हिसार में किसानों पर हुआ लाठीचार्ज, वाटर कैनन की बौछारों के साथ पुलिस ने दागे आंसू गैस के गोले

punjabkesari.in Monday, May 30, 2022 - 08:46 PM (IST)

हिसार(विनोद): हरियाणा के हिसार में गाय और गौशाला बचाने को लेकर आंदोलन कर रहे किसानों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया है। यही नहीं किसानों को काबू करने के लिए पुलिस ने वाटर कैनन का प्रयोग भी किया और आंसू गैस के गोले छोड़कर किसानों को खदेड़ने की कोशिश की गई।

42 दिन से धरने पर बैठे खेदड़ के किसान

दरअसल गाय और गौशाला बचाने को लेकर किसान पिछले 42 दिनों से आंदोलन कर रहे हैं। हिसार के खेदड़ में थ्रमल पॉवर प्लांट के पिछले गेट पर किसान तकरीबन डेढ़ महीने से धरने पर बैठे हैं। आज किसानों ने खेदड़ में एक महापंचायत करते हुए कि धरने को प्लांट के मुख्य गेट पर शिफ्ट कर दिया। किसानों ने पावर प्लांट के मुख्य गेट पर कब्जा कर लिया है। किसानों की बढ़ती संख्या को देखते हुए पुलिस द्वारा बल प्रयोग किया गया। किसानों का आरोप है पुलिस ने उनके ऊपर लाठियां बरसाई हैं। किसानों पर आंसू गैस के गोले छोड़े गए और वाटर कैनन का इस्तेमाल भी किया गया। इस सबके बावजूद किसान थर्मल पावर प्लांट के गेट पर डटे हुए हैं। पुलिस के द्वारा किए गए बल प्रयोग के चलते कुछ किसानों को चोटें भी आई हैं।

थर्मल पावर प्लांट की राख को लेकर चल रहा विवाद

बता दें कि सारा विवाद खेदड़ में राजीव गांधी थर्मल पावर प्लांट से निकलने वाली राख को लेकर है। प्लांट मे बड़ी मात्रा में बिजली के उत्पादन के लिए कोयले के जलने से राख उत्पन्न होती है। इसमें 80 प्रतिशत राख सूखी फ्लाई ऐश होती है, शेष 20 प्रतिशत राख नीचे की राख है। सूखी फ्लाई ऐश सीमेंट की ईंटें बनाने वालों को बेची जा रही है। आरंभ में खेदड़ के ग्रामीणों को इस राख की सप्लाई मुफ्त में दी जा रही थी। लेकिन 22 फरवरी को पावर मंत्रालय ने फ्लाई ऐश की बिक्री के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। अब इसे बोली लगाकर बेचा जाना है। थर्मल प्लांट की ओर से इसके बाद मुफ्त में राख की आपूर्ति बंद कर दी गई है। ऐसा करने के बाद ग्रामीण सरकार के फैसले का विरोध कर रहे हैं और अग्रोहा रोड पर ऐश प्लांट के गेट को ताला लगाकर धरना दे रहे हैं। इनमें गांव के सरपंच से लेकर गोशाला के प्रधान समेत 150 से ज्यादा लोग धरने पर बैठे हैं। थोक विक्रेताओं की आवाजाही ठप होने से प्लांट को करोड़ों रुपए का नुकसान उठाना पड़ रहा था। थर्मल के ऐश प्लांट के गेट को बंद किए बैठे ग्रामीणों का तर्क है कि राख के उठान से जो आमदनी हो रही थी, वह गांव खेदड़ की गौशाला व गांव के कुछ विकास कार्यों पर खर्च हो रही थी। जब थर्मल प्लांट प्रबंधन के पास राखी का उठान करने की व्यवस्था नहीं थी, उस समय गौशाला ने ही ये ज़िम्मेदारी संभाली थी। थर्मल की राख से गौशाला का खर्चा चलता है और एक हजार गायों का पालन पोषण होता है। ग्रामीण राख को किसी अन्य को बेचने का विरोध कर रहे हैं और धरने पर बैठे हैं।

कई लोगों के खिलाफ मुकदमे भी हुए थे दर्ज

वही थाना बरवाला पुलिस ने थर्मल प्लांट के इंजीनियर की प्रवीण कुमार की शिकायत पर इस मामले में करीब एक महीना पहले 147/ 149/ 186/ 283/ 341/ 353 IPC के तहत केस दर्ज किया है। इसमें कालीराम, ब्रह्म प्रकाश प्रधान गौशाला, पवन, अध्यक्ष, शमशेर (शेरू) पूर्व सरपंच, दयानंद शर्मा, चांद, सतेंद्र सहारण, ताराचंद नैन, अनिल सहारण, सज्जन सिंह, प्रकाश नंबरदार, जोगी राम सैनी, वजीर सहारण, रामकेश नैन, हरदेव, सतबीर, रामनिवास, सोहनलाल, राजबीर सरपंच समेत 150 लोगों को शामिल किया गया है।

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Content Writer

Vivek Rai

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