राजनीति हरियाणा की: पंचायत चुनाव और कैबिनेट विस्तार का इंतजार हो रहा लंबा

punjabkesari.in Monday, Sep 20, 2021 - 06:34 PM (IST)

रेवाड़ी/ महेंद्रगढ़ (योगेंद्र सिंह): प्रदेश सरकार की सत्ता पर काबिज भाजपा-जजपा दोनों के ही कई नेता कैबिनेट विस्तार का लंबे समय से इंतजार कर रहे हैं। कुछ तो कैबिनेट विस्तार के लिए लगातार प्रेशर भी बना रहे हैं और मीडिया में भी इनडायरेक्ट जल्द विस्तार के बयाान भी दे चुके हैं। वहीं पंचायत चुनाव में भी अभी कुछ समय लग सकता है। हाईकोर्ट में अब इस मामले की सुनवाई 11 अक्टूबर को होगी। इस स्थिति में साफ है कि पंचायत चुनाव लडऩे वाले संभावित प्रत्याशियों एवं मंत्री बनने की चाह रखने वाले गठबंधन के नेताओं को अभी इंतजार करना होगा। 

हालांकि भाजपा प्रदेश में चल रहे किसान आंदोलन के चलते संभवत: खुद भी चुनाव में जाना नहीं चाहेगी। वहीं सीएम मनोहर लाल खट्टर भी कहते हैं कि जब तक खाली रहेगी कुर्सी तो चर्चाएं तो चलती ही रहेंगी। यानि कम से कम भाजपा हाईकमान अभी कैबिनेट विस्तार को लेकर जल्दबाजी में नजर नहीं आ रहा है। प्रदेश में पंचायतों को कार्यकाल फरवरी में ही पूरा हो चुका है, बावजूद अभी तक चुनाव को लेकर सस्पेंस बरकरार है। प्रदेश सरकार व चुनाव आयोग ने तो चुनाव कराने को लेकर अपनी ओर से तैयारी शुरू कर दी थी लेकिन पंचायत चुनाव में आरक्षण को लेकर मामला हाईकोर्ट पहुंच गया और तभी से मामला लटक गया। 

दरअसल, पंचायती राज संस्थाओं में महिलाओं के लिए पचास फीसदी आरक्षण का नियम तय किया गया था। इसके अलावा आरक्षण का फामूर्ला भी बदल दिया गया था। इसको लेकर गुरुग्राम के गांव जटोला के प्रवीण चौहान आदि ने हाईकोर्ट में आरक्षण को लेकर चुनौती दी थी। पिछली सुनवाई में प्रदेश सरकार को हाईकोर्ट ने पुराने नियमों पर चुनाव कराने को छूट दी थी लेकिन सरकार 50 फीसदी महिलाओं को सरपंच बनाने की नई नीति व आरक्षण के तहत ही चुनाव करवाना चाहती है। अब इस मामले की अगली सुनवाई 11 अक्टूबर को होगी और उसके बाद ही पता चलेगा कि हाईकोर्ट क्या निर्णय सुनाता है। 

हालांकि भाजपा की बात करें तो जिस प्रकार से किसानों का आंदोलन और सरकार का विरोध किया जा रहा है उसके चलते संभवत : सत्ता पक्ष भी चुनाव कराने को लेकर जल्दबाजी नहीं करना चाहता है। दूसरी तरफ खट्टर टू सरकार के कैबिनेट विस्तार को लेकर लगातार अफवाहों का बाजार गर्म है। जब भी सीएम खट्टर दिल्ली की यात्रा करते हैं, तो अचानक कैबिनेट विस्तार की अटकलें तेज हो जाती हैं। इसी के चलते संभवत : सीएम ने दो दिन पूर्व कहा था जब तक कुर्सी खाली रहेगी तब तक कैबिनेट विस्तार की चर्चा चलती रहेगी। राजनीतिक जानकार बताते हैं कि कुछ भाजपा के नेता और जजपा वाले कैबिनेट विस्तार के लिए लगातार अपने आकाओं के माध्यम से दबाव बना रहे हैं। मलाईदार विभाग और कई संस्थाओं में चेयरमैन नियुक्ति को लेकर भाजपा-जजपा के नेता लगातार सक्रिय हैं लेकिन सीएम मनोहरलाल खट्टर के आगे उनकी एक नहीं चल रही है।

सीएम खट्टर अब पूरी तरह राजनीति के मंझे हुए कलाकार हो गए हैं और अब बहुत ही दूरगामी सोच के साथ अपने कदम आगे बढ़ाते हैं। इसी के चलते कई नेताओं की अब उनके आगे एक नहीं चल रही। इसके चलते अभी पंचायत चुनाव व कैबिनेट विस्तार के लिए इंतजार के अलावा नेताओं के पास कोई चारा नहीं है।

किसान आंदोलन का खामियाजा भुगतना नहीं चाहती है भाजपा
किसान आंदोलन और इसके बाद कोरोना काल में भाजपा-जजपा से लोगों में काफी नाराजगी है और संभवत : इसी के चलते विशेषकर भाजपा कोई रिस्क लेने के मूड में नहीं है। सर्वविदित है कि किसान गांव-गांव, शहर-शहर में मंत्रियों के कार्यक्रम का विरोध कर रहे हैं और इसके चलते कोई प्रोग्राम नहीं हो पा रहे हैं। इस स्थिति में यदि चुनाव हुए तो लोग सत्ता पक्ष के खिलाफ वोटिंग भी कर सकते हैं। इसी के चलते भाजपा इस समय अपने संगठन कार्यकर्ताओं की मदद से लोगों से जीवंत संपर्क कर उनकी नाराजगी दूर करने का प्रयास कर रही है। भाजपा को तो चुनाव में जितना समय मिल रहा वह उसके लिए किसी संजीवनी से कम नहीं है। इसी के चलते वह कोई जल्दबाजी के मूड में नहीं है। जजपा की बात करें तो वह भी पंचायत चुनाव के पहले अपनी मजबूती पर जोर दे रही है ताकि वह भी पंचायत चुनाव में अपना खाता खोल सके और अपनी पैठ मजबूत कर सके। 

जजपा के विधायक व निर्दलीय लगाए हैं कुर्सी की आस
जजपा के विधायक व निर्दलीय विधायक अवश्य मंत्री बनने की आस लगाए हुए हैं और इसके लिए वह लगातार लामबंदी भी कर रहे हैं। निर्दलीय विधायक पूरी इमानदारी के साथ सीएम खट्टर के साथ मजबूती से खड़े हैं और इसके चलते उन्हें उम्मीद है कि इसका फल उन्हें मंत्री कुर्सी के रूप में अवश्य मिलेगा। यह अलग बात है कि उनका इंतजार लंबा होते जा रहा है। जजपा के विधायक खुलकर विरोध नहीं कर पा रहे लेकिन वह हर हाल में मंत्री बनने की चाहत मन में पाले हुए हैं और उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के पास के विभागों पर उनकी नजर है।


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Content Writer

Shivam

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