राष्ट्रपति करेंगे सूरजकुंड मेले का उद्घाटन, इस बार 3000 से अधिक शिल्पकार करेंगे शिरकत

punjabkesari.in Wednesday, Jan 22, 2020 - 11:16 AM (IST)

फरीदाबाद (ब्यूरो) : सूरजकुंड अंतराष्ट्रीय मेला शुरू होने में केवल 10 दिन बाकी है। मेले की तैयारियों को लेकर जोरदार काम चल रहा है। मेला प्रबंधन के अनुसार सूरजकुंड मेले का उद्घाटन इस बार राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद करेंगे। इसलिए 27 जनवरी तक सारी तैयारियों को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है, जिससे उनकी सुरक्षा की तैयारियों में दिक्कत न आए। इसके अलावा मेले में 3000 हजार से ज्यादा देशी-विदेशी शिल्पकार भाग लेंगे, जो भारतीय संस्कृति संग विदेशी जीवन शैली व उनके पौराणिक रीति-रिवाजों से पयर्टकों को रूबरू कराएंगे। मेले में पहली बार भगवान सूर्य के विभिन्न रूपों को दर्शाया जाएगा।

कलाकार नाट्य मंचन के माध्यम से सूर्य के रौद्र रूप, सरल स्वभाव, सूर्य की कृपा से पृथ्वी पर जीवन आदि का वर्णन किया जाएगा। पयर्टकों को ग्लोबल वार्मिंग से बढ़ रहे सूर्य की ताप की जानकारी दी जाएगी। पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया जाएगा। साथ ही चौपाल पर हरियाणवी, पंजाबी, राजस्थानी लोक नृत्य संग असम की विहू, मथुरा की रासलीला, वृज की होली, हिमाचल लोकनृत्य आदि की प्रस्तुति दी जाएगी।

सूरजकुंड मेला के नोडल अधिकारी राजेश जून ने बताया कि पिछले साल के मुकाबले इस बार सूरजकुंड मेले में 32 देश भाग ले रहे हैं। पिछले साल इनकी संख्या कुल 30 थी। इसमें पहली बार इंगलैंड समेत अफ्रीकन कंट्री मालावी और स्वाजीलैंड भी पार्टिसिपेट करेंगे। साथ ही कजाकिस्तान, अफगानिस्तान, जापान, मलेशिया, बंगलादेश आदि देश के कलाकार पहुंचेगे। इनकी करीब 120 स्टॉल लगेंगे। इनकी सुरक्षा के लिए पुख्ता व्यवस्था की जा रही है।

मेला प्रबंधन के अनुसार पिछले साल के मुकाबले इस बार पयर्टकों की संख्या को बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। मेले का जगह-जगह प्रचार किया जा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि पिछले साल करीब 10 लाख पयर्टक मेले में घूमने पहुंचे थे। लेकिन इस बार इनकी संख्या 12 लाख तक पहुंचने की उम्मीद है। इसकी कोशिश की जा रही है। पयर्टकों की संख्या बढ़ाने के लिए टिकट बुकिंग शुरू कर दी गई है। मेले में थीम स्टेट हिमाचल प्रदेश की पौराणिक संस्कृति से लेकर प्राकृतिक सौंदर्य का रूप देखने को मिलेगा। शिमला में होती स्नो फॉल पयर्टकों को खूब लुभागएगा। इसके अलावा काली की मंदिर, महेश्वर देवता का मंदिर को यहां दर्शाया जाएगा।

 


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Isha

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