धर्मशाला में होने वाले सत्संग पर लगी रोक, रामपाल के अनुयायियों ने किया था आयोजन(VIDEO)

punjabkesari.in Saturday, Jan 18, 2020 - 08:59 PM (IST)

ऐलनाबाद (सुरेन्द्र): कथित कबीरपंथी संत रामपाल जो आर्य समाज के अनुयायी की हत्या का दोषी है व साल 2014 से ही हरियाणा के हिसार जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है। उसके अनुयायी व सतलोक आश्रम वालों द्वारा ऐलनाबाद में रविवार को स्थानीय धानुका धर्मशाला में आयोजित होने वाले वाले त्संग पर रोक लगा दी गई हैै। इस आयोजन को लेकर शहर की विभिन सामाजिक संस्थाओं ने विरोध किया था। सत्संग को रोकने के लिए एसडीएम ऐलनाबाद को ज्ञापन सौंपा गया, जिसके बाद प्रशाशन ने संज्ञान लेते हुए सत्संग पर रोक लगा दी है।

इससे पहले हिमाचल में हुआ था विरोध
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बता दें कि एक अक्टूबर 2019 को कांगड़ा जिले के ग्राम पंचायत पाईसा के निवासियों ने रामपाल का सत्संग नहीं होने दिया गया। जिसके बाद सैंकड़ों लोगों ने मिलकर पहले रामपाल का सत्संग करवाने वाले व्यक्ति चूड़ सिंह को समझाने की कोशिश की। ग्रामीणों की बात चूड़ सिंह को समझ नहीं आई और वह सत्संग का आयोजन करवाने पर आमदा रहा तब लोगों ने रामपाल के पोस्टर फाड़कर आग के हवाले कर दिया। जिसके बाद से ट्विटर पर हैशटैग #Who_Is_SaintRampalJi ट्रेंड होने लगा, जिसमें लोगों ने भर-भर कर गालियां देना शुरू कर दिया था।

जानें कौन है रामपाल 
रामपाल एक कथित अध्यात्मिक कबीर पंथी गुरु हैं। संत रामपाल का जन्म सोनीपत के धनाना गांव में हुआ था। जो खुद को कबीर का अवतार बताता है और कबीर को भगवान बताता है। रामपाल ने सतलोक आश्रम की स्थापना की है, ये आश्रम हरियाणा के हिसार में है। रामपाल ने अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद हरियाणा सरकार के सिंचाई विभाग में जूनियर इंजीनियर की नौकरी की। 

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इसी दौरान रामपाल की मुलाकात स्वामी रामदेवानंद महाराज से हुई और रामपाल उनके शिष्य बन गया और कबीर पंथ को मानने लगे। साल 2000 में रामपाल ने अपने अभियंता पद से स्तीफा दे दिया और बाद में करोंथा गांव में सतलोक आश्रम की स्थापना की थी, हालांकि रामपाल के गिरफ्तार होने के बाद आश्रम सरकार के कब्जे में है।

कई बार हो चुका है जेल में बंद: कबीर पंथी विचारधारा के समर्थक संत रामपाल पर देशद्रोह का भी मामला दर्ज हुआ था। जिसके लिए उन्हें गिरफ्तार भी किया गया था। साल 2006 में भी रामपाल पर हत्या का केस दर्ज हुआ था। 

स्वामी दयानंद की किताब पर विवादित टिप्पणी कर चर्चा में आया था रामपाल 
साल 2006 में स्वामी दयानंद की लिखी एक किताब पर रामपाल ने विवादित टिप्पणी की थी। जिसके बाद संत रामपाल और आर्यसमाज समाज के बीच इसको लेकर हिंसक झड़प हुई थी। जिसमें एक शख्स की मौत हो गई थी। इसके बाद एसडीएम ने 13 जुलाई, 2006 को आश्रम को कब्जे में ले लिया। रामपाल और उनके 24 समर्थकों को गिरफ्तार कर लिया गया।

आश्रम में होता था महिलाओं को यौन शोषण
हरियाणा पुलिस ने अपनी जांच में पाया था कि रामपाल के आश्रम में महिलाओं का यौन शोषण होता था। जिनके बारे में लोगों को भनक भी नहीं था। पुलिस ने रामपाल के कमरे से प्रेग्नेंसी टेस्ट किट भी बरामद की थी। पुलिस का कहना था कि रामपाल महिला शौचालयों पर सीसीटीवी कैमरे लगाकर नजर रखते थे। सीसीटीवी की स्क्रीन रामपाल के बेहद खास रेस्ट रूम से लेकर उनजगहों पर लगी थीं, जहां बाबा के सिवा किसी को जाने की इजाजत नहीं थी।


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Shivam

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