RSS का मंथन शिविर: कार्यकर्ताओं में जोश-उत्साह का संचार करने के साथ संघ विस्तार की बनी रणनीति

punjabkesari.in Sunday, Aug 29, 2021 - 09:27 PM (IST)

रेवाड़ी (योगेंद्र सिंह): हरियाणा के साथ ही उत्तर भारत में आरएसएस के कार्यकर्ताओं में जोश-उत्साह का संचार करने के साथ ही विस्तार की रणनीति को लेकर रेवाड़ी में तीन दिन से चल रहा मंथन शिविर का आज समापन हो गया। इसके लिए विशेष तौर से आरएसएस के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबले तीन दिवसीय भ्रमण पर आए हुए थे। रेवाड़ी में चल रहे तीन दिवसीय मंथन में आरएसएस के विस्तार के साथ ही कोरोना काल में कार्यकर्ताओं के कार्यों में आई शिथिलता को दूर करने के साथ ही एक बार फिर जमीनी स्तर पर उन्हें उतारने के लिए उत्साह का संचार करने का प्रयास किया जा रहा है। 

तीन दिवसीय मंथन में आरएसएस राष्ट्रवाद के मुद्दे के साथ ही हरियाणा की राजनीति के भविष्य का रोड मेप बनाने पर भी विचार-विमर्श किया है। यह सर्वविदित है कि जाटलैंड में भाजपा ना तो अधिक लोकप्रिय है ना ही वहां के लोग उसे अधिक पसंद करते हैं। राजनीति के जानकार आरएसएस के तीन दिवसीय मंथन को इसी से जोडक़र देख रहे हैं। जानकार मानते हैं कि कोरोना काल में आरएसएस कार्यकर्ता भी निष्क्रिय हो गए तो उनकी शाखाएं भी नियमित नहीं हो पाईं। 

रेवाड़ी में तीन दिवसीय उत्तर भारत के आरएसएस कार्यकर्ताओं में उत्साह का संचार करने के साथ ही राजनीति में भाजपा को कैसे मदद पहुंचाई जा सकती है इस पर रणनीति बनाई जा सकती है। बताते हैं कि तीन दिवसीय मंथन कार्यक्रम में पांच दर्जन से अधिक प्रचारकों की मैराथन मीटिंग हुई और कई पहलूओं पर मंथन किया। इसके पूर्व मंथन स्थल पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। पुलिस ने नाकाबंदी के साथ ही बिना आईडी और बाहरी लोगों की आवाजाही पर पूरी तरह रोक लगा रखी थी। 

हर रोज कई-कई घंटों चल रही मीटिंग में आरएसएस प्रचारक एवं अन्य पदाधिकारी अपने-अपने एरिये का फीडबैक दे रहे हैं। मीटिंग में राष्ट्रवाद के साथ ही प्रधानमंत्री द्वारा किए गए कार्यों को जन-जन तक पहुंचाने को लेकर भी प्लानिंग बनाने की जानकारी मिली है। बताया जाता है कि मीटिंग में शाखाएं अधिक से अधिक लगाने के साथ ही आरएसएस का विस्तार पर जोर दिया जा रहा है। साथ ही कार्यकर्ताओं में उमंग की लहर पैदा करना मंथन का महत्वपूर्ण हिस्सा है। मंथन में सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबले का शिरकत करने से पता चलता है कि यह कितनी महत्वपूर्ण है। सर संघचालक के बाद सरकार्यवाह का नंबर आता है और दत्तात्रेय होसबले ने मार्च माह में ही भैयाजी जोश का स्थान ग्रहण किया था।

आधा दर्जन प्रांत के पदाधिकारी कर रहे मंथन
शिविर में आरएसएस के करीब आधा दर्जन से अधिक प्रांत के पदाधिकारी शिरकत करके आरएसएस को मजबूत करने को लेकर मंथन कर रहे हैं। उत्तर क्षेत्र में हरियाणा, पंजाब, हिमाचल, दिल्ली, चंडीगढ़, जम्मू कश्मीर एवं लद्दाख का क्षेत्र आता है। सभी पदाधिकारी व प्रचारक अपने-अपने प्रांत व एरिया के वर्तमान हालात, राजनीतिक स्थिति के अलावा संघ की कार्यप्रणाली की जानकारी दे रहे हैं।

भाजपा के लिए अहम बैठक
आरएसएस की तीन दिवसीय मीटिंग का हरियाणा के रेवाड़ी में होना भाजपा के लिए बहुत अहम है। किसान आंदोलन एवं कोरोना महामारी के समय भाजपा की स्थिति प्रदेश में ठीक नहीं है। भाजपा सरकार के कार्यक्रमों का आज भी गांव-गांव व शहर-शहर विरोध हो रहा है। जबकि प्रदेश में स्थानीय निकाय एवं पंचायत चुनाव होना है और इसके लिए भाजपा और प्रदेश के लोगों के बीच आरएसएस सेतू का काम कर सकती है। संभवत: इसी को ध्यान में रखते हुए आरएसएस उत्तर भारत के साथ ही हरियाणा में भाजपा को मजबूत करने में अहम रोल अदा कर सकती है। 
 

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Content Writer

vinod kumar

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