनी ने भी मोर्चा के सदस्यों के सुर में सुर मिलाया है। चढूनी ने कहा कि किसान अपनी फसलों को पूत की तरह पालते हैं, ऐसे में उन्हें बर्बाद किया जाना सरासर गलत है। चढूनी ने यह भी कहा कि दिल्ली कूच का कोई इरादा फिलहाल नहीं है। ऐसा कार्यक्रम बना तो बयान जारी किया जाएगा।

नहीं मान रहे किसान, सिलाना में 3 किसानों ने गेहूं की फसल को किया नष्ट
खरखौदा (शर्मा): किसान नेताओं की अपील का असर किसानों पर नहीं हो रहा। खड़ी फसलों को तबाह किया जाना जारी है। सोनीपत के सिलाना गांव में 3 किसानों ने अपने खेत में खड़ी गेहूं की फसल को ट्रैक्टर व दरातियों से काटकर नष्ट कर दिया। किसानों ने सरकार को चेतावनी दी कि जब तक 3 कृषि कानूनों को वापस नहीं लिया जाता तब तक वे अपनी बाकी बची हुई फसल को भी नष्ट कर सकते हैं। किसान मंजीत ने अपनी फसल को ट्रैक्टर चलाकर नष्ट कर दिया जबकि किसान संजय व बलजीत ने अपनी गेहूं की फसल को दराती से काटकर नष्ट कर दिया। इससे पहले सेहरी गांव निवासी बलवान नंबरदार ने भी अपनी 2 एकड़ खड़ी फसल को ट्रैक्टर चलवाकर खराब कर दिया था।

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Content Writer

Manisha rana

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