गुरु तेग बहादुर के प्रकाश उत्सव में पड़ोसी राज्यों के कई मुख्यमंत्री शामिल होंगे: संदीप सिंह

punjabkesari.in Wednesday, Apr 20, 2022 - 01:00 PM (IST)

चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी): ऐतिहासिक और धार्मिक नगरी पानीपत में हरियाणा सरकार 24 अप्रैल को गुरु तेग बहादुर का 400 साला प्रकाश उत्सव बड़े धूमधाम से मनाने की तैयारियों में लगी हुई है। जिसे लेकर करनाल सांसद संजय भाटिया, हरियाणा के खेल मंत्री संदीप सिंह और डीजीपीआर अमित अग्रवाल के साथ एक सरकार का डेलिगेशन अमृतसर गोल्डन टेंपल के पवित्र स्त्रोत से जल भी लेकर आया है। इस कार्यक्रम की रूपरेखा क्या होगी और इसमें कौन-कौन शामिल होगा, इस पर हरियाणा के खेल मंत्री संदीप सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि इस भव्य कार्यक्रम में बड़ी मात्रा में संत- महात्मा और सिख जत्थे पहुंचेंगे और स्वयं प्रदेश के मुख्यमंत्री इस कार्यक्रम को लेकर बेहद उत्साहित हैं।


पड़ोसी राज्यों पंजाब, हिमाचल, उत्तर प्रदेश, राजस्थान इत्यादि के मुख्यमंत्रियों को भी उनके द्वारा इनवाइट करने की उम्मीद है। सुबह से शाम तक 24 अप्रैल को शहर में बड़े स्तर पर कीर्तन होगा। दूर-दूर से साध संगत प्रकाश उत्सव में पहुंचेगी। समागम में गुरुद्वारे से शुरू हुआ नगर कीर्तन गुरु ग्रंथ साहिब जी की सिर पर सवारी पंडाल तक पहुंचेगी। जहां भव्य नगर कीर्तन का आयोजन होगा। पंडाल में पाठ होगा और शाम को एक बड़े स्तर पर लंगर का आयोजन किया गया है। बड़े स्तर पर ब्लड कैंप की व्यवस्था की गई है।

सिख इतिहास और गुरु तेग बहादुर जी के इतिहास के बारे में लोगों को अवगत करवाया जाएगा। संदीप सिंह ने बताया कि गुरु तेग बहादुर जी का जन्म स्थल भी अमृतसर में है। हमारा डेलिगेशन उनके पवित्र स्थान पर पहुंच कर उनका आशीर्वाद लेने के बाद अमृतसर गोल्डन टेंपल सरोवर से पवित्र जल लेकर लौटा है। इस कार्यक्रम में पहुंचे संत समाज को श्री साहिब वाह यह पवित्र जल भेंट के रूप में यादगार के लिए दिया जाएगा।


मुग़लों के ख़िलाफ़ युद्ध में वीरता का परिचय देने पर   पिता गुरु साहब ने तेग बहादुर के नाम से किया था सुशोभित
बता दें कि गुरु तेग़ बहादुर जी का जन्म पंजाब के अमृतसर नगर में हुआ था। ये गुरु हरगोविन्द जी के पाँचवें पुत्र थे। आठवें गुरु इनके पोते 'हरिकृष्ण राय' जी की अकाल मृत्यु हो जाने के कारण जनमत द्वारा ये नवम गुरु बनाए गए। इन्होंने आनन्दपुर साहिब का निर्माण कराया और ये वहीं रहने लगे थे। उनका बचपन का नाम त्यागमल था। मात्र 14 वर्ष की आयु में अपने पिता के साथ मुग़लों के हमले के ख़िलाफ़ हुए युद्ध में उन्होंने वीरता का परिचय दिया। जिस पर उनके पिता गुरु साहब ने उनका नाम त्याग मल से बदलकर उन्हें तेग बहादुर के नाम से सुशोभित किया।


फर्जी सर्टिफिकेट के दोषियों पर कानूनी कार्यवाही भी करेगा विभाग
मंत्री ने ग्रेडेशन सूची पर बात करते हुए कहा कि हम ग्रेडेशन जिला वाइज कर रहे हैं। पब्लिश करने के बाद इन पर कार्यवाही अवश्य सुनिश्चित होगी। जो भी खिलाड़ी फर्जी ग्रेडेशन सर्टिफिकेट का दोषी पाया गया, उस पर कानूनी कार्यवाही भी विभाग करेगा। संदीप सिंह ने बताया कि लगातार इस प्रकार की शिकायतें आ रही थी कि खिलाड़ियों ने खेलों में हिस्सा भी नहीं लिया, लेकिन उन्हें फर्जी ग्रेडेशन सर्टिफिकेट जारी कर दिए गए। हमने इसकी टेली करके क्रॉस चेक किया और अब हम फर्जी ग्रेडेशन सर्टिफिकेट वालों को चिन्हित करने का काम करेंगे।


ग्रुप डी की भर्ती में फर्जी प्रमाण पत्र आए थे सामने
बता दें कि 2018 में ग्रुप डी की भर्ती में हुए ग्रेडेशन सर्टिफिकेट फर्जीवाड़ा सामने आया था। काफी संख्या में युवाओं ने फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी पा ली। विभाग ने अपने स्तर पर जांच कराई तो 2018 से 2021 तक विभाग की ओर से कुल 5627 प्रमाण पत्र जारी किए गए। इनमें से 2403 संदिग्ध पाए गए थे। बाद में इस मामले की जांच विजिलेंस को दी गई। जांच रिपोर्ट में असलियत सामने आएगी कि कितने खिलाड़ियों ने फर्जी ग्रेडेशन सर्टिफिकेट के आधार पर नौकरी पाई है।

 


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Content Writer

Isha

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