विज की नाराजगी के बाद पुलिस विभाग ने कोविड-19 अस्पताल के लिए 440 गाड़ियां की रिलीज

punjabkesari.in Saturday, May 08, 2021 - 05:01 PM (IST)

चंडीगढ़ (धरणी) : हरियाणा के हैल्थ, होम एंड लोकल बॉडी मंत्रालय व उनके मंत्री अनिल विज पूरी तरह क्मांडिंग मूड में चल रहे है। प्राइवेट अस्पतालों में बेड, आक्सीजन, दवाईयों के दाम ज्यादा वसूले जाने की खबरों पर विज कहते हैं कि यह वक्त नहीं है कि किसी पर सख्ती करें। दवाईयों व आक्सीजन के आभाव में किसी की मौत नही होनी चाहिए, वरना सब जानते हैं कि मेरा नाम अनिल विज है। इसके साथ ही कमांडिंग आपरेशन में अनिल विज के दवाब के चलते पुलिस विभाग को डायल 112 की 440 गाड़ियां एम्बुलेंस सेवा "कोविड-19 हस्पताल सेवा" के लिए रिलीज करनी पड़ी हैं। कुल 630 वाहनों में से अन्य वाहन भी जल्दी रिलीज हो सकते हैं। अनिल विज का कहना है कि किसी गलत काम करने वाले को कभी बख्शता नहीं। यह तो मामला इंसान के जीवन से जुड़ा हुआ है। जो कोई भी अमानवीय कार्य कॅरोना की इस दूसरी तीव्र लहर में कर रहे हैं। सबकी खबर है। यह लोग अभी भी संभल जाएं ।

हरियाणा में इन दिनों एम्बुलेंस संचालकों द्वारा मनमाने दाम वसूले जाने के मामले सामने आ रहे हैं। जिस पर अब सरकार पुरी तरह सख्त हो गई है। न सिर्फ एम्बुलेंस बल्कि इस आपदा की घड़ी में हर प्रकार की कालाबाज़ारी और मुनाफाखोरी रोकने के लिए हरियाणा में एक कंट्रोल रूम स्थापित कर दिया गया है। जिसके तहत अब तक 45 लोगों को गिरफ्तार भी किया जा चुका है। पिछले दिनों कोरोना पॉजिटिव मरीजों से एम्बुलेंस चालकों द्वारा मनमाने दाम वसूलने की घटनाओं को देख अनिल विज ने ड्रीम प्रोजेक्ट हरियाणा पुलिस द्वारा डायल 112 के लिए खरीदे गए 630 वाहन तुरंत स्वास्थ्य सेवा एम्बुलेंस सेवा "कोविड-19 हस्पताल सेवा" के रूप में भेजने के आदेश दिए। पुलिस विभाग ने डायल 112 की 126 वाहन कई जिलों में भेज दिए।

अनिल विज इस घटनाक्रम से पुलिस अधिकारियों द्वारा सभी वाहन न दिए जाने पर खफा नजर आए। पुलिस विभाग के अधिकारियों ने उन्हें सूचना दी कि डायल 112 के सभी वाहन देने में कोई एतराज नहीं है। वाहन चालकों की कमी है। विज ने पुलिस विभाग में ट्रेंड ड्राइवरों को लगाने व फिर भी कमी पूरी रहने पर उन्हें बताने को कहा। पुलिस विभाग ने 4-5 दिनों में डायल 112 की 440 गाड़ियां एम्बुलेंस सेवा "कोविड-19 हस्पताल सेवा" के लिए रिलीज कर दी। अभी भी पूरी गाड़ियां नहीं भेजी गई हैं। सम्भावना है कि बाकी डायल 112 के वाहन भी जल्दी रिलीज कर कोविड पेशेंटों की सेवा में लगा दी जाएगी | पुलिस विभाग के पास यह विकल्प ड्राइवरों की कमी पूरी करने के लिए खुला है। रोडवेज से ड्राइवर लिए जा सकते हैं।

संख्या बढ़कर 40 हो गई , जिनमें 19 सरकारी तथा 21 प्राइवेट    
अनिल विज के अनुसार प्रतिदिन जितने कोरोना के नए मरीज अस्पतालों में भर्ती हो रहे हैं, उनके 83 प्रतिशत से अधिक मरीज ठीक होकर घर भी जा रहे हैं। होम आइसोलेशन में इलाज करवा रहे प्रत्येक जिले के जरूरतमंद मरीजों को उनके घर द्वार पर ऑक्सीजन सिलैण्डर की सप्लाई 9 मई यानि रविवार से शुरू कर दी गई है। ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष स्वास्थ्य कैंप लगाने के साथ विशेष जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहॉ है।अनिल विज के अनुसार पिछले वर्ष मई के प्रथम सप्ताह में कोरोना की कुल 13 टेस्टिंग लैब थी, जिनमें 8 सरकारी व 5 प्राइवेट लैब शामिल थी. आज इनकी संख्या बढ़कर 40 हो गई है, जिनमें 19 सरकारी तथा 21 प्राइवेट है। जल्द ही 8 नई लैब भी शुरू हो जाएंगी। प्रदेश में विभिन्न मेडिकल कॉलेजों, सरकारी अस्पतालों व प्राइवेट अस्पतालों में कुल 11.354 ऑक्सीजन बेड तथा 4,563 वेटीलेटर/आई.सी.यू. बेड की व्यवस्था है। प्रदेश में इस समय विभिन्न मेडिकल कॉलेजों, सरकारी अस्पतालों व प्राइवेट अस्पतालो में 9,188 कोरोना मरीज ऑक्सीजन स्पॉट पर तथा 4033 मरीज वेंटीलेटर/आई.सी.यू.हैं।

