खट्टर सरकार द्वारा प्रदेश में हिंदी भाषा का प्रचार-प्रसार करने के दावे पर प्रश्नचिन्ह

punjabkesari.in Saturday, Feb 08, 2020 - 03:44 PM (IST)

चंडीगढ़(धरणी): हरियाणा में खट्टर सरकार द्वारा हिंदी भाषा का प्रचार-प्रसार करने के दावे पर प्रश्नचिन्ह लग गया है। दरअसल, मंत्रिमंडल सचिवालय की अधिसूचनाएं केवल अंग्रेजी भाषा में ही प्रकाशित होती हैं। जबकि ये हिंदी में भी प्रकाशित हाेनी चाहिए। आरटीआई में खुलासा हुआ है कि कैबिनेट ब्रांच की वर्ष 1969 से 1975 तक की अधिसूचनाएं ही हिंदी में प्रकाशित हुई। 

बता दें कि हरियाणा की मौजूदा भाजपा-भाजपा सरकार के 100 दिन पूर्ण होने पर बीते दिन मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने प्रेस वार्ता में अपनी सरकार की बाकी उपलब्धियों के अलावा यह भी बताया कि प्रदेश की जिला अदालतों में हिंदी भाषा का प्रयोग किए जाने का निर्णय लिया गया है। इसके साथ हाईकोर्ट के कार्यो में भी हिंदी भाषा प्रयोग में लाने के लिए राज्यपाल को पत्र लिखा गया है। जिसमे आग्रह किया गया कि वह इस संबंध में राष्ट्रपति को सिफारिश भेजें।  

इस सबके बीच प्रदेश सरकार द्वारा राजकीय कार्यों में हिंदी भाषा के प्रयोग पर एक रोचक तथ्य सामने आया है। अभी बीती 6 फरवरी को हरियाणा के वित्त विभाग द्वारा मुख्यमंत्री परिवार समृद्धि संबधी जारी दो नोटिफिकेशन केवल अंग्रेजी भाषा में ही हरियाणा के सरकारी गजट में प्रकाशित करवाई गई हैं।

आरटीआई याचिका दायर कर तीन बिंदुओं पर सूचना मांगी
बीती 23 जनवरी 2020 को पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार ने हरियाणा सरकार के मुख्य सचिव कार्यालय के अंतर्गत आने वाली कैबिनेट (मंत्रिमंडल) शाखा में एक आरटीआई याचिका दायर कर तीन बिंदुओं पर सूचना मांगी। इसमें सर्वप्रथम हरियाणा के वर्तमान मुख्यमंत्री, उप-मुख्यमंत्री  और मंत्रियों की नियुक्ति और उनके पोर्टफोलियो (विभाग) आबंटन-पुर्न आबंटन संबंधी मंत्रिमंडल सचिवालय द्वारा हिंदी भाषा में जारी एवं हरियाणा सरकार के गजट में प्रकाशित अधिसूचनाएं की प्रतियां।

वहीं दुसरे बिंदु में हरियाणा राजभाषा अधिनियम, 1969 एवं इसके अंतर्गत बनाए गए नियमों के बावजूद मंत्रिमंडल सचिवालय द्वारा मुख्यमंत्री/मंत्रियों की नियुक्ति एवं उनको विभाग आबंटन संबंधी नोटिफिकेशन हिंदी में जारी एवं प्रकाशित न किए जाने बारे सूचना मांगी। जबककि तीसरे बिंदु में उन्होंने सूचना मांगी कि किस दिन, माह और वर्ष से मंत्रिमंडल सचिवालय द्वारा हिंदी भाषा में अधिसूचनाएं जारी एवं प्रकाशित करवानी बंद कि गई। 

नोटिफिकेशन पूर्व की भांति केवल अंग्रेजी में ही प्रकाशित की गई
5 फरवरी को कैबिनेट ब्रांच की अवर सचिव (अंडर सेक्रेट्री) सीमा अग्रवाल जो इस ब्रांच की राज्य जन सूचना अधिकारी (एस.पी.आई.ओ.) हैं द्वारा आरटीआई के जवाब में हेमंत को बताया गया है की वर्तमान मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री एवं सभी मंत्रियों के पोर्टफोलियो (विभाग ) के आबंटन की नोटिफिकेशन पूर्व की भांति केवल अंग्रेजी में ही प्रकाशित की गई है। 

