जम्मू कश्मीर में हरियाणा का जांबाज शहीद, नम आंखों से दी गई अंतिम विदाई

punjabkesari.in Wednesday, Nov 18, 2020 - 06:47 PM (IST)

पलवल (दिनेश कुमार): भारतीय सेना में नायक पद पर तैनात पलवल के गांव सिहोल निवासी नरेंद्र कुमार का ड्यूटी के दौरान हृदय गति रूकने से निधन हो गया। शहीद का पार्थिक शरीर बुधवार को पैतृक गांव सिहोल लाया गया, जहां राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। नरेंद्र को मुखाग्नि शहीद उनके पांच वर्षीय बेटे धैर्य ने दी।

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गौरतलब है कि पलवल के गांव सिहोल निवासी नरेंद्र कुमार ने एक जनवरी 2007 को सेनी ज्वाइन की थी। जम्मू कश्मीर में ड्यूटी के दौरान 15 नवम्बर को करीब डेढ़ बजे हृदय गति रूकने से नरेंद्र कुमार की मौत हो गई। उनकी मौत की खबर सुनकर गांव में मातम छा गया। नरेंद्र के पिता राम सिहं भी सेना में नायब सूबेदार के पद से रिटायर्ड हुए थे। 

लगभग डेढ़ वर्ष पूर्व उनके भाई सुशील की मृत्यु भी सेना में ड्यूटी के समय ह्दय गति रूकने से हुई थी। अभी उनका एक भाई सेना में है और दूसरा भाई गांव में कृषि कार्यों को संभाल रहा है। नरेंद्र कुमार की 7 वर्षीय बेटी मानवी व 5 वर्षीय बेटा धैर्य है।

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शहीद नरेंद्र कुमार के पिता नायब सूबेदार रामसिहं ने कहा कि उन्हें अपने बेटे की शहादत पर गर्व है कि देश की सेवा करते हुए वह शहीद हो गया। उन्होंने कहा कि देश के हर नागरिक को अपने बेटे को सेना में भर्ती करना चाहिए। उन्होंने देश की सेवा के लिए अपने बेटों को सेना में भर्ती कराया। उनका जीवन भी देश की सेवा में बीता है।

सेना में तैनात हवलदार राकेश कुमार ने कहा कि अचानक तबीयत खराब होने की वजह से नायक नरेंद्र कुमार को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। हृदय गति रूकने की वजह से उनकी मौत हो गई। उन्होंने कहा कि सर्विस के दौरान जवान की मौत होने पर उन्हें शहीद का दर्जा दिया जाता है।

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सेना की तरफ से शहीद को पूरा मान सम्मान दिया जाता है। उन्होंने कहा सेना में जवानों को घर तक हर सहायता उपलब्ध करवाई जाती है। जबकि सिविल में ऐसा नहीं है। हमें देश की सेना पर गर्व होना चाहिए और शहीदों को पूरा मान सम्मान देना चाहिए।


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vinod kumar

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