महिला सशक्तिकरण के लिए शुरू की गई योजनाएं प्रभावी ढंग से क्रियान्वित हुई हैं: बंडारू दत्तात्रेय

punjabkesari.in Monday, Jan 31, 2022 - 08:21 PM (IST)

 

चंडीगढ़(धरणी): केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा राष्ट्रीय व राज्य स्तर पर महिला आयोग की अधिक शक्तियां प्रदान करने से महिला सशक्तिकरण के लिए शुरू की गई योजनाएं प्रभावी ढंग से क्रियान्वित हुई हैं। इन योजनाओं का लाभ उठाकर महिलाओं ने हर क्षेत्र में अपनी पहचान कायम की है। यह बात हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय आज राष्ट्रीय महिला आयोग के 30वें स्थापना दिवस पर उनसे शिष्टाचार मुलाकात करने पहुंची महिला आयोग की चेयरपर्सन श्रीमती रेणु भाटिया से बातचीत करते हुए कही।

दत्तात्रेय ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा महिला सशक्तिकरण के लिए शुरू की गई बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, वन स्टाॅप सेंटर, वूमैन हेल्पलाईन, उज्जवला, स्वाधार ग्रह जैसी योजनाएं वरदान साबित हुई हैं। धरातल स्तर पर इन योजनाओं का और अधिक प्रचार-प्रसार करने की आवश्यकता है, जिससे ज्यादा से ज्यादा से महिलाएं लाभान्वित हों।

उन्होंने कहा कि देश में 50 प्रतिशत आबादी महिलाओं की है। महिलाओं को पूरी तरह सशक्त करने से ही ये राष्ट्र के निर्माण में  अपनी और महत्ती भूमिका निभा पाएंगी। संविधान निर्माता डा. भीम राव अम्बेडकर का मानना था कि महिलाओं को शिक्षित कर ही सशक्त बनाया जा सकता है। उनके इन विचार पर ही प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने महिला कल्याण के लिए अनेक योजनाएं तैयार की हैं। इतना ही नहीं महिला कल्याण के क्षेत्र में वर्तमान सरकार  में  नए कानून भी पारित हुए हैं। उन्होंने कहा कि महिलाओं से सम्बन्धित साईबर क्राईम पर अंकुश लगाने के लिए और कार्य किया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने समाज में  महिलाओं का सम्मान  बढ़ाने और उनके स्वर्णिंम भविष्य को मद्देेनजर रखते हुए पिता की सम्पति में बेेटियों का अधिकार, लड़कियों के विवाह की आयु सीमा 18 से 21 वर्ष बढ़ाने जैसे नए कानूनों से बेटियों के जीवन में प्रगति के नए रास्ते खुले हैं और सम्मान प्राप्त हुआ है। हरियाणा में महिला एवं किशोरी योजना तथा प्रधानमंत्री मातृत्व योजना को बेहतर ढंग से संचालित किया जा रहा है। सरकार की इन योजनाओं की बदौलत समाज में सम्मान मिलने से लिगांनुपात में भी बेहतर  वृद्धि हुई है।

हरियाणा लिगांनुपात सुधार का एक आदर्श उदाहरण बना है। हरियाणा में 2014 में जहां 1000 लड़कों के पीछे 876 लड़कियां   थी अब यह संख्याा बढ़कर 914 से भी अधिक हो गई है। उन्होंने आमजन विशेषकर महिलाओं अधिकारियों से अपील की है कि वे महिला कल्याण से सम्बन्धित योजनाओं का ज्यादा से ज्यादा प्रचार-प्रसार करे और महिलाओं को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करें निश्चित रूप से महिलाओं का राष्ट्र की प्रगति में पुरूषों से ज्यादा योगदान होगा।
 


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Content Writer

Isha

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