विपक्ष के साथ-साथ अपनों से भी 100 दिनों में सरकार को मिली कई चुनौतियां

punjabkesari.in Monday, Feb 10, 2020 - 09:28 AM (IST)

संजय अरोड़ा: मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की ओर से अपनी सरकार के 100 दिन पूरे होने पर जारी किए गए रिपोर्ट कार्ड पर सियासत में गर्माहट का आलम है। मुख्यमंत्री जहां अपनी सरकार के 100 दिन के कार्यकाल पर पूरी तरह से संतुष्ट नजर आ रहे हैं, वहीं विपक्ष सरकार के कामकाज से असंतुष्ट दिख रहा है। सरकार के रिपोर्ट कार्ड पर विपक्ष की ओर से तीखे हमले बोले जा रहे हैं।

गौरतलब है कि पिछले साल 27 अक्तूबर को दीपावली पर्व पर मनोहर लाल खट्टर ने दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली और सरकार के 100 दिन पूरे होने पर इसी वर्ष 7 फरवरी को सरकार ने रिपोर्ट कार्ड प्रस्तुत किया। कृषि, शिक्षा, बिजली, राजस्व, सूचना प्रौद्योगिकी पर केंद्रित इस रिपोर्ट कार्ड में सरकार की ओर से अपनी योजनाओं के अलावा उपलब्धियों का जिक्र किया गया है। सरकार अपने रिपोर्ट कार्ड से संतुष्ट तो नजर आ रही है लेकिन सियासी पर्यवेक्षकों का मानना है कि सरकार के ये 100 दिन उपलब्धियों के साथ-साथ चुनौतियों से भी भरे रहे हैं।

इन 100 दिनों में मुख्यमंत्री मनोहर लाल को न केवल विपक्ष बल्कि अपनों से भी लगातार चुनौतियां मिली हैं। मंत्रिमंडल का गठन होने के बाद सी.आई.डी. विभाग को लेकर मुख्यमंत्री व गृह मंत्री अनिल विज की तकरार कई दिनों तक चलती रही। यह तकरार इस कद्र बढ़ गई कि भाजपा के हरियाणा मामलों के प्रभारी अनिल जैन व बाद में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा तक को हस्तक्षेप करना पड़ा।

बबली, बलराज व गौतम ने बढ़ाई परेशानी
सरकार में शामिल जजपा के टोहाना से विधायक देवेंद्र बबली ने भी पुलिस की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह् लगाए। सरकार को समर्थन दे रहे महम से आजाद विधायक बलराज कुंडू तो लगातार मनोहर सरकार के पहले कार्यकाल में मंत्री रहे मनीष ग्रोवर पर हमले बोल रहे हैं।

कुंडू ने ग्रोवर पर भ्रष्टाचार के संगीन आरोप लगाए तो उसके बाद ग्रोवर ने भी कुंडू पर पलटवार किया। यही नहीं, सरकार में शामिल जजपा के एक और विधायक रामकुमार गौतम ने अपने नेता व सरकार में उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला पर सीधा सियासी हमला बोल दिया। ऐसे में अपने 100 दिन के शुरूआती कार्यकाल का समय मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के लिए चुनौतीपूर्ण भी कहा जा सकता है।

विपक्ष का सरकार पर प्रहार
सरकार के 100 दिन के रिपोर्ट कार्ड पर विपक्ष उन्हें घेरता नजर आ रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा काकहना है कि यह जुमलों की सरकार है। जरूरी मुद्दों से जनमानस का ध्यान भटकाया जा रहा है। सरकार ने 100 दिन में ऐसा कोई काम नहीं किया जिसे उपलब्धियों में शुमार किया जा सके। 

उन्होंने सरकार के रिपोर्ट कार्ड पर तथ्यों व आंकड़ों के साथ हमला बोला। 100 दिन तो क्या सरकार के पिछले 5 साल के कार्यकाल की कोई उपलब्धि नहीं है। उनका कहना है कि भ्रष्टाचार बुलेट ट्रेन की गति से भी तेज हो रहा है। इस सरकार के कार्यकाल में न कोई रेलवे लाइन आई, न ही मैट्रो की नई लाइन बिछी। 100 दिन में सतलुज-यमुना ङ्क्षलक नहर की तो चर्चा ही नहीं हुई। इस सरकार के कार्यकाल में कोई आई.एम.टी. नहीं आया। जी.डी.पी. आज 4 फीसदी रह गई है।

बेरोजगारी की दर 2.8 फीसदी से 28 फीसदी हो गई है। क्राइम में आज हरियाणा ने उत्तर प्रदेश को पीछे छोड़ दिया है। वहीं, इनैलो विधायक अभय सिंह चौटाला का कहना है कि सरकार के मंत्रियों में जनता को भ्रमित करने की होड़ लगी हुई है। इस सरकार में सभी तबके पूरी तरह से आहत हैं। खबरों की हैडलाइन बनने के लिए मुख्यमंत्री तहसील कार्यालयों में रेड करते हैं तो उपमुख्यमंत्री अस्पतालों में। इस सरकार में भ्रष्टाचार चरम पर है।

7 फरवरी को पूरे हुए 100 दिन
उल्लेखनीय है कि 24 अक्तूबर 2019 को हरियाणा विधानसभा चुनावों के नतीजे आए थे। भाजपा को 40, कांग्रेस को 31, जजपा को 10, इनैलो व हलोपा को 1-1 सीट पर जीत मिली थी, जबकि 7 आजाद विधायक बने थे। भाजपा ने जजपा व आजाद उम्मीदवारों के साथ मिलकर सरकार बनाई।  27 अक्तूबर को मनोहर लाल खट्टर ने दूसरी बार मुख्यमंत्री के पद की शपथ ली। इस तरह से इसी साल 7 फरवरी को सरकार के 100 दिन पूरे हुए।   


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Edited By

vinod kumar

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