कांग्रेस पार्टी के राज में जो लूट और खसौट की प्रथा थी वह CM खट्टर ने बंद कर दी: सुभाष बराला

punjabkesari.in Friday, Sep 03, 2021 - 11:08 AM (IST)

चंडीगढ़ (चन्द्र शेखर धरणी): हरियाणा सार्वजनिक उपक्रम ब्यूरो के चेयरमैन सुभाष बराला ने कहा है कि कांग्रेस पार्टी के राज में जो लूट और कसौट की प्रथा थी वह मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभालते ही मनोहर लाल खट्टर ने बंद कर दी। बराला का कहना है कि उपक्रम भैरव द्वारा शुक्रवार को हरियाणा शुगरफेड की एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई गई है। ब्यूरो द्वारा विभिन्न बोर्डो तथा उपक्रमों की बैठकों के दौर लगातार जारी हैं। बराला ने कहा कि उपक्रम ब्यूरो जहां कर्मचारियों की भलाई के लिए तत्पर है वही ब्यूरो के द्वारा आंकलन किया जा रहा है कि कौन-कौन से बोर्ड तथा उपक्रम घाटे में वा फायदे में हैं। जो संस्थान घाटे में है उनका घटा कैसे दूर किया जाए के लिए प्रयास चल रहे हैं।

सुभाष बराला ने कहा कि परदेस के अंदर किसी की भी सरकार हो लाठीचार्ज सभी कार्य नहीं है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में 7 साल से हरियाणा में भाजपा की सरकार चल रही है जिसमें धरने व प्रदर्शन होते रहें हैं। इससे पहले जो सरकारें सत्ता में रही उनके शासन में भी धरने व प्रदर्शन हुए मगर तब वाटर कैनन का इस्तेमाल व लाठीचार्ज जिस कदर होता था वह किसी से छुपा नहीं है। वर्तमान सरकार में 7 साल के अंदर न्यूनतम बल प्रयोग हुआ है उन्होंने कहा कि कोई भी नहीं चाहता कि किसानों के आमने-सामने हो टकराव पैदा हो। मगर कुछ लोग चाहते हैं कि माहौल बिगड़े। कांग्रेस के शासनकाल में किसी भी वर्ग को अपनी मांग उठाने पर उनके साथ जो व्यवहार सत्तासीन कांग्रेस करती थी वह सबको याद है।


सुभाष बराला ने कहा कि हरियाणा प्रदेश में कांग्रेस वह पंजाब मैं कांग्रेस की जो हालत है वह किसी से छुपी नहीं है। पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिद्धू ने मोर्चा खोला हुआ है। हरियाणा के अंदर भूपेंद्र सिंह हुड्डा तथा शैलजा से कांग्रेस पार्टी अंदरुनी रूप से नहीं संभल थी गुटबाजी चरम सीमा पर है। बराला ने हुड्डा कैप्टन द्वारा मुख्यमंत्री मनोहर लाल का इस्तीफा मांगे जाने के बयानों पर जबरदस्त पलटवार किया उन्होंने कहा कि जिन से अपनी पार्टी नहीं  संभलती वह लोग दूसरी पार्टी के ठेकेदार बनने चलें हैं। हुड्डा नेता प्रतिपक्ष क्या वह आज तक अपनी पार्टी को एक कर पाए यही हाल चाल जागा है उसकी टांग खिंचाई दूसरे गुट कर रहे हैं।

सुभाष बराला ने कटाक्ष करते हुए कहा कि पंजाब में सिद्धू की जब ताजपोशी थी तब कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने कहा था कि कैप्टन साहब ने चतुराई से आंदोलनकारी किसानों को दिल्ली बॉर्डर पर हरियाणा में बिठा दिया है। बराला ने कहा कि हम आज जो यह चीजें बोलते हैं यह सब पंजाब के कांग्रेस के दिग्गज कांग्रेस के मंचों पर बोलते हैं। किसान आंदोलन के पीछे कांग्रेस कैसे राजनीतिक रोटियां सेक रही है यह अब किसी से छुपा नहीं है। मेघालय के राज्यपाल सतपाल मलिक द्वारा लाठीचार्ज के मामले में हरियाणा के सीएम का इस्तीफा मांगने पर बराला ने कहा कि सतपाल मलिक बहुत वरिष्ठ नेता हैं जब वह हरियाना किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष से थे तब उनके साथ काम करने व सीखने का मौका मिला है। उनके कहे किसी भी शब्द पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते हैं।

सुभाष बराला कांग्रेस के हरियाणा के नेताओं भूपेंद्र सिंह हुड्डा व प्रदेश अध्यक्ष कुमारी शैलजा द्वारा मनोहर पार्ट 1 व पार्ट 2 के साथ साल के शासनकाल पर वह 2500 दिन पर की गई टिप्पणियों पर जमकर बोले। बराला ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के राज में जो लूट और कसौट की प्रथा थी वह मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभालते ही मनोहर लाल खट्टर ने बंद कर दी। हरियाणा में मेरिट पर रोजगार मिलने लगा। पहले नौकरी दी नहीं जाती थी चीनी जाती है थी। किसानों की फसलें खराब हो जाने पर उन्हें एक-एक कर पर मुआवजा देकर उनका मजाक उड़ाया जाता था भाजपा सरकार में यह मुआवजा ₹12000 तक किया गया इसके इलावा फसल बीमा योजना शुरू की गई। मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व में भाजपा कुछ करके दिखाना चाहती है जिस से कांग्रेस को बेहद तकलीफ है।

सुभाष बराला ने कहा कि किसानों के मुद्दे पर भाजपा सरकार पूर्णतया संवेदनशील है सब मुद्दों को आपसी समझ व शांति के साथ किसानों को भी बैठकर निपटाना चाहिए। किसान आंदोलन की आड़ में राजनैतिक टारगेट पूरे करने पर लगे चेहरे अब बेनकाब होने लगे हैं। उन्होंने कहा कि आंदोलन चलाना और बात है उसकी आड़ में राजनीति करना और बात है। पिछले दिनों किसान नेता चंदूनी द्वारा पंजाब के चुनावों में प्रत्याशी खड़े करने पर उन्होंने प्रतिक्रिया देते हुए कहा की किसान आंदोलन के नाम पर जो लोग राजनीति कर रहे हैं उनके चेहरे पर सार्वजनिक हो चुके हैं यह लोग आंदोलन की आड़ में ऐसा कर रहे हैं इसलिए देश का अन्नदाता इन्हें माफ नहीं करेगा।

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Content Writer

Isha

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