यूरिया खाद को लेकर मारामारी, बिक्री केंद्रों पर लगी लंबी कतारें
punjabkesari.in Wednesday, Jan 19, 2022 - 06:07 PM (IST)
जींद,19 जनवरी (भाषा) पिछले दिनों हुई बारिश के बाद से यूरिया की जबर्दस्त मांग बनी हुई है। किसान अल सुबह खाद बिक्री केंद्रों के बाहर लाइनों में लग रहे हैं। बावजूद इसके किसानों को मांग के अनुरूप यूरिया नहीं मिल पा रहा है।
पुरानी अनाज मंडी कोऑपरेटिव सोसायटी हैफेड बिक्री केंद्र के बाहर काफी संख्या में किसान खाद लेने के लिए पहुंचे। इनमें महिलाएं भी शामिल थीं। किसानों की भीड़ को देखते हुए पुलिस की देखरेख में किसानों को खाद वितरित की गई। मंगलवार को 2,600 टन यूरिया खाद जिले में पहुंची है।
बुधवार को खाद का वितरण शुरू किया गया। खाद लेने पहुंचे अहिरका गांव के किसान जगपाल, राममेहर ने कहा कि बारिश के बाद गेहूं की फसल में यूरिया खाद डालनी है। एक सप्ताह पहले खाद डालनी थी। लेकिन उन्हें खाद नहीं मिल रही। वे बुधवार सुबह आठ बजे से पहले ही जींद पुरानी अनाज मंडी में पहुंच गए थे।
कृषि विभाग के गुणवत्ता नियंत्रक निरीक्षक नरेंद्र पाल ने बताया कि 2,600 टन खाद का रैक आया है, जिसे बंटवाया जा रहा है। अब तक रबी सीजन में करीब 62 हजार टन यूरिया जिले में पहुंच चुकी है। सीजन में कुल 76 हजार टन यूरिया की जरूरत होती है। गेहूं में यूरिया फरवरी के महीने तक डाली जाती है। जल्द ही यूरिया के और भी रैक आएंगे।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
पुरानी अनाज मंडी कोऑपरेटिव सोसायटी हैफेड बिक्री केंद्र के बाहर काफी संख्या में किसान खाद लेने के लिए पहुंचे। इनमें महिलाएं भी शामिल थीं। किसानों की भीड़ को देखते हुए पुलिस की देखरेख में किसानों को खाद वितरित की गई। मंगलवार को 2,600 टन यूरिया खाद जिले में पहुंची है।
बुधवार को खाद का वितरण शुरू किया गया। खाद लेने पहुंचे अहिरका गांव के किसान जगपाल, राममेहर ने कहा कि बारिश के बाद गेहूं की फसल में यूरिया खाद डालनी है। एक सप्ताह पहले खाद डालनी थी। लेकिन उन्हें खाद नहीं मिल रही। वे बुधवार सुबह आठ बजे से पहले ही जींद पुरानी अनाज मंडी में पहुंच गए थे।
कृषि विभाग के गुणवत्ता नियंत्रक निरीक्षक नरेंद्र पाल ने बताया कि 2,600 टन खाद का रैक आया है, जिसे बंटवाया जा रहा है। अब तक रबी सीजन में करीब 62 हजार टन यूरिया जिले में पहुंच चुकी है। सीजन में कुल 76 हजार टन यूरिया की जरूरत होती है। गेहूं में यूरिया फरवरी के महीने तक डाली जाती है। जल्द ही यूरिया के और भी रैक आएंगे।
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