कई बार विधायक-सांसद बनने वाले नेता इतिहास के सबसे लंबे सत्र को टाइमपास बता रहे हैं : गुप्ता
punjabkesari.in Monday, Mar 28, 2022 - 04:41 PM (IST)
चंडीगढ़ (धरणी) : नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा द्वारा बजट सत्र में सरकार ने काम नहीं बल्कि टाइम पास किया के आरोप पर जवाब देते हुए हरियाणा विधानसभा स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने कहा है कि बहुत आश्चर्य होता है, जब इतने उच्च स्तर के नेता जो कई बार विधायक -सांसद रहे, सदन के बारे में जब इस प्रकार की बात करते हैं। यह सत्र आज तक के इतिहास में सबसे लंबा सत्र रहा, जिसमें सबसे अधिक बैठकें हुई। बिजनेस एडवाइजरी कमिटी में सभी की सहमति से जिसमें नेता प्रतिपक्ष भी शामिल थे उसके अनुसार 10 बैठकें तय की गई थी, लेकिन सदन की इच्छा और मांग पर हमने 10 की जगह 12 बैठकें की।
गुप्ता ने कहा कि आज तक के इतिहास में सबसे अधिक 81 कॉल अटेंशन मोशन में से 21 एग्विट हुए और 6 पर चर्चा हुई। आज तक के इतिहास में कभी भी 6 कॉल अटेंशन मोशन पर चर्चा नहीं हुई थी। सरकार द्वारा अट्ठारह बिल पेश किए गए जिसमें से 15 पास हो गए और दो सिलेक्ट कमेटी के पास भेजे गए, एक सरकार ने वापस लिया। हमने सदन में अल्पावधि का भी प्रशन लगाया। इस सत्र में इतना अधिक काम होने के बावजूद नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा कहते हैं कि केवल टाइम पास किया गया। लेकिन दूसरी तरफ जो सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायकों से फीडबैक मिला, सभी ने रिसेस पीरियड के दौरान समितियों की बैठक में बहुत कुछ बजट के बारे में सीखने की बात कही। इसके बावजूद अगर राज्यपाल के अभिभाषण के सत्र को कोई सिर्फ टाइमपास बता रहा है तो फिर यह बात उचित नहीं है।
बजट सत्र बारे बात करते हुए विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने कहा कि मेरी व्यक्तिगत राय यह है कि यह बजट सभी वर्गों को लाभान्वित करने वाला बजट है। जिसमें स्वास्थ्य, एजुकेशन और स्पोर्ट्स के बजट में काफी इजाफा किया गया है। यह एक अच्छा बजट साबित होगा। विपक्ष की नजर में यह शायद हितकारी बजट ना हो। लेकिन मेरा मानना है कि यह सर्वस्पर्शी-सर्व हितकारी बजट है। हर बार की तरह अच्छा बजट ना बताने की आदत के कारण ऐसा कहा जा रहा है।
हाल ही में पड़ोसी राज्य पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा की जा रही घोषणाओं से हरियाणा की सियासत की सरगर्मी बनी हुई है। हाल ही में पंजाब के मुख्यमंत्री ने घोषणा की है कि पूर्व विधायकों को मात्र एक ही कार्यकाल की पेंशन दी जाएगी। चाहे विधायक कितनी बार जीता हो, इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ेगा। बता दें कि इसी प्रकार हरियाणा में भी ऐसा ही कानून है कि बहुत से विधायक और पूर्व विधायक कई कई बार चुनाव जीते हुए हैं जो कि हर कार्यकाल की अलग-अलग पेंशन ले रहे हैं। जिससे सरकारी खजाने पर भारी-भरकम बोझ बना रहता है। लेकिन विधानसभा में कानून बनाने वाले आखिर अपने खिलाफ कानून कैसे बनाएं मामला यहां उलझा रहता है। इस प्रशन पर विधानसभा स्पीकर ज्ञान चंद गुप्ता ने कहा कि इस बात का सही जवाब प्रदेश सरकार - प्रदेश के मुख्यमंत्री ही दे पाएंगे।