ग्रामीण सफाई कर्मचारियों का 23 अगस्त को उचाना में ऐतिहासिक होगा रोष प्रदर्शन

punjabkesari.in Saturday, Jul 18, 2020 - 09:42 PM (IST)

पानीपत (राजेश) : ग्रामीण सफाई कर्मचारियों की ब्लॉक स्तरीय मीटिंग स्थानीय आयोजित हुई। मीटिंग की अध्यक्षता यूनियन के नेता राजेन्द्र ने की तथा संचालन सीटू नेता जयभगवान ने किया।
ग्रामीण सफाई कर्मचारियों की बैठक को सम्बोधित करते हुए ग्रामीण सफाई कर्मचारी यूनियन हरियाणा सम्बधित सीटू के राज्य महासचिव विनोद कुमार ने कहा कि हरियाणा सरकार 11 हजार सफाई कर्मचारियों से काम तो ले रही, लेकिन 13 साल बीत जाने के बाद भी आज तक पक्के नहींं किए जा रहे, जबकि साथ लगते उत्तर प्रदेश में 1 लाख 8 हजार 850 ग्रामीण सफाई कर्मचारी यूपी सरकार के रेगुलर कर्मचारी के रूप में काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार सफाई कर्मचारियों को कोरोना योद्धा की उपाधि दे रही है, लेकिन कोरोना के बचाव के लिए ग्रामीण सफाई कर्मचारियों को पर्याप्त मात्रा में सुरक्षा उपकरण तक नहीं दिए जा रहे। कोरोना माहमारी के समय डॉक्टर को 50 लाख बीमा कवरेज दिया जा रहा, लेकिन सफाई कर्मचारियों को कोरोना योद्धा का ढिंढोरा पीटने वाली सरकार इन कर्मचारियों को मात्र 10 लाख बीमा कवरेज देकर भेदभाव का ही परिचय दे रही है।

यूनियन नेताओं ने कहा की बढ़ती मंहगाई में 12500 रुपये में गुजारा करना कठिन होता जा रहा है। इसलिए सरकार महंगाई अनुसार वेतन बढ़ोत्तरी करें, अन्यथा आंदोलन तेज होगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में जब से भाजपा की सरकार बनी है तब से वेतन में भारी भेदभाव किया जा रहा है क्योंकि 2013 में शहरी और ग्रामीण सफाई कर्मचारियों को 8100 रूपये बराबर वेतन मिलता था, लेकिन आज भाजपा सरकार ग्रामीण सफाई कर्मचारियों को 12500 रुपये तथा शहरी सफाई कर्मचारियों को 15000 रूपये वेतन दे रही है। ग्रामीण सफाई कर्मचारियों से काम ज्यादा और शहरी कर्मचारियों से 2500 रुपये वेतन कम ये कहाँ का न्याय है। वेतन में 2500 के इस भेदभाव को यूनियन किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेगी।

यूनियन नेताओं ने कहा कि सरकार कर्मचारियों पर वर्दी पहनकर काम करने का दबाव बनाया जाता है लेकिन 3500 रुपये सालाना मिलने वाला वर्दी भत्ता 2020 का भुगतान आज तक नहीं किया गया है। पंचायत विभाग द्वारा ईपीएफ में कवर करने के आदेश जारी होने के बाद भी इन कर्मचारियों का पीएफ नहीं काटा गया है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण सफाई कर्मचारी भारी बेगार के शिकार हैं क्योंकि आज तक भी इन कर्मचारियों के लिए काम के नॉर्म तक तय नहीं किए गए। 

कार्यकर्ता मीटिंग में आगामी आंदोलन की घोषणा करते हुये यूनियन नेताओं ने कहा कि ग्रामीण सफाई कर्मचारियों की मांगों पर वार्ता के लिए पंचायत मंत्री ने 30 जुलाई तक वार्ता का समय नहीं दिया तो राज्य भर के ग्रामीण सफाई कर्मचारी अपनी 16 सूत्री मांगों को लेकर आंदोलन में कूदने पर मजबूर होंगे। आंदोलन की इस कड़ी  में 24 जुलाई को सभी बीडीपीओ में आंदोलन का नोटिस दिया जाएगा तथा 9 अगस्त को ब्लॉक स्तर पर प्रदर्शन करके आंदोलन को तेज करेंगे तथा यूनियन ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सरकार ने समय रहते कर्मचारियों की मांगों का समाधान नहीं किया तो 23 अगस्त को प्रदेश के हजारों ग्रामीण सफाई कर्मचारी पंचायत मंत्री के विधान सभा क्षेत्र उचाना में राज्य स्तरीय रोष प्रदर्शन करेंगे। ये रोष प्रदर्शन ऐतिहासिक होगा इसकी तैयरियां जोरों पर चल रही हैं। मीटिंग को यूनियन के जिला नेता उदय सिंह, सुनील,राजो,जयभगवान आदि ने भी संबोधित किया।

ग्रामीण सफाई कर्मचारियों की क्या है मुख्य मांगें

  • - ग्रामीण सफाई कर्मचारियों को रेगुलर किया जाए। जब तक रेगुलर न हों तब तक 18000 वेतन तय किया जाए।
  • - मंहगाई अनुसार वेतन बढ़ौतरी की जाए तथा महंगाई के आंकड़ों के साथ जोड़ते हुए 6 माह में बढ़ौतरी दी जाए।
  • - वर्दी भत्ता 3500 की बजाय 8000 सालाना तय किया जाए। सालाना 6000 रुपये औजारों का भत्ता तय किया जाए।
  • - कोरोना अवधि के दौरान 50 लाख बीमा कवरेज तथा 4000 रुपये जोखिम भत्ता दिया जाए।
  • - बिना किसी देरी के ग्रामीण सफाई कर्मचारियों को ईपीएफ और ईएसआई में कवर किया जाए।
  • - 2000 की बजाय शहरों की तर्ज पर 400 की आबादी पर एक कर्मचारी की नियुक्ति की जाये तथा कर्मचारी की मौत होने पर उसके परिवार को सदस्य को नोकरी पर लगाया जाए।
  • - बेगार पर रोक लगाने के लिए काम के नॉर्म तय किए जाएं तथा सभी सरकारी अवकाश प्रदान किया जाए।
  • - महिला ग्रामीण सफाई कर्मचारी को बिना शर्त वेतन सहित 6 माह का प्रसूति अवकाश दिया जाए।
  • - सभी ग्रामीण सफाई कर्मचारियों को 100-100 गज के प्लाट और आवास के लिए अनुदान दिया जाए।

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Shivam

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