धान की खरीद के 72 घंटे बाद पेमेंट की जा रही है: निशान्त यादव

punjabkesari.in Tuesday, Oct 19, 2021 - 01:04 PM (IST)

इंद्री (मैनपाल) : करनाल के उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने इंद्री अनाज मंडी की स्थिति का जायजा लिया व अधिकारियों को उचित दिशा निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि  जिला में धान की खरीद का कार्य जोरों पर चल रहा है। किसानों व मंडी आढ़तियों ने उपायुक्त के सामने मंडी से उठान न होने व धीमी गति से हो रही खरीद को लेकर सवाल उठाए। उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने कहा कि लिफ्टिंग को लेकर कोई समस्या नहीं होगी संबंधित अधिकारियों को बोल दिया गया है,जो भी बैग तैयार हो गए हैं,उनका शीघ्र उठान किया जाए। उन्होंने बताया कि धान का सीजन इस समय पूरे जोरों पर है। सुबह 5:00 बजे से रात के 9:00 बजे तक गेट पास काटे जा रहे हैं व धान की खरीद चल रही है।

उसके पश्चात भी यदि कोई किसान मंडी में धान लेकर आता है,तो सुबह 5:00 बजे उनके भी गेट पास काट दिए जाएंगे। धान खरीद में किसानों को किसी प्रकार की समस्या नहीं होगी । मंडी प्रशासन का सहयोग करें ,अभी लगभग 10 दिन का सीजन और है। उन्होंने बताया कि मंडी में गड़बड़ी की कुछ शिकायतें मिल रही थी  कुछ आढ़ती यूपी का धान ले रहे हैं। उसको लेकर कार्रवाई की गई है। 3 मंडी आढ़तियों  के लाइसेंस सस्पेंड किए गए हैं और उन पर एफ आई आर दर्ज करवाई गई है। उपायुक्त ने धान में नमी की मात्रा को भी चेक करवाया। उन्होंने कहा कि धान  बेचने में किसानों को किसी प्रकार की समस्या नहीं आनी चाहिए। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा धान की खरीद के 72 घंटे बाद पेमेंट की जा रही है लगभग 72 करोड रुपए की पेमेंट किसानों के खाते में पहुंच चुकी है,जिसमें से 52 करोड रुपए खाद्य आपूर्ति विभाग व 20 करोड रुपए हेफ  द्वारा खरीदी गई धान के बनते थे। लगभग 60 करोड रुपए की पेमेंट बकाया है,जो शीघ्र किसानों के खाते में भेज दी जाएगी। इससे पूर्व उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने न्यायिक परिसर के नजदीक बन रही नई बिल्डिंग का जायजा लिया संबंधित कार्यों को लेकर अधिकारियों को निर्देश दिए। 

उन्होंने बताया कि गत दिनों तक जिले की मंडियों में 6 लाख 24 हजार 602 मीट्रिक टन धान की खरीद सरकारी एजेंसी द्वारा की गई। एजेंसियों को खरीदी गई धान का उठान में तुरंत करवाने के आदेश खरीद एजेंसी को दिए गए हैं। उन्होंने किसानों से अपील की कि वे अपनी फसल को सूखाकर मंडियों में लेकर आएं ताकि उन्हें फसल बेचने में कोई परेशानी न आए। उन्होंने यह भी कहा कि किसान फसलों के अवशेषों को खेतों में न जलाएं बल्कि उनका खेतों में ही समुचित प्रबंध करें। सरकार द्वारा फसल अवशेष प्रबंधन को लेकर किसानों को कृषि यंत्रों पर सब्सिडी दी जा रही है। किसान सरकार की योजनाओं का लाभ उठाकर फसल अवशेष को खेतों में ही दबाएं इससे धरती की उर्वरता भी बढ़ेगी और वायु प्रदूषण से भी निजात मिलेगी।


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Content Writer

Isha

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