हरियाणा: असंगठित क्षेत्र में जा सकती हैं 50 फीसदी से अधिक नौकरियां

punjabkesari.in Thursday, May 07, 2020 - 11:02 PM (IST)

चंडीगढ़: दुनियाभर में तेजी के साथ फैल रहे घातक कोरोना वायरस ने वैश्विक अर्थव्यस्था को बुरी तरह से प्रभावित किया है। काेराेना वायरस के चलते कई कर्मचारियाेंं की नाैकरियाें संकट छा गया है। ताे वहीं कई लाेग बेराेजगार हुए है, नाैकरी न हाेने से दाे समय का खाना तक नसीब नहीं हाे रहा है। लाॅकडाउन में लाेगाें के सामने कई समस्याएं पैद हाे गई हैं। 

इन्हीं में से एक सुरेंद्र कुमार (28) जाेकि अपने दो भाइयों के साथ हरियाणा के फतेहाबाद में प्लंबर का करता था। उसे पिछले साल किडनी की बीमारी का पता चला था, जिसके बाद उसका सिरसा के एक धर्मार्थ अस्पताल में नियमित अंतराल पर डायलिसिस चल रहा था। जिस पर हर बार 1100 रुपये खर्च आता था। 

सुरेंद्र ज्यादा काम नहीं कर पा रहा था, लेकिन उसके भाइयों ने मदद कर उसका इलाज जारी रखने में मदद की। इसी बीच कोरोना वायरस के चलते हुए लाॅकडाउन के कारण उसके पास काेई काम नहीं रहा। वहीं दाेनाें भाई भी बेराेजगार हाे गए। जिसके कारण वह अब अपना इलाज जारी रखने में असमर्थ है, अकेले परिवार के लिए दो वर्ग भोजन की व्यवस्था कर पा रहा है। 

लाॅकडाउन में ये काेई अलग मामला नहीं है। राज्य के कई  जिलाें में ऐस मामले सामने आ रहे हैं।बहादुरगढ़ की एक फुटवियर फैक्ट्री में दिहाड़ी मज़दूरी करने वाली राधा और पानीपत की एक कपड़ा इकाई में कार्यरत राजेश 22 मार्च से जनता कर्फ्यू के बाद बिना काम के हैं। 

इंडियन फेडरेशन ऑफ ट्रेड यूनियंस हरियाणा के संयोजक पीपी कपूर ने कहा कि हरियाणा में लाॅकडाउन का प्रभाव विशेष रूप से असंगठित क्षेत्र में देखने काे मिल रहा है। पानीपत जिले में कपड़ा उद्योग में बड़े पैमाने पर काम करने वाले 3.5 लाख मजदूर थे, उनमें से लगभग 90 प्रतिशत के पास नियमित नौकरी नहीं है। इनके पास कोई पहचान पत्र नहीं है। उन्हाेंने कहा कि लॉकडाउन में परेशान होकर इनमें से कम से कम एक लाख पहले ही अपने राज्यों के लिए रवाना हो चुके हैं, जबकि कई अन्य लोग अपने घर जाने के लिए प्रयास में जुटे हैं। 

वहीं इंटीग्रेटेड एसोसिएशन ऑफ माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्रेन्योर ऑफ इंडिया, फरीदाबाद के चेयरमैन राजीव चावला ने कहा कि नौकरियों पर लाॅकडाउन का असली असर महीने के अंत तक ही पता चलेगा। चावला ने कहा कि हालांकि हमें 50 प्रतिशत कार्यबल के साथ इकाइयों को चलाने की अनुमति दी गई है, लेकिन केवल 10 से 15 प्रतिशत को ही बुलाया जा रहा है, क्योंकि उद्योगों के पास कोई आदेश नहीं है।

राय इंडस्ट्रियल एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश छाबड़ा ने कहा कि इससे कम से कम 50 प्रतिशत कर्मचारी अपनी नौकरी खो देंगे। उन्हाेंने कहा कि किसी को भी पता नहीं है कि सामान्य स्थिति कब वापस आएगी।


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Edited By

vinod kumar

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