प्रतिबंधित दवाइयों की अवैध बिक्री पर रोक लगाने के लिए ''''साथी'''' ऐप होगी सार्थक साबित

punjabkesari.in Sunday, Feb 27, 2022 - 03:29 PM (IST)

चंडीगढ़( चंद्रशेखर धरणी):  हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज के आदेशों पर  प्रतिबंधित नशे की दवाइयों की अवैध बिक्री पर रोक लगाने के लिए ''साथी'' ऐप बनाया जा रहा है।जो इसमे सार्थक साबित होगी। साथ ही प्रदेश के गृह मंत्री अनिल विज ने हरियाणा राज्य नारकोटिक्स नियंत्रण ब्यूरो को सशक्त- ताकतवर और आधुनिक बनाने के लिए जरूरत के सभी उपकरण, मोटरसाइकिल और गाड़ियां इत्यादि की मंजूरी दे दी है। क्षेत्र इकाइयों को 11 से बढ़ाकर 17 करने का भी फैसला किया गया है।


हरियाणा क्राइम ब्यूरो  ब्यूरो को मानवीय संसाधनों से और मजबूत करने की भी सहमति बनी है। नशा तस्करों के जहन में डर होना जरूरी है, इस कड़ी में नशा तस्करों की कमर तोड़ने के लिए ब्यूरो ने पिछले कुछ समय में इस गंदे कारोबार से अर्जित की अवैध संपत्ति को हर हालत में जब्त/अटैच करने का विशेष अभियान निरंतर चलाया हुआ है। करनाल- कुरुक्षेत्र- सिरसा इत्यादि जिलों में पिछले कुछ महीनों में करोड़ों रुपए की संपत्ति अटैच की गई है। एनडीपीएस केसों के अन्वेषण के लिए एसओपी और एनडीपीएस एक्ट के अंतर्गत प्रॉपर्टी स्टेटमेंट के लिए भी एसओपी तैयार की गई है। 

 प्रदेश में लगातार सुरसा के मुंह की तरह पांव फैल रहे नशे को रोकने ही नहीं बल्कि जड़ से समाप्त करने के लिए प्रदेश के गृह मंत्री अनिल विज ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ महत्वपूर्ण चर्चा की है।खास तौर से पड़ोसी राज्य पंजाब और राजस्थान के साथ लगते प्रदेश के जिलों के नौजवान नशे की लत में सुनहरे जीवन की तलाश करने में जुटे हुए हैं। यह दस्तक एक बड़े खतरे की ओर इशारा कर रही है। देश के सबसे खूबसूरत और गठीले गबरुओं के लिए विख्यात रहा पंजाब राज्य के नौजवान आज नशे में इतने डूबे हैं कि वास्तविकता से कोसों दूर नजर आते हैं। केवल नौजवान ही नहीं छोटी छोटी उम्र के बच्चे बेहद घातक नशे करते आम सड़कों पर देखे जा सकते हैं। हालात यहां तक पहुंच चुके हैं कि नशा आज पंजाब का सबसे बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन गया है। 

नशे को समाप्त करने के सबसे ज्यादा दावा करने वाले राजनीतिक दल वहां सत्ता में आसीन होने लगे हैं। कहीं हरियाणा प्रदेश के हालात भी ऐसे ना हो जाएं, कहीं दूध-दही के खाने वाला हरियाणा-कुश्ती, बॉक्सिंग, कबड्डी और भाला फेंककर विश्व को अपनी बाजुओं का जोर दिखाने वाले नौजवान नशा तस्करों की गंदी सोच का शिकार ना बन जाएं, इसके लिए प्रदेश सरकार ने बड़े स्तर पर कई क्रांतिकारी कदम उठाने का फैसला ले लिया है।

