खतरनाक स्तर तक पहुंच सकता था प्रदूषण, दमा रोगियों व बुजुर्गों पर आ सकती थी आफत

punjabkesari.in Tuesday, Nov 17, 2020 - 09:56 AM (IST)

कुरुक्षेत्र (धमीजा): पिछले वर्ष की अपेक्षा दिवाली के बाद धर्मनगरी की हवा में प्रदूषण खतरनाक स्तर तक पहुंच गया था। अगर बरसात न होती तो एयर क्वालिटी इंडैक्स के 400 का आंकड़ा पार करने की पूरी संभावना थी। ऐसे में हवा में सांस लेने से लोग बीमारियों के शिकार हो सकते थे। पिछले कई दिनों से अक्सर रात के समय हवा में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा था। 

पिछले 2-3 माह से धान की कटाई करने के बाद फसली अवशेष को आग लगाने की घटनाएं भी सामने आई, जिससे जहरीली गैसों की मात्रा हवा में बढ़ती गई। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उपनिदेशक कार्यालय में लगे एमबिएंट एयर क्वालिटी मॉनिटरिग सिस्टम से नजर रखे हुए थे। दीपावली पर आतिशबाजी के नाम पर करोड़ों रुपये स्वाहा कर लोग अपने स्वास्थ्य के साथ-साथ पर्यावरण से भी खिलवाड़ करते हैं।

हर वर्ष दीपावली पर आतिशबाजी से निकलने वाले धुएं से एयर क्वालिटी इंडैक्स खतरनाक स्तर तक पहुंच जाता है। पर्यावरण में प्रदूषण का स्तर बढऩे से लोगों को सांस लेने में मुश्किल होने लगती है। हालांकि कोरोना संकट को देखते हुए इस बार जिले में पटाखे बेचने और आतिशबाजी करने पर जिला प्रशासन ने पूरी तरह से प्रतिबंध कर लगा दिया है। दीपावली पर एक दिन पहले धनतेरस पर ही जिलेभर में जगह-जगह आतिशबाजी से शुरू हो गई थी। इसी का असर पर्यावरण पर भी दिखा है। धनतेरस के दिन ही धर्मनगरी की हवा जहरीली होने लगी थी। दीपावली पर आतिशबाजी जारी रहने पर हर घंटे एक्यूआई खतरनाक स्तर की ओर बढ़ता चला गया। 14 नवम्बर की रात एक्यू.आई. 381 तक पहुंच गया।

50 से नीचे का स्तर होता है गुड कंडीशन : भारद्वाज
ग्रीन अर्थ एन.जी.ओ. के एक्जीक्यूटिव मैंबर नरेश भारद्वाज ने बताया कि बारिश न होती तो हवा में प्रदूषण 400 से ऊपर जा सकता था। उन्होंने कहा कि पर्यावरण में प्रदूषण पर रोक लगाने के लिए हर नागरिक का सहयोग भी जरूरी है। लोग अगर लोग कचरे में आग लगाएंगे तो दोबारा गंभीर परिणाम हो सकते हैं। दीपावली पर पटाखों पर प्रतिबंध के बावजूद लोगों ने काफी आतिशबाजी की, जिससे हवा में प्रदूषण का स्तर बढ़ता चलाया गया। इसके अलावा कूड़े का सही से उठान न होने के कारण लोग इसमें आग लगा देते हैं, जिससे निकलने वाली जहरीली गैसें पर्यावरण में जहर घोलती हैं। हर नागरिक को जिम्मेदारी से प्रण लेकर पर्यावरण को स्वच्छ रखने में सहयोग करना चाहिए।

भारद्वाज ने बताया कि एयर क्वालिटी इंडेक्स 50 से 100 के बीच में रहने पर उसे मोडरेट कंडीशन कहा जाता है और 50 से नीचे स्तर पर गुड कंडीशन में होता है। आज बारशि के बाद प्रदूषण स्तर 68 मोडरेट कंडीशन पर पहुंचा।‘इस तरह पटाखों ने हवा में फैलाया जहर’दीपावली पर पटाखों की बिक्री प्रतिबंधित होने पर भी धर्मनगरी में धनतेरस और दीपावली की रात 12 बजे तक पटाखे चलते रहे। इससे एक्यूआई का स्तर जहां 11 नवम्बर को 252 था, 12 नवम्बर को बढ़कर 275 पर पहुंचा। इसके अगले दिन 13 को 338 पर पहुंचा तो 14 नवम्बर को एक साथ 29 अंक बढ़कर 367 पर पहुंच गया। इससे अगले दिन 15 नवम्बर की सुबह 381 तक पहुंचा। 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Isha

Recommended News

Related News

static