गेहूं कटाई के सीजन को देखते हुए अब शिफ्टों में दिल्ली की सीमाओं पर जाना शुरू हुए किसान

punjabkesari.in Sunday, Feb 21, 2021 - 04:20 PM (IST)

जींद (अनिल कुमार): तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन कर रहे किसानो ने गेहूं कटाई के सीजन को देखते हुए आंदोलन में भाग लेने के लिए नया तरीका खोज निकाला है। अब किसान ट्रैक्टर ट्रॉलियों की बजाय निजी वाहनों और एक हफ्ते की शिफ्ट के लिए दिल्ली की सीमाओं पर पहुंच रहे हैं। किसानों का कहना है कि जब तक तीन कानून रद्द नहीं होंगे, तब तक उनकी लड़ाई जारी रहेगी। 

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किसानों ने बताया की वह लंबे समय तक लड़ाई लड़ने के लिए तैयार हैं और बिना जीते घर नहीं लौटेंगे। किसान दिल्ली की सीमाओं पर पक्के मोर्चे लगाने के लिए टेंट, तिरपाल और वेल्डिंग मशीन लेकर जा रहे हैं। ताकि वह परमानेंट घर बनाकर आंदोलन चलाया जा सके। अब तेल भी महंगा हो गया है इसलिए ट्रैक्टर की बजाए निजी वाहनों में जा रहे हैं। 

इसके साथ ही गेहूं कटाई का सीजन भी आ गया है। किसान एक हफ्ते की शिफ्ट में आंदोलन करते रहेंगे। वहीं गाड़ी किसानों को दिल्ली लेकर जाएगी और वहीं से जो सीमाओं पर बैठे हैं, उनको वापस लेकर आएगी। इसी तरह से ये रोटेशन चलता रहेगा। अब आंदोलन को टीम वर्क के साथ आगे बढ़ाया जा रहा है। किसान आखिर तक इस आंदोलन में भाग लेंगे और तीनों कानून रद्द करवाकर ही लौटेंगे। किसानों ने बताया की पंजाब में भी गांव-गांव पंचायतें हो रही हैं, जो किसानों की ड्यूटी लगा रही हैं। 

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हरियाणा के किसानों ने बताया की एक भी किसान धरनों से नहीं उठेगा और जब तक ये तीनों कानून रद्द नहीं होते किसान घर वापसी नहीं करेगा। सरकार को इस गलतफहमी में नहीं रहना चाहिए की किसान धरनों से उठ जाएंगे। क्योंकि हमारी जमीन ही नहीं रहेगी तो हम फसल का क्या करेंगे। हम फसल की कुर्बानी देने को तैयार हैं, लेकिन पीछे नहीं हटेंगे।

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Content Writer

vinod kumar

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