धान घोटाले में करेंगे कार्यवाही, इसे पकड़ना हमारी उपलब्धि है न कि फेलियर: मनोहर लाल

punjabkesari.in Monday, Feb 10, 2020 - 01:17 PM (IST)

चंडीगढ़(धरणी): हरियाणा के अंदर धान घोटाले को पकडऩे पर हरियाणा के सीएम मनोहर लाल जहां अपनी सरकार की कार्यप्रणाली को लेकर जहां पीठ थपथपा रहें हैं, वही विपक्ष को भी लपेटे में ले रहे हैं। धान घौटाले को लेकर पूछे गए सवाल पर सीएम मनोहर लाल ने कहा कि हमारी ही सरकार है कि जब हमें कोई कमी पता लगती है तो उस पर हम तुरंत जांच बैठाते हैं। जबकि पहले 10 साल की जो घौटालों वाली सरकार चली, उसमे घौटालों की भनक तक नहीं लगने देते थे।

खट्टर ने कहा कि धान घौटाले के सामने आने के बाद हमने खुद इसकी फिजिकल वेरिफिकेशन करवाई है। 90 करोड़ रुपये का इसमे नुकसान हुआ है तो ये हमने खुद बताया है। ये नुकसान किस -किस ने किया है। इस पर भी हम एक्शन ले रहे हैं। इसलिए यह भी हमारी उपलब्धि है न कि फेलियर। सीएम ने कहा कि मैंने विधानसभा में भी इसे लेकर कहा था कि इस मामले में संलिप्त पाए जाने वाले किसी भी व्यक्ति को छोड़ेंगे नहीं। जबकि दोषी पाए जाने वाले व्यक्ति पर कार्यवाही के साथ -साथ नुकसान की रिकवरी भी की जाएगी।

वहीं डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने कहा कि भूपेंद्र हुड्डा ने विधानसभा में भी धान खरीद में अनियमतायें होने की बात रखी थी। जबकि हमने उनकी बात रखने से पहले ही इस मामले में फिजिकल वेरिफिकेशन करवाई। उन्होंने कहा कि आज के दिन 36 हजार मीट्रिक टन धान कम पाई गई। जबकि हमारी टोटल खरीद 64 लाख मीट्रिक टन से अधिक है। 

इसकी अगर मात्रा निकाली जाए तो आधा प्रतिशत बनती है। जबकि सबके कॉन्ट्रैक्ट में लिखा हुआ है कि किसी भी मिलर के पास अगर 1 प्रतिशत तक की कमी पाई जाती है तो वे माफ होती है। इसके बावजूद जिस-जिस मिल में एक प्रतिशत से ज्यादा की धान कमी मिली। उसके खिलाफ हमने एक्शन लिया। दुष्यंत चौटाला ने कहा कि अगर कोई व्यक्ति ये कहता है कि इस सरकार के दौरान घौटाला हुआ तो मैं खुले तौर पर कहता हूं कि इसका रिकॉर्ड लाईये। 

दुष्यंत ने कहा कि भूपिंद्र हुड्डा 2013 में प्रदेश के सीएम थे। उस समय भी 65 हजार मीट्रिक टन से ज्यादा की शॉर्टेज आई थी। उन्होंने कहा कि घौटाला तब होता जब हमने किसी को पैसा दिया होता। जबकि आज भी हमने मिलर्स का 700 करोड़ रुपया होल्ड पर रखा है। जो लोग इसकी सीबीआई जांच मांगते है। इसके लिए भूपिंद्र हुड्डा लिखकर दे दें कि पिछले दस साल की सीबीआई जांच हो। उसमे पता चल जाएगा कि किसके कार्यकाल में घौटाला हुआ।

क्या कहते हैं धान घोटाले को उजागर करने वाले पी के दास
हरियाणा सरकार खाद्य एवं आपूत्र्ति विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पीके दास ने कहा कि एक संस्था है आर जी एंटरप्राइजेज जो कैथल की है, इस संस्था को सात हजार मैट्रिक टन पेडी अलॉट की गई थी। उस संस्था की चार हजार मैट्रिक टन की पेडी शार्ट मिली है और यह भी बताया जा रहा है कि मिलर वहां नहीं मिल रहे हैं। वह वहां से कहीं चले गए हैं।

पीके दास ने कहा कि हरियाणा सरकार ने 7 करोड़ के आसपास राशि मिलर से लेनी है। उन्होंने कहा कि मिलर का जो गारंटर था उसके डॉक्यूमेंट हरियाणा सरकार के दफ्तर में नहीं मिल रहे हैं। अब इस घटना को ध्यान में रखते हुए वहां निर्देश दे दिए गए हैं कि मिलर के खिलाफ, गारंटर के खिलाफ और हरियाणा सरकार के दफ्तर में जिसकी देखरेख में वह डॉक्यूमेंट होते थे उसके खिलाफ पर्चा दर्ज किया जाए। 

उन्होंने कहा कि मैंने खुद टेलीफोन पर जिले के एसपी से बात की है कि इस पर तुरंत कार्रवाई की जाए। इसके साथ ही हरियाणा सरकार ने सभी जिलों में यह निर्देश दिए हैं कि जो जिलों के गारंटी डाक्यूमेंट्स है वह उसको वेरीफाई करें और यह सुनिश्चित करें कि डाक्यूमेंट्स उनकी कस्टडी में सही सलामत है या नहीं। दास ने कहा कि अगले साल से ऐसा ना हो इसके लिए डाक्यूमेंट्स को पोर्टल में स्कैन करके अपलोड करेंगे। 

गौरतलब है कि हरियाणा खाद्य एवं आपूति विभाग ने राइस मिलों के द्वारा 90 करोड़ की अनियमितता पकड़ी थी। 5 जिले ऐसे हैं जिन्होंने विभाग के नोटिस का रिप्लाई नहीं दिया था। वह फतेहाबाद, करनाल, अंबाला, कुरुक्षेत्र और कैथल है। दास ने कहा कि खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने कड़ा फैसला लिया है कि विभाग अब मिल मालिकों के तीन तरह की करवाई करेगा। इसमें अब गारांटरो से वसूल पैसा किया जाएगा। मिल मालिकों को ब्लैक लिस्ट किया जाएगा। इसके साथ ही मालिकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया जाएगा।


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Edited By

vinod kumar

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