कुंडली बार्डर : 4 डिग्री पारे के बीच बढ़ी किसानों की मुसीबत, अचानक बढ़ी दवाओं की डिमांड

punjabkesari.in Thursday, Dec 17, 2020 - 08:50 AM (IST)

सोनीपत : कुंडली बार्डर पर जमे किसानों पर ठंड आफत बनकर बरस रही है। 4 डिग्री तक गिरे पारे के बीच किसान रातभर खुले आसमान के नीचे डेरा जमाए हुए हैं जिस कारण गत 5 दिनों में अचानक बीमारों की संख्या बढ़ गई है। किसान लगातार बुखार व खांसी-जुकाम से पीड़ित हो रहे हैं। प्रशासन यहां गत 19 दिनों में 16 हजार से ज्यादा पैरासिटामॉल की गोलियां बंटवा चुका है जबकि गत 4 दिनों में ही 4 हजार से ज्यादा गोलियां बांटी जा चुकी हैं। इसके अलावा 160 किसानों को चोटें भी आई हैं जिनकी ड्रैसिंग करवाई गई है। 

खास बात यह है कि अब तक 21 किसान गंभीर रूप से बीमार होने के कारण सोनीपत से रोहतक पी.जी.आई. में रैफर किए जा चुके हैं जबकि 40 से ज्यादा किसान सोनीपत के अलग-अलग अस्पतालों में उपचाराधीन हैं। जी.टी. रोड पर खुले में ठहरे किसानों के लिए ठंड बड़ी मुसीबत लेकर आई है। बुधवार को कुंडली बार्डर पर चौथे किसान ने दम तोड़ा है जिसका कारण ठंड के कारण हार्ट अटैक बताया जा रहा है। माना जा रहा है कि आगामी कुछ दिनों में ठंड बढ़ी तो किसानों के लिए काफी मुश्किल भरे दिन होंगे। सोनीपत प्रशासन ने चिकित्सीय सुविधाओं के साथ एम्बुलैंस व स्टाफ की ड्यूटी यहां लगाई है और निगरानी बढ़ा दी है। वहीं मैडीकल चैकअप काऊंटरों की भी संख्या बढ़ाई जा रही है। 

50 हजार मास्क वितरित, पर नहीं लगा रहे किसान 
अब तक जिला प्रशासन ने धरनारत किसानों को 50 हजार मास्क वितरित कर दिए हैं लेकिन किसान इनका इस्तेमाल नहीं कर रहे। बेहद कम किसान ही मास्क का इस्तेमाल कर रहे हैं। वहीं कृषि कानूनों के विरोध में बड़ी संख्या में किसान कुंडली बार्डर पर धरने पर बैठे हैं जिनके स्वास्थ्य को लेकर जिला प्रशासन लगातार नजर बनाए हुए है। धरना शुरू होने के बाद से 28 नवम्बर से धरनारत किसानों की स्वास्थ्य जांच शुरू करवा दी थी। 18 हजार किसानों की थर्मल स्कैनिंग की गई। 

गोलियों के अलावा 12 हजार इम्यूनिटी बूस्टर भी बांटे जा चुके 
किसानों के धरने पर सोनीपत प्रशासन की ओर से अब तक 16 हजार पैरासिटामॉल, 10112 बी-कॉम्पलैक्स, 12456 विटामिन-सी तथा 62 रेंटेक की टैबलेट वितरित की गईं। साथ ही एम्लोडिपिन की 665 टैबलेट, सिट्राजिन की 3032, ओ.आर.एस. 552 और मैट्रोजिल की 1248 टैबलेट बांटी जा चुकी हैं। आयुष विभाग के इम्यूनिटी बूस्टर की मांग भी देखने को मिली है। धरनारत किसानों को आयुष विभाग का इम्यूनिटी बूस्टर भी प्रमुखता से बांटा जा रहा है। अभी तक 11,254 इम्यूनिटी बूस्टर वितरित किए जा चुके हैं। इसके साथ ही 151 किसानों की ड्रैसिंग (पट्टियां) भी की गई है।

स्वास्थ्य जांच में बुखार के सबसे ज्यादा मामले आ रहे सामने 
स्वास्थ्य जांच के दौरान ऐसे किसानों को भी अस्पताल में रैफर किया जाता है जिनकी हालत ज्यादा गंभीर है। 21 किसानों को रैफर कर चुके हैं जिनमें 2 मृतक किसानों का मामला भी शामिल है। स्वास्थ्य जांच के दौरान अब अचानक बुखार के मरीज बढ़े हैं। बुखार पीड़ित किसानों की सूची भी तैयार की गई ताकि उनकी कोविड-19 की जांच की जा सके। अब तक 600 से ज्यादा किसानों को बुखार की शिकायत मिल चुकी है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ लगातार उनके स्वास्थ्य पर नजर रखे हुए हैं। 

कोरोना जांच को कतई तैयार नहीं किसान 
किसानों के स्वास्थ्य को लेकर चिंता इसीलिए भी बढ़ रही है क्योंकि कोई भी किसान लक्षण मिलने के बावजूद कोरोना जांच को तैयार नहीं है। कई बार स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोरोना जांच के लिए काऊंटर लगाया गया लेकिन किसानों ने उसे विरोध कर हटवा दिया। किसानों का कहना है कि वे कोरोना जांच किसी सूरत में नहीं करवाएंगे। वे यहां अपने हक के लिए आए हैं और हक लिए बिना यहां से नहीं जाएंगे, भले ही इसके लिए उन्हें प्राण भी क्यों न त्यागने पड़ें। 


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Manisha rana

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