अनिल विज के अनुसार पिछले वर्ष मई के प्रथम सप्ताह में मेडिकल कॉलेजों में कोरोना मरीजों के लिए 2.674 बेड की व्यवस्था थी, जो अब बढ़कर 8,777 बेड हो गई है।13 पिछले वर्ष मई के प्रथम सप्ताह में सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में कुल 9.444 बेड की व्यवस्था थी, जो अब बढ़कर 22.429 हो गई है।पिछले वर्ष मई के प्रथम सप्ताह में कोरोना के 10 लाख लोगों में से 1675 लोगों के टेस्ट किये जा रहे थे, जिनकी संख्या आज बढ़कर 3 लाख से भी अधिक हो गई है। पिछले वर्ष मई के प्रथम सप्ताह में प्रतिदिन 42 हजार टेस्ट किये जाते थे, वहीं आज प्रतिदिन 52 हजार से अधिक टेस्ट किये जा रहे हैं।पिछले वर्ष मई के प्रथम सप्ताह में लोगों के कोरंटाइन के लिए कुल 17,618 बेड की व्यवस्था थी, जो अब बढ़कर 55,438 बेड हो गई है।

रेमडेसिविर के सही वितरण का प्रबंधन  
अनिल विज के अनुसार इंजेक्शन रेमडेसिविर के सही वितरण के लिए  जिला स्तरीय समिति का पुनर्गठन किया है समिति के चेयरमैन संबंधित जिला के अतिरिक्त उपायुक्त होंगे और इसमें सिविल सर्जन या उनके प्रतिनिधि, आईएमए के जिला अध्यक्ष या उनके प्रतिनिधि तथा मुख्य फार्मासिस्ट/फार्मासिस्ट भी शामिल होंगे। ताकि इस इंजेक्शन के अंधाधुंध उपयोग की बजाए केवल जरूरत मंद रोगी को ही यह इंजेक्शन दिया जा सके।कोविड-19 रोगियों के उपचार के लिए रेमडेसिविर के इंजेक्शन की आवश्यकता पडऩे पर संबंधित जिले की समिति को आवेदन करना होगा। इंजेक्शन देने के लिए अनुमोदित अस्पताल को एचएमएससीएल द्वारा बताई गई वास्तविक लागत को संबंधित सिविल सर्जन को जमा करवाना होगा।

इसके अलावा, संबंधित सिविल सर्जन अनुमोदित अस्पताल के अधिकृत व्यक्ति को दवा जारी करेगा। प्रवक्ता ने कहा कि इंजेक्शन से एकत्र की गई राशि एचएमएससीएल के खाते में जमा की जाएगी। उन्होंने कहा कि सभी सिविल सर्जन उसी दिन दवा जारी करना सुनिश्चित करेंगे, क्योंकि स्टोर सप्ताह में सातों दिन 24 घण्टे खुला रहेगा यदि रेमडेसिविर इंजेक्शन जारी किया जाता है और रोगी की मृत्यु हो जाती है तो संबंधित अस्पताल रोगी के परिवार को राशि की प्रतिपूर्ति करेगा और उस दवा का उपयोग भविष्य में अनुमोदित केस के लिए स्टॉक में रखेगा। सिविल सर्जन को ऐसे मामले की तुरंत जानकारी दी जाएगी।

कांग्रेस पर पलटवार 
सोनिया गाँधी की मांग और उनके द्वारा उठाये जा रहे सवालों पर आज हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने पलटवार किया है। विज ने कहा कि हौंसला बढ़ाने की बजाय कांग्रेस हर रोज़ कोरोना से लड़ रहे लोगों का मनोबल गिराना चाहती है। वहीं अनिल विज ने आज अपनी जान की परवाह किये बिना कोरोना मरीजों की जिंदगियां बचाने में जुटे डॉक्टर्स , नर्सों , पैरा मेडिकल स्टाफ और सभी बैक ऑफिस में काम कर रहे लोगों सेल्यूट किया। कि वो लोग इस लड़ाई को लड़ रहे हैं और जीत की तरफ बढ़ रहे हैं। 


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Content Writer

Manisha rana

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