रेफर मरीज की मौत का आरोप: बिना ऑक्सीजन की एंबुलेंस से भेजा गया था दिल्ली

punjabkesari.in Thursday, Apr 15, 2021 - 08:24 AM (IST)

गुडग़ांव (ब्यूरो) : बसई रोड निवासी एक मरीज की अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई। तबीयत खराब होने पर परिजनों द्वारा उसे नजदीकी पटौदी चौक स्थित गोविंद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। आरोप है कि डाक्टर द्वारा इंजेक्शन दिए जाने के बाद वह अचेत हो गया। जिसके बाद उसे आनन फानन में बिना अक्सीजन वाली एंबुलेंस से दिल्ली भेजा गया। जहां उपचार के दौरान मरीज की मौत हो गई। मामले की शिकायत जिला नेग्लिजेंसी बोर्ड में की गई है। जहां परिजनों को पूरे मामले की जांच का आश्वासन दिया गया।

ज्ञात हो कि मरीज हर्ष (19) की अचानक तबीयत खराब हो गई। जिसके बाद उसके पिता धीरज कुमार उसे आनन फानन में गोविंद अस्पताल लेकर गए। जहां डाक्टरों ने उसकी प्राथमिक जांच कर इलाज के लिए भर्ती कर लिया। धीरज ने बताया तकरीबन एक घंटे तक चले इलाज के बाद डाक्टरों ने उसे इंजेक्शन दिया। जिसके थोड़ी देर बाद ही हर्ष की आंखे उलट गई और वह अचेत हो गया। मरीज की ऐसी हालत देख वहां पर मौजूद परिजन चिल्लाने व शोर मचाना शुरू कर दिया। अस्पताल में अचानक हुए शोर शराबा सुनकर वहां पर पूरा स्टाफ आ गया। इस बीच मरीज का इलाज कर रहे डा. अनिल भी वहां पहुंचे। मरीज को अचेतावस्था में पड़े देख डाक्टर ने पंप करने के लिए जोर जोर से छाती दबाने लगे। उसे आइसीयू में ले जाकर आक्सीजन लगाने की बात कही। थोड़ी देर बाद आईसीयू से बाहर निकले डाक्टरों ने परिजनों को आश्वस्त किया कि जल्द ही मरीज को नार्मल वार्ड में शिफ्ट कर दिया जाएगा। जब मरीज की हालत इसके बाद भी नही सुधरी तो चिकित्सकों ने परिजनों को बुलाकर उसे दिल्ली के सफदरजंग ले जाने को कहा। एंबुलेंस में मरीज के साथ उसके परिजन व अस्पताल के डा. अनिल भी मरीज के साथ गए। 

आरोप है कि सफदरजंग अस्पताल पहुंचने पर पता चला कि एंबुलेंस का आक्सीजन सिलेंडर खाली था। आनन फानन में उसे होली फेमिली अस्पताल ले जाया गया। जहां भर्ती करने के अगले दिन सुबह ही उसकी मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि गोविंद अस्पताल द्वारा मरीज का गलत इलाज किया गया। जिसके एवज साढ़े आठ हजार रूपए में भी लिए गए। मरीज के पिता का आरोप है कि गलत इंजेक्शन मरीज की हालत बिगडऩे लगी। हालत बिगडऩे पर उसे बिना आक्सीजन की एंबुलेंस से दिल्ली भेजा गया। जिसके कारण उनके बेटे की मौत हो गई। परिजनों ने मामले को स्वास्थ्य विभाग के जिला नेग्लिेजेंसी बोर्ड में पहुंचा दिया। बोर्ड अधिकारियों का कहना है कि अब पूरे मामले की विभाग की टीम द्वारा जांच की जाएगी।

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Content Writer

Manisha rana

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