भारत की राष्ट्रपति 29 नवंबर को ब्रह्म सरोवर में अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव का करेंगी उद्घाटन

punjabkesari.in Monday, Nov 14, 2022 - 10:45 PM (IST)

चंडीगढ़(चन्द्रशेखर धरणी): हरियाणा में 19 नवंबर से 6 दिसंबर तक कुरुक्षेत्र में सरस और शिल्प मेले के साथ अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव -2022 का आयोजन किया जाएगा। भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू का हरियाणा आगमन भी कुरूक्षेत्र की पावन धरा पर होगा और उनके द्वारा 29 नवम्बर, 2022 को ब्रह्म सरोवर पर गीता यज्ञ एवं पूजन से मुख्य कार्यक्रमों का विधिवत शुभारम्भ किया जाएगा।

 

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने आज यहां आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए यह जानकारी दी

 

मनोहर लाल ने कहा कि राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू 29 नवम्बर को ही कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में तीन दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय गीता संगोष्ठी का भी शुभारम्भ करेंगी। ‘श्रीमद्भगवदगीता की प्रेरणा से विश्व शान्ति और सदभाव’ विषयक इस संगोष्ठी में देश-विदेश के गीता मर्मज्ञ, विद्वान एवं शोधार्थी अपने शोधपत्र प्रस्तुत करेंगे। निश्चय ही इस संगोष्ठी से गीता के संदेष की महत्ता विश्व में फैलेगी। मुख्यमंत्री ने राज्य के लोगों और देशवासियों को इस पवित्र महोत्सव में भाग लेने और जीवन भर की स्मृति मन में संजोने के लिए कुरुक्षेत्र में आमंत्रित किया।

 

मनुष्य को केवल भौतिक विकास पर ही ध्यान नहीं देना चाहिए: मनोहर लाल

 

उन्होंने कहा कि श्रीमदभगवत गीता का संदेश आज भी प्रासंगिक है। मनुष्य को केवल भौतिक विकास पर ही ध्यान नहीं देना चाहिए, बल्कि एक सम्पूर्ण मानव के लिए सामाजिक, नैतिक और वैचारिक विकास भी जरूरी है, जो गीता ज्ञान के माध्यम से संभव है। मनोहर लाल ने महोत्सव की जानकारी देते हुए बताया कि देशभर से आए मूर्तिकारों द्वारा महाभारत और गीता विषय पर आधारित 21 प्रस्तर मूर्तियों का निर्माण किया गया है। इस महोत्सव के दौरान देश-विदेश से आए शिल्पकारों को अपनी प्रतिभा दिखाने का सुनहरा अवसर मिलेगा।

 

‘अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव देश से बाहर मॉरीशस तथा लन्दन में भी मनाया गया’

 

 

उन्होंने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव-2022 में 19 नवंबर से 27 नवंबर तक संत मुरारी बापू जी द्वारा ब्रह्म सरोवर पर श्री राम कथा का आयोजन किया जा रहा है। इसमें देश भर से हजारों श्रद्धालु आएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह हमारे लिए हर्ष का विषय है कि इस बार अन्तर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव ऐसे समय में आयोजित किया जा रहा है, जब पूरा देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। कुरुक्षेत्र में पवित्र ब्रह्म सरोवर के तट पर आयोजित किए जा रहे गीता के इस पावन उत्सव में लोगों को एक बार फिर से राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कलाकारों एवं शिल्पकारों का संगम देखने का अवसर मिलेगा। उन्होंने बताया कि वर्ष 2019 में ‘अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव देश से बाहर मॉरीशस तथा लन्दन में भी मनाया गया। इस साल सितम्बर माह में कनाडा में भी यह महोत्सव आयोजित किया गया। मनोहर लाल ने बताया कि गीता जन्मस्थली ज्योतिसर में श्रीकृष्ण के विराट स्वरूप की 50 फुट ऊंची प्रतिमा का निर्माण किया गया है, जिस पर 3डी मैपिंग टैक्नॉलोजी के माध्यम से गीता पर आधारित मल्टीमीडिया शो का उद्घाटन किया जाएगा।

 

पार्टनर देश नेपाल व पार्टनर स्टेट मध्यप्रदेश

 

मुख्यमंत्री ने बताया कि इस बार अन्तर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव- 2022 में नेपाल पार्टनर देश एवं मध्यप्रदेश पार्टनर राज्य की भूमिका में रहेगें। उन्होंने बताया कि पुरुषोत्तमपुरा बाग, ब्रह्म सरोवर पर मध्यप्रदेश सरकार द्वारा पैवेलियन लगाया जा रहा है, जिसमें उनकी संस्कृृति, शिल्प, खान-पान इत्यादि से सम्बन्धित स्टॉल आकर्षण का केन्द्र रहेंगे।

 

हरियाणा पैवेलियन से राज्य की संस्कृति से रूबरू होंगे पर्यटक

 

मनोहर लाल ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में हरियाणा के लोकनृत्य, शिल्प, लघुउद्योग, खान-पान इत्यादि से सम्बन्धित हरियाणा पैवेलियन लगेगा, जिससे महोत्सव में आने वाले पर्यटक एवं तीर्थयात्री हरियाणा की संस्कृति से रूबरू हो सकेंगे। उन्होंने बताया कि विभिन्न विभागों द्वारा हरियाणा के विकास एवं उन्नति विषयक प्रदर्शनियां भी लगाई जा रही हैं, जिससे लोगों को सरकार द्वारा चलाई जा रही जनकल्याणकारी योजनाओं एवं प्रदेश में हो रहे विकास कार्यों की जानकारी मिलेगी।

 

प्रतिदिन होगी भजन संध्या व भव्य गीता आरती

 

