धान घोटाले के मामले में पुलिस नहीं कर रही कार्रवाई, गृह मंत्री जांच सीबीआई को दें: मनीष कुमार

punjabkesari.in Wednesday, Jul 01, 2020 - 04:23 PM (IST)

चंडीगढ़ (धरणी): तकरीबन 12 साल पहले 2008 हुए धान घोटाले को लेकर गोहाना के एक कमीशन एजेंट मनीष कुमार ने गृह मंत्री अनिल विज को मेल करके गुहार लगाई है कि करीब 22 करोड़ से ऊपर की पेमेंट न देने के आरोपियों के खिलाफ कई थानों में केस दर्ज हैं, जिन पर पुलिस कार्यवाही नहीं कर रही, इसलिए यह मामला सीबीआई को दिया जाए।

दरअसल, करनाल के निसिंग की 3 राइस मिलों के मालिकों ने गोहाना की लक्ष्मी सेल्स कंपनी से धान खरीदकर उसकी पेमेंट नहीं की। गोहाना निवासी मनीष कुमार की शिकायत पर पुलिस ने निसिंग की नवज्योती, केटीसी व ताराचंद राइस मिल के 9 मालिकों पर धोखाधड़ी का केस भी दर्ज किया गया, लेकिन लम्बे समय के बाद भी कार्रवाई न होने पर शिकयतकर्ता मनीष ने अब इस मामले की जांच सीबीआई से करवाने की मांग की है। 

शिकायतकर्ता के अनुसार इन राइस मिलर्स पर इस तरह की ही धोखाधड़ी के मामले हरियाणा सहित यूपी में भी दर्ज हैं, लेकिन आरोपी अपने ऊँचे रसूख का फायदा उठाकर कार्रवाई से बच रहे हैं। मनीष कुमार का कहना है कि हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज को भी उन्होंने शिकायत की थी। उनके निर्देशों के बावजूद धान घोटाले के आरोपियों के खिलाफ दर्ज मुकदमों में अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। पुलिस के ढुल मुल रवैये को देख ही उन्होंने सीबीआई जांच की मांग की है।

एक कमीशन एजेंट के माध्यम से इस धोखाधड़ी की मार 120 कमीशन एजेंटों पर पड़ी है। उन्होंने बताया कि गोहाना की पुरानी अनाज मंडी में उनकी लक्ष्मी सेल्स कम्पनी है। उनकी मुलाकात 2007 में निसिंग के नव ज्योति एग्रो फूड मिल पर राजेन्द्र, सुशील व अनिल से हुई। आरोप है कि राजेन्द्र सिंगल ने उन्हें नवज्योति एग्रो फूड्स व तार चन्द राइज मिल में धान सप्लाई करने पर बातचीत की। यह वायदा भी किया गया कि सप्लाई के साथ पेमेंट भी होगी। इस पर एतबार करके उन्होंने गोहाना मंडी से अलग-अलग कमीशन एजेंटों से अपनी जिम्मेदारी पर धान खरीद कर इन तीनों की मिलों में 2008 में सप्लाई करने लगे।

पीड़ित कमीशन एजेंट मनीष कुमार ने बताया कि उन्होंने इन राइस मिलों को 2008 में धान भेजना शुरू किया। जिसमें इन राइस मिलों ने उसकी कुछ पेमेंट तो की। लेकिन करीब 22 करोड़ से ऊपर की पेमेंट इन राइस मिलर्स पर बकाया है। जब वह इन राइस मिलर्स से अपनी पेमेंट मांगते हैं तो उन्हें धमकियां दी जाती है। जिसके बाद पुलिस को इसकी शिकायत करने के बावजूद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई तो उसने गृह मंत्री अनिल विज से मिलकर कार्रवाई की गुहार लगाई।

मनीष ने बताया कि गृह मंत्री अनिल विज के कहने पर इस मामले में राइस मिलर्स पर एफआईआर तो दर्ज हुई और इसके लिए एक एसआईटी भी बनाई गई, लेकिन पिछले लम्बे समय से कार्रवाई के नाम पर उन्हें पुलिस की और से टालमटोल की जा रही है। पीड़ित कमीशन एजेंट मनीष कुमार ने बताया कि आरोपी राइस मिलर्स कई अन्य कमीशन एजेंट्स के साथ इसी तरह की करोड़ो की धोखाधड़ी कर चुके हैं, जबकि इन राइस मिलर्स पर हरियाणा सहित यूपी और दिल्ली में भी कई तरह से धोखाधड़ी के मामले दर्ज हैं, लेकिन आरोपी अपने ऊँचे रसूख के चलते कार्रवाई से बच निकलते हैं। पीड़ित ने मांग की है कि इस मामले की सीबीआई जांच कर आरोपियों पर कार्रवाई की जाए।


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Shivam

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