हरियाणा के निजी स्कूलों में मौलिक शिक्षा निदेशालय के आदेशों से मचा हड़कंप, अभिभावक चिंतित

punjabkesari.in Thursday, Dec 05, 2019 - 10:34 AM (IST)

फरीदाबाद (महावीर गोयल) : हरियाणा के 8500 मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों में नर्सरी से यूकेजी की कक्षओं को बंद करने के मौलिक शिक्षा निदेशालय के आदेशों के बाद निजी स्कूलों मे हड़कंप मच गया है। वहीं अभिभावक भी अपने बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतित हैं।  क्योंकि, सरकार के आदेशों के डंडे के बाद अब इन मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों में नर्सरी से यूकेजी तक कक्षाएं नहीं चलेंगी। जबकि ये स्कूल लंबे समय से अवैध रूप से नर्सरी, एलकेजी और यूकेजी की कक्षाएं चला रहे थे।

इन कक्षाओं को निदेशालय ने पूरी तरह से अवैध करार दिया है।  वहीं सीबीएसई ने भी इस बात से किनारा किया है कि बोर्ड निजी स्कूलों को मान्यता केवल पहली से बारहवीं कक्षा तक ही देता है। जिले में हर छोटे से बड़े मान्यता प्राप्त स्कूल में नर्सरी से यूकेजी तक की कक्षाएं चलाई जा रही हैं और नर्सरी से ही स्कूलों द्वारा अभिभावकों से मोटी फीस वसूलने का सिलसिला शुरू हो जाता है। 

जिले में छोटे से लेकर नामी-गिरामी स्कूल में नर्सरी कक्षा में दाखिले को लेकर भारी-भरकम राशि डोनेशन के रूप में तथा फीस के रूप में वसूली जाती है। इतना ही नहीं अभिभावकों को भी इंटरव्यू के नाम पर प्रताडि़त किया जाता है। स्कूलों ने प्रवेश को लेकर अपने ही नियम कानून निर्धारित किए गए हैं। अभिभावक के स्टेटस को देखते हुए ही बच्चे को स्कूल में प्रवेश दिया जाता है। इसके लिए बच्चे की रिहायश से लेकर माता-पिता की आर्थिक स्थिति का आंकलन करने के बाद ही बच्चे को स्कूल में प्रवेश दिया जाता है। अब ऐसे स्कूलों पर सरकार का डंडा चल गया है।

अब मौलिक शिक्षा निदेशालय ने इन स्कूलों पर शिकंजा कसते हुए अवैध कक्षाएं चलाने पर रोक लगा दी है। यह फैसला शिकायत के आधार पर लिया गया है। निदेशक मौलिक शिक्षा प्रदीप कुमार-प्रथम की ओर से इस संबंध में सभी डीईईओ और निदेशक महिला एवं बाल विकास विभाग को निर्देश जारी कर दिए हैं। इनसे नियमानुसार कार्रवाई करते हुए जल्दी कार्रवाई रिपोर्ट मांगी गई है।

निदेशक मौलिक शिक्षा को स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन, भिवानी के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल परमार ने 10 जून 2019 को शिकायत की थी। उसके आधार पर बीते 22 नवंबर को निदेशक मौलिक शिक्षा ने पत्र लिखा है। बृजपाल परमार का कहना है बिना प्रावधान नर्सरी से यूकेजी तक कक्षाएं चलाना गैरकानूनी था। इसलिए उन्होंने पहले शिकायत और फिर आरटीआई लगाई थी। इससे जहां निजी स्कूल सकते में हैं वहीं अभिभावक भी परेशान हैं।


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Isha

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