हरियाणा का सियासी इतिहास: देवीलाल के मुख्यमंत्री काल में सुर्खियों में आया था मोरनी हिल्स!

punjabkesari.in Thursday, May 06, 2021 - 01:52 PM (IST)

चंडीगढ़ (संजय अरोड़ा) : हरियाणा के दो बार मुख्यमंत्री व देश के पूर्व उपप्रधानमंत्री रहे चौ. देवीलाल की छवि एक जननेता की रही है। इसके साथ साथ वे अपने सियासी किस्सों के अलावा अपनी सादगी के कारण भी अक्सर चर्चा में रहते थे। जब वे मुख्यमंत्री थे तो उनके कई ऐसे रोचक किस्से आए दिन सामने आते थे जिससे लोगों की दिलचस्पी उनके जीवन को जानने के लिए और बढ़ जाती थी। इन्हीं किस्सों में एक बड़ा उदाहरण ये भी है कि जब चौ. देवीलाल वर्ष 1987 में मुख्यमंत्री बने तो उनको बाकी बड़े पर्यटन स्थलों की बजाए छोटा सा पर्यटन स्थल मोरनी हिल्स काफी भाया क्योंकि यह सबसे एकांत में था। चंडीगढ़ से मात्र 41 किलोमीटर की दूरी स्थित एकांत में बसे इस मोरनी हिल्स पर्यटन स्थल को इससे पूर्व विरला ही कोई जानता था मगर चौ. देवीलाल ने जब मुख्यमंत्री बनने के बाद इस पर्यटन स्थल का रुख किया तो यह न केवल विकसित होने लगा बल्कि यह क्षेत्र काफी सुर्खियों में भी आ गया।

गौरतलब है कि हरियाणा के जिला पंचकूला में स्थित मोरनी हिल्स को हरियाणा का एकमात्र पहाड़ी पर्यटन माना जाता है। हिमाचल प्रदेश के बद्दी और परवाणु से सटा यह एक ऐसा क्षेत्र है जहां पर पर्यटन की कुछ संभावानाएं हैं। यह इलाका पर्यटन केंद्र के रूप में अपनी पहचान इसलिए बना पाया क्योंकि दो बार हरियाणा के मुख्यमत्री और दो बार देश के उपप्रधानमंत्री रहे चौ. देवीलाल का मोरनी से गहरा लगाव था। देवीलाल को हरियाणा के इकलौते पहाड़ी इलाके में मोरनी हिल्स बहुत पसंद था। वे अक्सर फुर्सत मिलते ही चंडीगढ़ से मोरनी हिल्स जाकर वहां आराम फरमाते थे।

वादियों का आनंद लेने के साथ सरकारी काम काज भी निपटा लेते थे देवीलाल
यही नहीं चौ. देवीलाल मोरनी हिल्स पर्यटन स्थल के कमरे में बैठकर ही वादियों का आनंद लेने के साथ साथ सरकारी काम काज भी निपटा लेते थे। ताऊ देवीलाल जरूरत पडऩे पर वे अक्सर अफसरों को भी मोरनी हिल्स बुला लिया करते थे। मोरनी की वादियों में वक्त बिताना उन्हें बेहद अच्छा लगता था। मोरनी हिल्स से देवीलाल का गहरा लगाव और नाता था। यही वजह रही कि उनके कार्यकाल में इस पहाड़ी इलाके ने तरक्की ने। उन्होंने यहां की तस्वीर बदलने के लिए कई कदम उठाए। पहाड़ी क्षेत्र में सड़कों का निर्माण करवाया।

चूंकि देवीलाल एक मुख्यमंत्री के नाते इस इलाके में अक्सर जाते थे तो यह क्षेत्र एक तरह से सुर्खियों में रहता था। इस वजह से यहां पर पर्यटन का कारोबार भी बढऩे लगा। देवीलाल के समय ही मोरनी हिल्स चर्चा में आया था और तब हरियाणा भर से लोग अपने परिवार के साथ यहां आने लगे थे। यही वजह रही कि यहां पर काफी संख्या में होटल, रेस्टोरेंट खुल गए। पर्यटन एक बड़ा कारोबार बन गया। देवीलाल यहां पर नियमित रूप से जाते थे। हालांकि उनसे पहले चौधरी बंसीलाल भी यहां कभी-कभार जाया करते थे। पर देवीलाल और उसके बाद जब उनके बेटे ओमप्रकाश चौटाला भी मुख्यमंत्री बने तो वे भी मोरनी हिल्स में जाते थे। तभी से मोरनी हिल्स का नाम हरियाणा के लोगों की जुबान पर आ गया।

