भादरा बॉर्डर पर पहुंचा टिड्डी दल, किसानों की चिंताएं बढ़ी, प्रशासन अलर्ट

punjabkesari.in Saturday, Jul 25, 2020 - 04:08 PM (IST)

हिसार(विनोद सैनी): हरियाणा और राजस्थान के बीच भादरा बॉर्डर पर टिड्डी दल पहुंच चुका है। टिड्डी दल हिसार से मात्र 40 किलोमीटर की दूरी पर है। जिसको लेकर किसानों की चिंताएं बढ़ गई है। किसानों की फसलों को टिड्डियों से बचाने के लिए जिला प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट हो गया है। 

इस बारे हिसार कृषि विभाग के उपनिदेशक विनोद कुमार फोगाट ने कहा कि जिला उपायुक्त डा. प्रियंका सोनी ने टिड्डी दल के खात्मे के लिए सूचनाओं का तीव्र प्रेषण और संसाधनों के समुचित उपयोग की रणनीति बनाई है और टिड्डी नियंत्रण के संबंध में आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम में अधिकारियों को निर्देश दिए है।

टिड्डी दल के खात्मे के लिए सूचनाओं का तीव्र प्रेषण और सभी संसाधनों का समुचित उपयोग बहुत आवश्यक है। इसके लिए अधिकारी जरूरी रणनीति बनाएं। ताकि जिला में टिड्डी दल का प्रवेश होता है तो उसका जल्द से जल्द खात्मा किया जा सके। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि जिला में टिड्डी दल का प्रवेश हो ही ना, लेकिन यदि टिड्डी दल आ जाता है तो उसके खात्मे और नियंत्रण के लिए अपनी तैयारियां पूरी करके रखें। 

टिड्डी दल अगले तीन महीने तक सक्रिय रहने की संभावना जताई गई है। विनोद कुमार ने कहा कि केंद्र व प्रदेश सरकार टिड्डी दल के खात्मे और किसानों को इसके नुकसान से बचाने के प्रति गंभीर है। टिड्डी के खात्मे के लिए सबसे महत्वपूर्ण है सूचनाओं का प्रेषण। जिला में टिड्डी के प्रवेश की सूचना जितनी जल्दी प्रशासन तक पहुंचेगी, उतनी ही जल्दी इस पर नियंत्रण पाया जा सकता है। इसके लिए गांवों, विशेषकर सीमावर्ती गांवों में नियुक्त पटवारी व ग्राम सचिव अपने स्टेशनों पर मौजूद रहकर टिड्डी दल की गतिविधि पर नजर रखें और ग्रामीणों से तालमेल बनाए रखें। ताकि टिड्डïी दल आने की स्थिति में सूचना तुरंत कृषि विभाग व प्रशासन तक पहुंच सके।

उन्होंने कहा कि कृषि व बागवानी विभागों के अधिकारी-कर्मचारी भी अधिकतर समय फिल्ड में बिताएं। ग्रामीण टिड्डी दल के संबंध में कोई भी सूचना नोडल अधिकारी अरुण कुमार को उनके मोबाइल नंबर 92158-09009 अथवा कृषि विभाग के कार्यालय के दूरभाष 01662-225713 पर दे सकते हैं। 

हवा का रुख पहचान करना जरुर ही-
टिड्डी पर नियंत्रण के लिए हवा का रुख पहचानना और इसके बैठने के स्थान की सही मैपिंग करना बहुत जरूरी है। टिड्डियों पर स्प्रे के दौरान बिजली की उपलब्धता और जल स्रोतों की पहचान भी आवश्यक है। छिड़काव करने वाले कर्मचारियों को पीपीई किट पहनना भी जरूरी है ताकि कीटनाशक से उन्हें कोई नुकसान न हो। उन्होंने कहा कि गांवों में तालाब आदि जल स्रोतों में कभी भी स्प्रे नहीं करना चाहिए तथा स्प्रे वाले स्थानों पर उगाई गई चारा फसले पशुओं को नहीं खिलानी चाहिए।

कृषि उपनिदेशक विनोद कुमार ने बताया कि टिड्डी दल हरियाणा राजस्थान के बॉर्डर भादरा पर पहुंच चुका है। उन्होंने कहा कि राजस्थान अधिकारियों से पता चला है कि टिड्डी दल हरियाणा में दोबारा पहुंच सकता है। विनोद ने कहा कि किसान ढोल नगाड़े, थालियां, डीजे बजा टिड्डियों को भगाएं।


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Edited By

vinod kumar

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