किसान आंदोलन: सरकार और किसानों की लड़ाई में गहरा सकता है बिजली संकट !

punjabkesari.in Wednesday, Dec 23, 2020 - 04:31 PM (IST)

रोहतक(दीपक): सरकार के गले की फांस बने तीन कृषि कानून को लेकर तेज होते आंदोलन के बीच बीजेपी के उपवास के बाद मानो उपवासों की बाढ़ सी आ गई हों, आज प्रदेश के बिजली कर्मचारियों ने भी उपवास करके किसान आंदोलन का समर्थन किया,कर्मचारियों ने सरकार को साफ चेतावनी दे कि मोदी सरकार तीनो कृषि कानूनों को वापिस ले नही तो कर्मचारी खुलकर किसानों के पक्ष में आएगा।बिजली कर्मचारियों का किसानों के पक्ष में आना प्रदेश में बिजली संकट पैदा कर सकता है।पूरे प्रदेश में बिजली विभाग के हेड आफिस पर कर्मचारियों ने सुबह 11 बजे से लेकर 3 बजे तक किसान आंदोलन के पक्ष में उपवास रखा है कर्मचारी खुलकर किसानों के समर्थन में आए है,इससे ये भी आदेश लगाया जक रहा है कि अगर सरकार और किसानों के बीच जल्द मसला नही सुलझता है तो तमाम विभाग के कर्मचारी भी आंदोलन में शामिल हो सकते है।

किसान और सरकार के बीच कश्मकश में प्रदेश में बिजली संकट गहरा सकता है,ये अंदेशा इस बात से लगाया जा सकता है कि आज प्रदेश भर के बिजली कर्मचारी किसान आंदोलन के समर्थन में आए है,कर्मचारियों ने आज एक दिन का उपवास रखा और सरकार से तीनों कृषि कानून वापिस लेने की मांग की।यही नही कर्मचारियों ने सरकार को चेतावनी भी दी सरकार तीनो कृषि कानूनों को वापिस ले नही तो फेडरेशन कोई बड़ा फ़ैसला भी ले सकती है जो सरकार के लिए घातक सिद्ध हो सकता है।

बिजली कर्मचारी नेताओ ने कहा है कि सरकार अन्नदाता पर हत्याचार कर रही है,आज किसान आन्दोल को 28 दिन हो चले है और सरकार टस से मस नही हो रही है।कर्मचारियों ने सरकार को स्पष्ठ कहा है कि सरकार तीनो कृषि कानूनों वापिस ले इसके इलावा कोई विकल्प नही है।उन्होंने कहा कि देश के साठ प्रतिशत लोग किसान है जो देश का पेट भरते है।और सरकार ज़बरदस्ती किसानों पर कृषि कानून थोपना चाहती है।उन्होंने कहा कि देश के तमाम अर्थशास्त्रियों ने कहा है कि इस कानून से किसानों को कोई फायदा नही फिर भर सरकार कुछ कॉरपोरेट घरानों को फ़ायदा देने के लिए कानून लागू कर रही है।

 

 


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Isha

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