गुरुग्राम और फरीदाबाद महानगर प्राधिकरण पर कानूनी उठे सवाल, नोटिफिकेशन नहीं हुई जारी

punjabkesari.in Friday, Jun 11, 2021 - 11:22 AM (IST)

चंडीगढ़(चन्द्र शेखर धरणी): मुख्यमंत्री  मनोहर लाल द्वारा हाल ही में  गुरुग्राम और फरीदाबाद के महानगरीय विकास प्राधिकरणों  की तर्ज पर पंचकूला ज़िले  के समग्र विकास के लिए भी पंचकूला महानगरीय विकास प्राधिकरण (पीएमडीए) का गठन करने की घोषणा की गयी है। उक्त दोनों मौजूदा प्राधिकरणों के चेयरपर्सन मुख्यमंत्री है एवं कई वरिष्ठ आईएएस अधिकारी उनके सदस्य हैं।

इसी बीच पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार ने बताया की जब उन्होंने  गुरुग्राम और फरीदाबाद के लिए  खट्टर  सरकार द्वारा बीते वर्षों में विधानसभा द्वारा बनाये गए दोनों कानूनों अर्थात गुरुग्राम मेट्रोपोलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी  (जीएमडीए ) एक्ट, 2017 और फरीदाबाद  मेट्रोपोलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी  (एफएमडीए) एक्ट, 2018 और इनके  अंतर्गत आज तक जारी सभी गजट नोटिफिकेशन्स का अवलोकन  किया, तो वह  अत्यंत हैरान हुए क्योंकि  आज तक उक्त दोनों कानूनों को  लागू करने सम्बन्धी गजट नोटिफिकेशन ही नहीं जारी  की गयी है जो हालांकि   प्रदेश के टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग  द्वारा जारी होनी चाहिए.थी.  हालांकि विभाग द्वारा बीते वर्षों में उक्त  कानूनों में  कई  अन्य नोटिफिकेशन्स जारी की गयी है जिसमें सम्बंधित  प्राधिकरण को नोटिफाई करना,  प्राधिकरण में  शामिल   क्षेत्र को अधिसूचित करना आदि  सम्मिलित हैं परन्तु  जब तक  कानून को लागू करने की नोटिफिकेशन जारी न की जाए तब तक बाकी सभी नोटिफिकेशन का कोई कानूनी औचित्य नहीं है।

हेमंत ने बताया कि जहाँ तक  जीएमडीए  कानून , 2017 का विषय है तो चार वर्ष पूर्व  16  जून, 2017 को इसे  सर्वप्रथम अध्यादेश के रूप में हरियाणा के राज्यपाल की स्वीकृति प्राप्त हुई एवं 28 जून, 2017 को इसे  सरकारी  गजट में नोटिफाई किया गया परन्तु यह  अध्यादेश  तत्काल प्रभाव    से लागू  नहीं हुआ चूँकि  अध्यादेश की   धारा 1 (2 )  अनुसार यह  उस तारिख से लागू होना था जो प्रदेश सरकार द्वारा निर्धारित कर अलग नोटिफिकेशन से अधिसूचित होनी थी. अंतत: 13 अगस्त 2017  को एक नोटिफिकेशन जारी की  गयी एवं  अध्यादेश के कई प्रावधान लागू किये गए एवं  दो अलग नोटिफिकेशन्स से  प्राधिकरण को  और उसमें शामिल क्षेत्र को नोटिफाई   किया गया।

इसके दो माह बाद अक्टूबर, 2017 में  उक्त अध्यादेश  को विधेयक के रूप में  हरियाणा विधानसभा से  पारित करवाया गया जिसके पश्चात उसे  8 नवंबर 2017 को राज्यपाल की स्वीकृति प्राप्त हुई एवं 5 दिसंबर 2017 को इसे  जीएमडीए  एक्ट, 2017 के तौर पर  गजट में नोटिफाई किया गया. हालांकि  इस कानून को न तो इसके  अध्यादेश जारी होने की तारीख अर्थात 28 जून 2017 से  और न ही उनके अंतर्गत जारी नोटिफिकेशन्स अर्थात 13 अगस्त 2017 की तारिख से  लागू  किया गया.  यही नहीं  विधानसभा द्वारा बने जीएमडीए कानून, 2017  की धारा 60 जिसके अंतर्गत अध्यादेश को निरसन (समाप्त) किया गया  हालांकि उसके अंतर्गत जारी नोटिफिकेशन्स को कानूनी मान्यता प्रदान की गयी, उस धारा को भी आज तक नोटिफाई कर लागू नहीं किया गया है. इस प्रकार कानूनी और तकनीकी रूप से जीएमडीए के मौजूदा स्वरुप  पर गंभीर प्रश्नचिन्ह उत्पन्न होते हैं क्योंकि यह कानून विधिवत और पूर्ण रूप से आज तक लागू ही नहीं किया गया।

इसी प्रकार  फरीदाबाद महानगर विकास प्राधिकरण सम्बन्धी एफएमडीए कानून, 2018  को    विधानसभा द्वारा  दिसंबर, 2018 में  पारित किया गया एवं  16 जनवरी 2019 को इसे राज्यपाल की स्वीकृति प्राप्त हुई और इसे 4 फरवरी 2019 को सरकारी गजट में  नोटिफाई  किया गया. हालांकि  इसकी भी   धारा 1 (2 ) के अनुसार यह उस तारिख से लागू होगा  जो कि प्रदेश  सरकार द्वारा निर्धारित  कर एक अलग  नोटिफिकेशन से अधिसूचित  की जाएंगी. आज  तक इसे लागू करने की उपरोक्त  नोटिफिकेशन भी जारी नहीं की गयी है।

इसके बाद हालांकि  3 सितम्बर 2020 को  एफएमडीए, 2018 की धारा 3 में  नोटिफिकेशन जारी कर इस प्राधिकरण के क्षेत्रों की सीमाएं निर्धारित की गयीं. इसके बाद इसी वर्ष  9 अप्रैल 2021  को  अर्थात इस प्राधिकरण की बैठक से ठीक एक दिन पहले  धारा  4 में एक नोटिफिकेशन जारी कर एफएमडीए को नोटिफाई किया गया.  10 अप्रैल को मुख्यमंत्री  की अध्यक्षता में हुई  प्राधिकरण की बैठक में  प्राधिकरण में शामिल क्षेत्र का और विस्तार करने का निर्णय लिया गया परन्तु आज तक एफएमडीए कानून ही लागू न होने के कारण उपरोक्त नोटिफिकेशन्स  का कोई कानूनी औचित्य नहीं है.

 

 


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Content Writer

Isha

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