तापमान में गिरावट से बढ़ेगा प्रदूषण, उपाय नहीं किए तो लोगों की ठंड में बढ़ेगी मुसीबत

punjabkesari.in Sunday, Oct 10, 2021 - 10:29 AM (IST)

गुडग़ांव (ब्यूरो) : यदि इस बार भी बढ़ते प्रदूषण को लेकर उपाय नहीं किए तो ठंड में लोगों की मुसीबत बढ़ेगी। तापमान में गिरावट और नमी के कारण प्रदूषण का स्तर अभी से बढऩे लगा है। अक्तूबर के अंत और नवंबर के पहले सप्ताह में दिल्ली-एनसीआर में स्माग से  परेशानी बढऩे लगती है। तापमान कम होने के साथ ही हवा की स्पीड (गति) भी कम हो जाती है और धूल व धुआं वातावरण में जमकर स्माग का रूप धारण कर लेता है। 

ऐसे में स्माग से बचाव के लिए अभी से इंतजाम करने होंगे। इस बारे में नगर निगम आयुक्त गुरुग्राम की ओर से प्रदूषण फैलाने वालों पर 24 घंटे निगरानी रखने और जुर्माने की कार्रवाई के लिए टीमों की ड्यूटी लगाई है। सेनिटेशन विग और एन्फोर्समेंट टीमों को खुले में कचरा व प्लास्टिक आदि जलाने, निर्माण सामग्री खुले में रखने वालों के चालान काटने सहित ज्यादा प्रदूषण होने पर सड़कों पर पानी का छिड़काव आदि की भी जिम्मेदारी सौंपी गई है। बता दें कि शुक्रवार को दोपहर में तीन बजे गुरुग्राम में प्रदूषण का स्तर 187 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज किया गया। इसका मतलब यह है कि हवा सामान्य से तीन गुना ज्यादा जहरीली रही।

स्माग में होती हैं ये जहरीली गैसें :-
स्माग शब्द स्मोक (धुआं) और फाग (धुंध) से मिलकर बना है। सर्दी के दिनों में हवा में नमी बढऩे के साथ ही जहरीली गैसें- कार्बन मोनोआक्साइड, नाइट्रोजन आक्साइड, सल्फर डाईआक्साइड और हाइड्रो कार्बन के मोटे कण जमीन से थोड़ा ऊपर हवा में एक आवरण बना लेते हैं जो देखने में धुआं जैसा लगता है। 

सांस लेने में होती है परेशानी  
स्माग के कारण सांस लेने में काफी परेशानी होती है। बच्चों और बुजुर्गों के लिए यह खतरनाक साबित हो सकता है। स्माग से आंखों व नाक में जलन व सिरदर्द हो सकता है। स्माग के दौरान अस्थमा के मरीजों को एहतियात बरतने की जरूरत है। सुबह में स्माग का प्रभाव सबसे ज्यादा होता है, क्योंकि मौसम काफी ठंडा होता है। ज्यादा प्रदूषण के दौरान पार्को में जागिग और व्यायाम करना सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकताहै। उपायुक्त डॉ यश गर्ग ने भी किसानों का आहवान किया कि वे फसलों के अवशेष जलाने की बजाय फसल अवशेषों का उचित प्रबंधन करने को कहा है।  

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Content Writer

Manisha rana

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