कई बार मोरनी हिल्स पर हुई थी कैबिनेट मीटिंग
चौ. देवीलाल को मोरनी हिल्स का मौसम इतना सुखद लगता था कि वे खुद तो अक्सर यहां आते ही थे वहीं कई बार वे अपने साथ अपने पारिवारिक सदस्यों के साथ साथ स्टाफ के लोगों को भी ले आते थे और फिर उनसे घंटों गपशप करके आनंद लेते थे। इसके अलावा वे अपने साथ अपने कुक व सहायक को भी साथ ही ले जाते थे ताकि वे उनकी पसंद का खाना उन्हें परोस सके। यही नहीं किसी भी सरकार के लिए अहम कैबिनेट मीङ्क्षटग अक्सर राजधानी चंडीगढ़ में ही होती रही हैं मगर चौ. देवीलाल के समय में उन्होंने कई बार अपनी कैबिनेट की बैठकें भी मोरनी हिल्स में ही बुलाई थी।

मोरनी हिल्स में होने वाली मीटिंगों को लेकर भले ही देवीलाल तो आनंदित होते ही थे वहीं उनके अधिकारियों ने भी अपने मुख्यमंत्री की इस पहल को सकारात्मक बताया और प्रशंसा की। अधिकारियों का कहना था कि इस प्रकार राजधानी से बाहर किसी पर्यटन स्थल पर कैबिनेट की बैठक से जहां आऊटिंग हो जाती है वहीं काम काज में भी गुणात्मक सुधार आता है। 1977 व 1987 में दोनों बार मुख्यमंत्री बनने के बाद चौ. देवीलाल कुछ समय के लिए आराम करने हेतू मोरनी हिल्स ही गए थे और सरकार के शुरूआती दिनों में पॉलिसी डिस्कशन हेतू अधिकारियों को भी फाइलों सहित वहीं बुला लिया। चौ. देवीलाल के सत्ता से बाहर होने के बाद धीरे धीरे मोरनी हिल्स का के्रज भी खत्म होता चला गया और आज स्थिति ये है कि मोरनी हिल्स बहुत कम लोगों को ही अपनी ओर आकर्षित करता है।

देवीलाल के बड़े कद की वजह से बढ़ाई गई थी बैडों की लंबाई
दो बार देश के उपप्रधानमंत्री और दो बार हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे चौधरी देवीलाल ऊंची कदकाठी वाले राजनेता थे। उनकी कदकाठी के चलते ही अस्सी के दशक में हरियाणा के सरकारी विश्राम गृहों में बड़ा बदलाव हुआ था। चूंकि चौ. देवीलाल का कद 6 फुट 2 इंच था, ऐसे में उनके मुख्यमंत्री बनने के बाद हरियाणा के सभी विश्राम गृहों में बने सीएम कक्ष में रखे डबल बेड की लंबाई साढ़े 6 फुट से 7 फुट कर दी गई। इसके साथ ही वॉशरुम के दरवाजों की ऊंचाई भी आधा फुट तक बढ़ाई गई थी। देवीलाल को सोने में परेशानी न हो इसलिए यह बड़ा बदलाव किया गया था।

दरअसल लम्बी कदकाठी वाले देवीलाल खाना खाने के बाद आराम फरमाते थे। वे सिर के नीचे तकिया लेने के अलावा पैरों के नीचे भी तकिया रखते थे। उन दिनों हरियाणा के लोक निर्माण और सिंचाई विभाग के विश्राम गृहों में साढ़े 6 फुट के बैड होते थे। मुख्यमंत्री देवीलाल को इस पर परेशानी होती थी। वे ठीक से सो नहीं पाते थे। ऐसे में हरियाणा के विश्राम गृहों के मुख्यमंत्री कक्ष में 7 फुट के बैड उनके मुख्यमंत्री रहते लगवाए गए। इसके साथ ही वॉशरुम के दरवाजों की ऊंचाई भी करीब साढ़े 6 फुट होती थी। इन्हें भी आधा फुट तक बढ़ाया गया था।

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Content Writer

Manisha rana

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