मुख्यमंत्री ने बताया कि 19नवम्बर से 6 दिसम्बर, 2022 तक ब्रह्म सरोवर के पावन तट पर भजन संध्या और उसके पश्चात भव्य गीता आरती का आयोजन किया जाएगा। यह आरती देश के अन्य तीर्थों पर संध्याकाल को होने वाली भव्य आरती के ही समान होगी।

 

ऑनलाईन गीता प्रश्नोत्तरी का आयोजन

 

मनोहर लाल ने बताया कि इस महोत्सव के अवसर पर इस वर्ष 1 नवम्बर से ऑनलाईन गीता प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता चल रही है, जो 18 नवम्बर तक चलेगी। इसमें विद्यार्थियों सहित अनेक श्रद्धालु भाग ले रहे हैं। इस ऑनलाईन प्रतियोगिता में भारत सहित अमेरिका, कनाडा और कुवैत जैसे अनेक देशों के नागरिकों ने भी अपना पंजीकरण करवाया है। अब तक इस प्रतियोगिता में 50 हजार से अधिक लोग अपना पंजीकरण करवा चुके हैं। इसके अलावा, महोत्सव के दौरान 18 नवम्बर को कुरुक्षेत्र में गीता मैराथन का आयोजन किया जाएगा।

 

अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में शामिल होंगे विभिन्न देशों के राजदूत

 

मुख्यमंत्री ने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव 2022 में अजरबैजान, इथोपिया, वियतनाम आदि देशों के राजदूत भी शामिल होंगे। इसके अतिरिक्त, अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव 2022 के प्रारम्भ होने से पहले ही अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, पोलैंड, चीन सहित 25 से ज्यादा देशों के 4 लाख से अधिक लोग सोशल मीडिया के जरिए महोत्सव के साथ जुड़ चुके हैं। इस महोत्सव की वेबसाइट के पेज पर 3 लाख 80 हजार से ज्यादा लोग विजिट कर चुके हैं। यह निश्चय ही इस महोत्सव की लोकप्रियता के प्रमाण हैं। उन्होंने बताया कि इस महोत्सव में इस बार 48 कोस कुरुक्षेत्र भूमि के 75 तीर्थों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम, आरती एवं गीता जयन्ती के दिन 4 दिसम्बर को दीपोत्सव का आयोजन किया जाएगा।

 

3 दिसंबर को होगा संत सम्मेलन

 

मुख्यमंत्री ने बताया कि 3 दिसम्बर को महोत्सव के दौरान पुरुषोत्तमपुरा बाग में सन्त सम्मेलन का आयोजन होगा। इसमें देश के प्रख्यात सन्त मिलकर गीता एवं अध्यात्म विषय पर चर्चा करेंगे। सन्तों का यह मिलन इस समारोह की गरिमा को एक नया स्वरुप प्रदान करेगा। इसके अलावा, 4 दिसम्बर को कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में 48 कोस कुरुक्षेत्र के तीर्थों पर एक सम्मेलन आयोजित किया जाएगा, जिसमें श्रद्धालु तथा सामाजिक कार्यकर्ताओं की उपस्थिति रहेगी।

 

18 हजार विद्यार्थियों द्वारा होगा वैश्विक गीता पाठ

 

मनोहर लाल ने बताया कि गीता जयन्ती के दिन 4 दिसम्बर को कुरुक्षेत्र में 18 हजार विद्यार्थियों द्वारा वैश्विक गीता पाठ किया जाएगा। इस अवसर पर प्रदेशभर से 75 हजार विद्यार्थी तथा देश-विदेश से लाखों गीता प्रेमी एवं श्रद्धालु ऑनलाईन माध्यम से जुड़ेंगे। उन्होंने बताया कि महोत्सव के अवसर पर इस बार भी धार्मिक एवं सामाजिक संस्थाओं द्वारा प्रदर्शनियों का आयोजन किया जा रहा है, जिनमें 48 कोस कुरुक्षेत्र, सन्त कबीर, सन्त रविदास, महर्षि वाल्मिकि, दिव्य ज्योति, चिम्य मिशन, इस्कॉन आदि की प्रदर्शनियां होेंगी। इसके अलावा, गीता पुस्तक मेले का आयोजन भी किया जाएगा, जिसमें देश के 25 से अधिक संस्थाएं एवं प्रमुख प्रकाशक अपनी सहभागिता देकर इस महोत्सव को ज्ञान का महोत्सव बनाने में सहयोग करेंगे।

 

इस अवसर पर बोलते हुए गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज ने कहा कि वर्तमान समय में श्रीमद्भगवद गीता की प्रासंगिकता और भी अधिक हो गई है। प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीवन में गीता के संदेश को आत्मसात करना चाहिए। उन्होंने कहा कि गीता का संदेश आज भी उतना ही प्रासंगिक है और यह हजारों वर्षों से मनुष्य को प्रेरणा देता रहा है। गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद जी ने कहा कि श्रीमद्भगवद गीता का उपदेश और संदेश केवल भारत तक ही सीमित नहीं है क्योंकि यह पवित्र संदेश पूरी मानवता के लिए है। वर्तमान समय में, श्रीमद्भगवद गीता सभी वैश्विक समस्याओं का समाधान है। उन्होंने कहा कि श्रीमद्भगवद गीता का ज्ञान और शिक्षाएं हर हरियाणवी का गौरव है। इस वर्ष श्रीमद्भगवद गीता के उपदेश को दिए हुए 5159 वर्ष हो जाएंगे, जब भगवान श्री कृष्ण ने कुरुक्षेत्र की पवित्र धरा पर अर्जुन को गीता का अमर संदेश दिया था। 

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Content Editor

Ajay Kumar Sharma

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