सरकार के डर सें नहीं नैतिकता के तौर पर 15 जून के बाद धान के खेत में पानी छोड़े किसान: नरेश

punjabkesari.in Monday, May 31, 2021 - 04:06 PM (IST)

ऐलनाबाद (सुरेंद्र सरदाना): धान उत्पादन में सिरसा जिला अवल माना जाता है। चूंकि धान उत्पादन के लिए प्रकृति का बहुमूल्य रत्न व जीवन रूपी अमृत पानी का नुकसान अत्यअधिक रूप में होता है। यह पानी नहरों के अलावा किसानों द्वारा भूमि के गर्भ से नलकुपों द्वारा भू दोहन कर धान उत्पादन के लिए प्रयोग में लाया जाता है। प्रत्येक वर्ष धान उत्पादन के लिए ऐसे भू दोहन के चलते जिला का जल स्तर पिछले 20 वर्षों में लगातार नीचे जा रहा है, जो कि ऐलनाबाद खंड में 90 के दशक 2 से 5 फुट तक का था, वह अब 120 से 150 फुट तक पहुंच गया है। इससे आने वाले समय में मानव जीवन के अस्तित्व के लिए खतरा है 

ऐसे में पानी की बचत के लिए सरकार ने चिंतित हो कर नियम बनाया है कि कोई भी किसान 15 जून से पहले अपने खेतों में धान की रोपाई न करें। इसको लेकर गांव तलवाड़ा खुर्द के जागरूक किसान व चिंतक नरेश सरदाना ने किसानों से आह्वान किया है कि किसान सरकार के फरमान से डरे नहीं, बल्कि नैतिकता के तौर पर और प्रकृति की इस बेशकीमती धरोहर को बचाने के लिए 15 जून के बाद ही अपने खेतों में धान रोपाई के लिए पानी छोड़े। चूंकि वैज्ञानिक दृष्टिकोण के मुताबिक 15 जून से पहले वायुमंडल में वाष्पीकरण की मात्रा अत्यधिक होती है, जिससे पानी का वाष्पीकरण हो इसकी बर्बादी अधिक होती है। 

कृषि विशेषज्ञों के अनुसार 1 किलो चावल के उत्पादन के लिए 15 जून से पहले लगभग 3500 लीटर पानी की जरूरत पड़ती है और ठीक इस प्रकार 15 जून के बाद अगर धान की रोपाई के लिए पानी छोड़ा जाए तो आंकड़े बताते हैं कि तब 1 किलोग्राम चावल के उत्पादन के लिए लगभग 1000 लीटर पानी की जरूरत पड़ती है। नरेश सरदाना ने बताया कि इस प्रकार हम 15 जून के बाद अपने खेतों में पानी छोड़ कर भारी मात्रा में पानी की बचत कर सकते हैं जो कि मानव जीवन के अस्तित्व के लिए बहुत जरूरी है। 

उन्होंने बताया कि उनके द्वारा इस के लिए वह खंड के धान बाहुल्य गांव जैसा कि थोबरिया, मिर्जापुर, अमृतसर खुर्द-कलां, जीवननगर, दमदमा आदि गांवों में पानी बचाओ जागरूकता अभियान चलाया जाना था। इन गांवों के किसानों से रूबरू हो उन को 15 जून के बाद अपने खेतों में धान के लिए पानी छोड़ने की अपील करने का खाका तैयार किया था, लेकिन कोविड महामारी के चलते उन्होंने सरकार के नियमों की पालना करने के लिए यह कार्यक्रम स्थगित कर दिया है, लेकिन इसका रूप बदलकर फोन के माध्यम से उक्त गांवों के किसानों से सम्पर्क साध उन्हें जागरूक करने का अभियान शुरू कर दिया है। 

नरेश सरदाना द्वारा चलाए गए इस अभियान की जल बचाओ के स्टार प्रचारक एडवोकेट रमेश गोयल जो गत 20 वर्षों  से जल बचाओ अभियान चलाए हुए है और अंतरराष्ट्रीय स्तर भी इस के लिए सन्मानित हो चुके है, ने भी नरेश सरदाना द्वारा चलाई गई इस मुहिम की प्रशंसा की व उनका इस मुहिम में सहयोग करने की भी बात कही। इस के साथ नरेश सरदाना ने उपायुक्त सिरसा से भी मांग की है कि वह कृषि विभाग के साथ अन्य विभाग को भी जोड़ तुरंत प्रभाव से टीमें बनाई जाए व गांव-गांव जाकर किसानों को 15 जून से पहले पानी न छोड़ने की अपील करे व यह टीम धरातल पर इस काम को अमलीजामा पहनाने का काम करे। सरदाना ने आगे बताया कि अगर हमने आज यह मुहिम शुरू नहीं की तो वह दिन दूर नहीं जैसा आज हम बोलते हैं कि मंगल ग्रह पर कभी जीवन था तो किसी दिन पर यह भी बोला जाएगा कि पृथ्वी ग्रह पर कभी जीवन था जो पानी के अभाव में खत्म हो गया। 
 

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Content Writer

vinod kumar

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