खेदड़ में राख पर रार: पुलिस ने ग्रामीणों पर दर्ज मुकद्दमे से हत्या व हत्या प्रयास की धारा हटाई

punjabkesari.in Saturday, Jul 16, 2022 - 09:50 AM (IST)

हिसार: बरवाला थाना पुलिस ने खेदड़ राख प्रकरण में दर्ज मुकद्दमे से हत्या व हत्या प्रयास की धारा हटाकर धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) जोड़ दी है। साथ ही अब तक की तफ्तीश में पुलिस को गिरफ्तार चारों युवक आरोपी नहीं मिले हैं। पुलिस ने शुक्रवार को अदालत में जमानत याचिका पर जवाब पेश करते हुए कहा कि चारों आरोपियों की जमानत लेने पर हमें कोई ऐतराज नहीं है। अदालत ने पुलिस का जवाब सुनने के बाद जेल में बंद सुनील, अनिल, अमन व मंदीप की जमानत मंजूर कर ली।

खेदड़ में राख के मसले को लेकर 8 जुलाई को पुलिस व ग्रामीणों में झड़प हो गई थी। इस दौरान गांव के धर्मपाल सहारण की मौत और 3 पुलिस कर्मचारी घायल हो गए थे। बरवाला थाना पुलिस ने इस मामले में 10 किसान नेताओं व 810 ग्रामीणों के खिलाफ हत्या, हत्या प्रयास, आपराधिक षडयंत्र रचने, सरकारी ड्यूटी में बाधा पहुंचाने सहित कई धाराओं के तहत केस दर्ज किया था। बरवाला पुलिस ने खेदड़ गांव के सुनील, अनिल, अमन व मंदीप को गिरफ्तार कर 9 जुलाई को अदालत में पेश कर जेल भेज दिया था। बुधवार को प्रशासनिक अधिकारियों व गौशाला कमेटी सदस्यों के बीच हुई वार्ता में लगभग सभी मांगों पर सुलह हो गई थी। मगर ग्रामीणों ने कहा था कि हम तब शव का अंतिम संस्कार करेंगे, जब जेल में बंद चारों युवक अंतिम संस्कार में शामिल नहीं होंगे। तब प्रशासन व पुलिस ने मामले का समाधान करने की दिशा में और कदम उठाये।

पुलिस ने जमानत याचिका पर जवाब देकर कोर्ट को बताया कि 9 जुलाई से अब तक की तफ्तीश में धारा 302 व 307 के आरोपों की तसदीक नहीं हुई है। इन धाराओं को हटाकर धारा 304 लगाई गई है। तफ्तीश के दौरान गिरफ्तार सुनील, अनिल, अमन व मंदीप कुमार इस अपराध में धारा 333 व 304 के आरोपी नहीं पाए गए हैं। अब भी मृतक के वारिसों, गौशाला कमेटी व खाप-पंचायतों का धरना जारी है। उनके द्वारा सामूहिक रूप से फैसला लिया गया है कि जब तक चारों आरोपियों की जमानत मंजूर नहीं होती, तब तक मृतक धर्मपाल के शव का अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा। इससे कानून व्यवस्था की स्थिति खराब हो सकती है। इसलिए अदालत से अनुरोध है कि चारों आरोपियों की जमानत लेने में पुलिस को कोई एतराज नहीं है।

विदित रहे कि खेदड़ गौशाला कमेटी और पावर प्लांट के बीच राख के मसले को लेकर तनातनी चली आ रही थी। ग्रामीणों ने घोषणा की थी कि समाधान न निकाला तो वे 8 जुलाई को खेदड़ में रेल रोक देंगे। प्रशासन ने उस दिन भारी पुलिस बल तैनात कर रेलवे ट्रैक की तरफ बेरिकेड्स लगाए थे। आंदोलनकारियों की भीड़ रेलवे ट्रैक की तरफ बढऩे पर दोनों पक्षों में झड़प हो गई थी। इसमें ग्रामीण धर्मपाल की मौत हो गई थी और 3 पुलिस कर्मी घायल हो गए थे। ग्रामीणों का कहना था कि धर्मपाल की मौत पुलिस के लाठीचार्ज करने से हुई है। दूसरी तरफ पुलिस का कहना था कि धर्मपाल की मौत ट्रैक्टर से रौंदे जाने से हुई है। 


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Content Writer

Isha

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