 प्रदेश के गृहमंत्री अनिल विज इस मामले को लेकर पूरी तरह से गंभीर नजर आ रहे हैं। वर्ष 2020 में विज के निर्देशों पर हरियाणा राज्य नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो का गठन कर प्रदेश में नशे को समाप्त करने की तरफ एक पहला कदम बढ़ाया गया। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो गठन के मात्र 1 साल की अल्पावधि में 2346 मुकदमे दर्ज करते हुए 3975 आरोपियों को गिरफ्तार करके यह साबित कर दिया कि प्रदेश में कितनी बड़ी संख्या में नशा तस्कर फैल चुके हैं। इन मामलों में 29.13 किलो हीरोइन, 157.25 किलो चरस, 11,368 किलो गांजा, 356.19 किलो अफीम, 8550 किलो चूरा पोस्ट, 13,62,121 नशे की गोलियां और सिरप की बड़ी खेप पकड़ कर यह साबित कर दिया कि अगर समय रहते नहीं समझा गया तो हरियाणा जो पंजाब का छोटा भाई कहा जाता है नशे के मामले में बड़ा भाई बनते देर नहीं लगेगी।

हरियाणा राज्य नारकोटिक्स नियंत्रण ब्यूरो द्वारा समय-समय पर गृह मंत्री अनिल विज के दिशा-निर्देशों पर लगातार नई दिशा में कदम उठाए गए। जिसके चलते हरियाणा सरकार के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में संबंधित सभी विभागों की एक मुख्य बैठक हुई और नशा संबंधित सभी पहलुओं पर गहन अध्ययन के बाद एक विस्तृत स्टेट एक्शन प्लान बनाया गया।जिसमें समाज के हर वर्ग- आयु के नागरिकों को नशा मुक्ति इस यज्ञ में शामिल कर ग्रामीण वार्ड मिशन टीम, क्लस्टर मिशन टीम, सब डिवीजन मिशन टीम, जिला मिशन टीम और राज्य मिशन टीम का गठन किया गया। इन विभिन्न टीमों के माध्यम से ब्यूरो प्रदेश में हर स्तर पर चाहे नशा के कारोबार पर रोकथाम- नशा मुक्ति नशे के कारोबारियों को पकड़कर सजा दिलवाना- जागरूकता अभियान- नशा मुक्ति के उपरांत पुनर्वास जैसे हर बिंदु को साथ लेकर चल रही है। 

इस अभिशाप से बचने के लिए शिक्षण संस्थानों में एक विशेष कार्यक्रम प्रारंभ करने की मंजूरी दी गई है। जिसमें छात्रों को नशे के कुप्रभाव से अवगत किया जा रहा है। आज का युवा वर्ग पूरी तरह से आधुनिकता से जुड़ा हुआ है। इसलिए हरियाणा राज्य नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो द्वारा ''हॉक'' सॉफ्टवेयर और मोबाइल ऐप ''प्रयास'' के माध्यम से प्रदेश में नशे के तस्करों और तस्करी में संलिप्त लोगों का डाटा बैंक तैयार किया जा रहा है। जिससे संबंधित तस्कर बारे सूचना मिलते ही तुरंत प्रभाव से मौके पर पहुंच काबू किया जा सके। 

गृह विभाग ने ब्यूरो की कार्य क्षमता को बढ़ाने के लिए उत्कृष्ट सूचना और प्रौद्योगिकी कि सुविधाओं से संपन्न सेटेलाइज कमांड एवं कंट्रोल सिस्टम व इंटरसेप्शन सुविधा जैसी अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस करने का मन बनाया है। ब्यूरो द्वारा नशा पीड़ितों की सहायता और नशे में संलिप्त अपराधियों की गुप्त सूचना के लिए टोल फ्री नंबर 90508-91508 जारी किया है। गृह विभाग द्वारा इस संबंध में किए जा रहे कार्यकलापों- केंद्रीय एजेंसी इत्यादि में सामंजस्य स्थापित करने को लेकर इस सशक्त अभियान के लिए ब्यूरो को नोडल एजेंसी बनाया हुआ है।

नशा तस्करों  के बढ़ते जंजाल के इस मामले में गृहमंत्री अनिल विज पूरी तरह से गंभीर है और समय-समय पर आवश्यक दिशा निर्देश और आदेश ब्यूरो को देते रहते हैं। विज द्वारा अगली पीढ़ी के लिए चिंता जताते हुए यह दावा किया गया है कि नशे के गंदे पेड़ को फलने-फूलने नहीं दूंगा। जिस प्रकार से पंजाब के राजनीतिक लोगों ने इस पेड़ की जड़ों को खाद दवाई देने का काम किया और आज की युवा पीढ़ी उनके कर्मों को भुगत रही है। इस कारोबार की जड़ों में तेजाब डालकर इसे समाप्त कर दूंगा।


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Content Writer

Isha

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