कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की स्नातकोत्तर की परीक्षाएं संपन्न, 10 दिनों के भीतर निकालेंगे परिणाम: नीता

punjabkesari.in Tuesday, Oct 06, 2020 - 07:12 PM (IST)

चंडीगढ़ (धरणी): कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की स्नातकोत्तर की रेगुलर, प्राइवेट और डिस्टेंस की परीक्षाएं ऑनलाइन ब्लैंडिड मोड द्वारा सफलतापूर्वक आयोजित हो गई हैं। कोरोना काल में 3.50 लाख छात्रों की सुरक्षित ऑनलाइन परीक्षा आयोजित करवाना कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के लिए एक चुनौती थी। कुलपति डॉ. नीता खन्ना के मार्गदर्शन में परीक्षाएं सफलतापूर्वक आयोजित करके एक बार फिर से कुवि ने दृढ़ इच्छाशक्ति और संकल्प का परिचय देकर शिक्षा के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक मिसाल कायम की है। 

10 सितम्बर से शुरू हुई स्नातकोत्तर की परीक्षाएं 5 अक्टूबर को शान्तिपूर्ण व सफलतापूर्वक सम्पन्न हुई। स्नातक स्तर की भी परीक्षाएं अक्टूबर माह में सम्पन्न होंगी। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. नीता खन्ना ने इन परीक्षाओं के सफल आयोजन के लिए बनाई गई विशेष क्रियान्वयन कमेटी को बधाई दी है। इस कमेटी में प्रो. अनिल वोहरा, प्रो. सुनील ढींगड़ा, प्रो. सीसी त्रिपाठी, डॉ. हुकम सिंह, डॉ. अंकेश्वर प्रकाश व उनकी टीम ने परीक्षा सम्बन्धी सभी तकनीकी पहलुओं पर कार्य किया।

कुलपति डॉ. नीता खन्ना ने बताया कि सोच समझ कर बनाई गई इस योजना के अनुसार मुख्य रूप से छात्रों के स्वास्थ्य और सुरक्षा के साथ समझौता किए बिना और यूजीसी के दिशानिर्देशों का पालन करते हुए विश्वविद्यालय के शिक्षकों ने कोरोना योद्धाओं की तरह छात्र हित में कार्य करते हुए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई । इसके लिए सभी शिक्षक बधाई के पात्र हैं।

उन्होंने बताया कि कुवि की ऑनलाइन परीक्षा पद्धति की सफलता को देखते हुए पंजाब के विभिन्न विश्वविद्यालय भी इस तरीके को अपनाया है। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय ने सर्विलांस और प्रॉक्टरिंग के लिए पूरी परीक्षा में गूगल मीट का इस्तेमाल किया है। लगभग हर छात्र की प्रवेश परीक्षा की अवधि को गूगल मीट पर शिक्षकों द्वारा दर्ज किया गया। कुछ छात्र जिनका इंटरनेट धीमा था, उन पर व्हाट्सएप वीडियो कॉल द्वारा भी नजर रखी गई। जिन विद्यार्थियों को ऑनलाइन माध्यम में असुविधा थी उनके लिए ऑफलाइन माध्यम का विकल्प भी दिया गया था। 

ऑफलाइन माध्यम में विद्यार्थियों को उत्तर पुस्तिका भी विश्वविद्यालय मुहैया करवाई गई। उन्होंने बताया कि ब्लैंडेड मोड में परीक्षा करने से लगभग 3.50 करोड़ पेज की बचत हुई और पर्यावरण की दृष्टि से यह एक महत्वपूर्ण एवं सुखद पहलू भी है। बिना किसी प्रोफेशनल आईटी फर्म के परीक्षा आयोजित करवाना विश्वविद्यालय के शिक्षकों एवं कर्मचारियों की तकनीकी दक्षता को दर्शाता है।

विशेष क्रियान्वयन कमेटी के कन्वीनर प्रो. अनिल वोहरा ने बताया कि विश्वविद्यालय की परीक्षा शाखा द्वारा परीक्षार्थियों को सही समय पर प्रश्न पत्र उपलब्ध करवाए गए। प्रशासन द्वारा इस तरह की व्यवस्था बनाई गई थी जिससे विद्यार्थियों को परीक्षा सम्बन्धी किसी प्रकार की परेशानी न आए। ग्रामीण छात्रों को ध्यान में रखते हुए भी योजनाएं बनाई गई।

परीक्षा नियंत्रक डॉ. हुकम सिंह ने बताया कि केयू ने परीक्षाओं के सुचारू संचालन के लिए संबद्ध कॉलेजों में लगभग 250 पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की व 306 परीक्षा केन्द्रो के हर हालात पर नजर रखी गई। ऑनलाईन सम्बंधी तकनीकी समस्याओं को छात्र हित में तत्काल प्रभाव से दूर किया गया।

परीक्षा नियंत्रक डॉ. अंकेश्वर प्रकाश ने बताया कि विश्वविद्यालय ने करीब 3.47 लाख  परीक्षार्थियों को ऑनलाइन रोल नम्बर जारी किए गए। कुछ परीक्षाओं के परिणाम घोषित कर दिए गए हैं और बाकी परीक्षाओं के परिणाम भी जल्दी घोषित कर दिए जाएंगे। विशेष क्रियान्वयन कमेटी के सदस्य प्रो. सुनील ढींगड़ा ने बताया कि छात्रों की उत्तर पुस्तिका ऑनलाइन जमा करवाने के लिए विशेष योजना बनाई गई। उसके लिए हर रोल नम्बर के उपर ई-मेल आईडी व अतिरिक्त ईमेल आईडी व गूगल फार्म के लिंक उत्तरपुस्तिका को अपलोड करने के लिए दिए गए।

विशेष क्रियान्वयन कमेटी के सदस्य प्रो. सीसी त्रिपाठी ने बताया कि कोरोना काल में विद्यार्थियों की सुरक्षा हेतु प्राइवेट छात्रों के परीक्षा केन्द्र उनके जिलों में ही बनाए गए। तकनीक की सहायता से छात्रों को ब्लैंडिड मोड में कोई भी असुविधा नहीं हुई।


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vinod kumar

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