धरने दौरान मरने वाले परिचालक के घरवालों को दो साल बाद भी नहीं मिला मुआवजा

punjabkesari.in Monday, Aug 17, 2020 - 08:50 AM (IST)

चंडीगढ़ (गौड़) : हरियाणा परिवहन विभाग कर्मचारियों के विरोध प्रदर्शन के बाद मामले को शांत करने के लिए जो वायदे करता है उस पर कितना खरा उतरता है इसका एक और उदाहरण सामने आया है। वर्ष 2018 में सर्व कर्मचारी संघ से संबंधित हरियाणा रोडवेज वर्कर्स यूनियन के आह्वान पर 53 दिन तक धरने में शामिल परिचालक जयभगवान की 15 अगस्त, 2018 को मृत्यु हो गई थी।

यूनियन की राज्य कमेटी के साथ बातचीत में महानिदेशक वीरेंद्र सिंह दहिया ने 8 लाख मुआवजा एक सप्ताह में देने की घोषणा की थी। अध्यक्ष इंद्र सिंह बधाना और महासचिव सरबत सिंह पुनिया ने बताया कि कर्मचारियों की मांगों के लिए अम्बाला डिपो में धरने में परिचालक जयभगवान भाग ले रहा था। महाप्रबंधक द्वारा दमनात्मक कार्रवाई की धमकी देने पर परिचालक जयभगवान के दिमाग की नस फटने से मृत्यु हो गई। अम्बाला डिपो में कर्मचारियों द्वारा बसों का चक्का जाम करने पर महानिदेशक दहिया ने राज्य कमेटी को बातचीत के लिए बुलाया था जिसमें वायदा किया गया था।

मुआवजे के लिए ठोकरें खा रहा परिवार
परिचालक की पत्नी मुआवजा के लिए दो वर्ष से दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर है। प्रैस प्रवक्ता श्रवण कुमार जांगड़ा ने बताया कि यूनियन के लगातार प्रयासों से भी मुआवजा नहीं दिया गया और परिवार के भूखे मरने की नौबत आ गई। महिला ने 26 फरवरी को अम्बाला महाप्रबंधक से मिलकर घोषणा अनुसार प्रार्थना पत्र देकर 8 लाख देने की गुहार लगाई। महाप्रबंधक ने 11 मार्च को महानिदेशक को पत्र लिख जयभगवान के परिवार को 8 लाख मुआवजा देने की सिफारिश की। फिर भी महानिदेशक पीड़ित परिवार को मुआवजा देने के लिए बिल्कुल भी गंभीर नहीं है। यूनियन ने कहा कि महानिदेशक द्वारा वायदाखिलाफी व तानाशाही के खिलाफ 21 अगस्त को सभी डिपुओं में विरोध प्रदर्शन किया जाएगा व महाप्रबंधकों के माध्यम से महानिदेशक को ज्ञापन भेजा जाएगा।


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Edited By

Manisha rana

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