उन्होंने बताया किजहां तक पोर्टफोलियो आबंटन हिंदी भाषा में अधिसूचना प्रकाशन करने का विषय है, तो इस संबंध में फाइल में कोई उल्लेख नहीं किया गया है। इसके साथ उन्होंने बताया कि राज्य सूचना केवल रिकॉर्ड में रखी सूचना उपलब्ध करने में सक्षम है न की किसी उठाये गए प्रश्न का जवाब देने बारे। आखिर में उन्होंने बताया कि केवल वर्ष 1969 से लेकर 1975 तक ही पोर्टफोलियो की अधिसूचना हिंदी में प्रकाशित करवाई गई। 

वहीं आरटीआई में मिले जवाब से असंतुष्ट एडवोकेट हेमंत ने बताया कि केवल पोर्टफोलियो आबंटन के संबंध में ही जानकारी दी गई है जबकि मुख्यमंत्री और मंत्रियों की नियुक्ति आदि और कैबिनेट सचिवालय द्वारा प्रकाशित अधिसूचनाएं केवल अंग्रेजी में प्रकाशित होने बारे को भी सूचना नहीं दी गई है। उन्होंने कहा कि हरियाणा राजभाषा अधिनियम, 1969 और उसके अंतर्गत बनाए नियमों में हरियाणा सरकार के हर विभाग की नोटिफिकेशन/अधिसूचना हिंदी में जारी/प्रकाशित करना कानूनन आवश्यक है, जबकि उसके साथ साथ अंग्रेजी भाषा में केवल उसकी अनुवादित नोटिफिकेशन जारी/प्रकाशित होती है।

इसी प्रकार हरियाणा विधानसभा में पेश किए जाने वाले बिलों (विधेयकों) को भी इंग्लिश और हिंदी दोनों भाषाओ में प्रकाशित किया जाता है। हालांकि एक बार जब सदन में पारित हुए बिल को राज्यपाल की स्वीकृति मिलती है तो पहले तो उस उस एक्ट (अधिनियम ) को इंग्लिश में प्रकाशित किया जाता है जबकि इसके कुछ दिनोंंंंं/सप्ताह बाद उस एक्ट का हिंदी भाषा में अनुवाद उक्त 1969 कानून के उपयुक्त प्रावधानों में प्रकाशित करना कानून अनिवार्य है। यही पैमाना अध्यादेशों पर भी लागू होता है।

ज्ञात रहे कि हरियाणा सरकार के विभागों के नोटिफिकेश आदि सभी दस्तावेजों का हिंदी भाषा में आधिकारिक अनुवाद करवाने के लिए प्रदेश में भाषा विभाग भी है जो पहले उच्च शिक्षा विभाग का ही अंग हुआ करता है, लेकिन हुड्डा सरकार के दौरान इस विभाग को सूचना एवं लोक संपर्क विभाग के साथ मिला दिया गया था। हालांकि आज भाषा विभाग में निदेशक के अतिरिक्त कोई अन्य नियमति एवं पर्याप्त स्टाफ नहीं है। 

हेमंत ने बताया कि मंत्रिमंडल सचिवालय द्वारा बीती 5 फरवरी को मुख्यमंत्री और मंत्रियों के मध्य आबंटित विभागों संबंधी जारी ताजा आर्डर में हरियाणा के मुख्यमंत्री   के मौजूदा विभागों में उल्लेखित सीआईडी को हिंदी में तो गुप्तचर विभाग लिखा गया है। जबकि अंंग्रेजी में इसका अनुवाद क्रिमिनल इंवेस्टीगेशन दिखाया गया है। जिसका हिंदी में अर्थ आपराधिक अन्वेषण (जांच) बनता है। अब उक्त आदेश में गुप्तचर को क्राइम इन्वेस्टीगेशन क्यों दर्शाया गया है, यह देखने लायक है। बता दें कि हरियाणा पुलिस कानून 2007 की धारा 16 में स्टेट इंटेलिजेंस विंग एवं स्टेट क्राइम इंवेस्टीगेशन विंग बनाने का ही प्रावधान है। 


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Edited By

vinod kumar

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