शिवरात्रि पर भगवान शिव का प्रात: 5:40 से रात्रि 9:30 बजे तक करें जलाभिषेक

punjabkesari.in Saturday, Jul 18, 2020 - 09:56 PM (IST)

पानीपत (आशु) : शिवरात्रि के व्रत का हिंदू धर्म में बहुत अधिक महत्व होता है। इस दिन व्रत रखकर भगवान शिवजी को मनाने का श्रद्धालुओं द्वारा भरपूर प्रयास किया जाता है और व्रत रखने से भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है। सावन शिवरात्रि के दिन व्रत रखने से लोभ, क्रोध, अभिमान व ईष्या से मुक्ति मिलती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सावन शिवरात्रि का व्रत कुंवारी कन्याओं के लिए श्रेष्ठ माना गया है, क्योंकि भगवान शिवजी का यह व्रत रखने से उन्हें मनचाहे वर प्राप्ति होती है और जिन कन्याओं के विवाह में समस्याएं आ रही होती है, उन्हें सावन शिवरात्रि का व्रत करना चाहिए, ऐसा करने से सकारात्मक असर पड़ता है।

यह जानकारी देते हुए अवध धाम मंदिर संस्थापक एवं ज्योतिषाचार्य पं. दाऊजी महाराज ने बताया कि हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी शिवरात्रि श्रावण माह में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को सावन शिवरात्रि मनाई जाएगी। इस दिन आद्रा नक्षत्र भी होने के कारण शिवजी का पूजन विशेष बताया जा रहा है। वर्ष में शिवरात्रि का त्यौहार दो बार मनाया जाता है। इसमें फाल्गुन माह की शिवरात्रि को महाशिवरात्रि कहा जाता है, तो सावन मास की शिवरात्रि कहा जाता है। शिवरात्रि का व्रत रखने से सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिलती है और सभी दुख दूर हो जाते है। वहीं मनचाहा फल प्राप्त करने के लिए भी यह व्रत बेहद लाभकारी है।

घर में भी शिवलिंग बनाकर चढ़ाएं जल
दाऊजी महाराज ने कहा कि यदि श्रद्धालु किसी वजह से मंदिर जाकर शिवलिंग पर जल नहींं चढ़ा पा रहे हैं, तो घर के आंगन या बालकनी में मिट्टी का शिवलिंग बनाएं और तांबे के लोटे में दूध, जल, बेलपत्र, सफेद फूल, बताशे, सुगंध और धतूरा डालकर शिवलिंग पर चढ़ाएं। शिवरात्रि के दिन जल चढ़ाने का शुभ मुहूर्त सुबह 5 बजकर 40 मिनट से रात्रि 9:30 तक शिवरात्रि के दिन शाम के समय भी जल चढ़ाना बहुत शुभ माना जाता है।

शिवरात्रि पर शिव पूजन से लाभ
सावन का पवित्र माह भगवान शंकर को अतिप्रिय है और भगवान शिव जल्दी से प्रसन्न होने वाले देवों में माने जाते हैं। सावन के माह में यदि कोई भी श्रद्धालु मंदिर में रोजाना जाकर भगवान शंकर पर जल चढ़ाकर दर्शन करता है, तो उसकी हर प्रकार की मनोकामनाएं पूरी हो जाती है। सावन माह में भगवान शंकर को मनाने के लिए शास्त्रों में कई प्रकार के उपाय भी दिखाए गए है। जिन्हें करने से सभी तरह की इच्छाओं की पूर्ति हो जाती है।

कैसे करें भगवान शिव की उपासना
जिन लोगों के विवाह में किसी प्रकार की अड़चने आ रही है और बेहद दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, ऐसे श्रद्धालु सावन के सोमवार को शिवलिंग का अभिषेक गन्ने के रस से कर सकते हैं। जिससे उनके विवाह का संयोग बन जाएगा और साथ ही सुख की प्राप्ति होगी। वहीं शिवलिंग पर शहद से अभिषेक करने से सभी प्रकार के पापों से मुक्ति प्राप्त होती है। शिवलिंग का कच्चे दूध से जलाभिषेक करने से संतान का सुख मिलता है और गंगाजल चढ़ाने से सभी तरह के दुख दूर होते हैं। वहीं सावन के दिनों में जलाभिषेक करने के पश्चात शिवलिंग पर चंदन भी अवश्य लगाना चाहिए।


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Shivam

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