प्रवासी मजदूरों का सहारा बनी साइकिल, घर पहुंचने की उम्मीद में भूखे-प्यासे नाप दिए 800 किलोमीटर

punjabkesari.in Wednesday, May 13, 2020 - 03:07 PM (IST)

रोहतक(दीपक)- मध्यप्रदेश में गेंहू की कटाई करने गए प्रवासी मजदूरों के लिए लॉक डाउन किसी श्राप से कम नहीं, साइकिल पर करीब 800 किलोमीटर से भी ज्यादा का सफर तय कर चुके ये प्रवासी मजदूर भूखे-प्यासे दिन रात बस चलते ही रहे। प्रवासी मजदूरों के अनुसार कभी खाना मिला तो कभी पानी लेकिन इनकी साइकिल का पहिया कही रुका नहीं। पंजाब से मध्यप्रदेश गए ये मजदूर लॉक डाउन की वजह से वहाँ फंस गए काम बंद हो गया।अब घर आने के लिए साइकिल खरीदी लेकिन इन प्रवासी मजदूरों के अनुसार इस लॉक डाउन में भी लोगो ने इनकी मजबूरी का फायदा उठाया और 3 हजार रुपए की साइकिल 6 हजार में ख़रीदी।

लॉक डाउन में "साइकिल" हवाई जहाज से लेकर बस,कार और ट्रेन से भी बड़ा साधन बनती जा रही है क्योंकि फंसे प्रवासी मजदूर अब पैदल चलने की बजाए साइकिल का सहारा ले रहे है।इस संकट की घड़ी में भी लोग गरीबो का फायदा उठाना नही छोड़ते, इन प्रवासी मजदूरों के अनुसार 3 हजार रुपए का साइकिल 6 हजार ओर 5 हजार रुपए का साइकिल 10 हजार पूरे में खरीदना पड़ा। पंजाब के रहने वाले ये प्रवासी मजदूर मध्यप्रदेश में गेहू की कटाई करने गए थे जो लॉक डाउन की वजह से वही फंस गए। बाद में पैदल जाने की बजाय इन्होंने साइकिल का सहारा लिया और लगातार दिन रात चलने के बाद 800 किलोमीटर से भी ज्यादा का सफर तय कर लिया।

कई दिनों से घर जा रहे इन प्रवासी मजदूरों को रस्ते में ढेरों मुश्किलों का सामना करना पड़ा इनके अनुसार रस्ते में खाना तो छोड़ पानी के भी लाले पड़ गए थे। प्रवासी मजदूरों ने कहा कभी कभार किसी ढाबे पर खाना मिल जाता तो भी भूखे प्यासे ही चल पड़ते। उन्होंने कहा आज भी हम कल शाम से भूखे पेट ही जा रहे है। 


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Isha

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