सरकार कोरोना की रोकथाम के बजाय झूठी घोषणाओं और दावों के पुलिंदे बांध रही है: सैलजा

punjabkesari.in Saturday, May 15, 2021 - 06:40 PM (IST)

चंडीगढ़ (धरणी): हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने कहा कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। सरकार कोरोना संक्रमण की रोकथाम के बजाय झूठी घोषणाओं और दावों के पुलिंदे बांध रही है। संक्रमितों और मृतकों के आंकड़े छुपाए जा रहे हैं। आज हरियाणा के गांव कोरोना के गढ़ बन चुके हैं। सरकारी अस्पतालों के हालात यह हैं कि मरीजों के परिजनों को खुद मरीजों की देखभाल करनी पड़ रही है। 



प्रदेश के अस्पतालों में डॉक्टर व स्वास्थ्य कर्मियों की भारी कमी है। पिछले कई दिनों से फील्ड से जो रिपोर्ट मिल रही हैं, उसके अनुसार प्रदेश के गांवों में ज्यादातर ग्रामीण इस समय बुखार, खांसी और जुकाम की चपेट में हैं। ग्रामीण क्षेत्र में स्थिति बदतर हो चुकी हैं। हम हरियाणा के किसी भी कोने की बात करें गांवों से बेहद ही गंभीर हालातों की खबरें आ रही हैं। ग्रामीण क्षेत्र में कोरोना का कहर घर-घर दस्तक दे रहा है।

उन्होंने कहा कि समाचार पत्रों में छिपी खबरों के अनुसार सिरसा जिले के मंडी कालांवाली और रोडी गांव में सरकारी आंकड़ों में 7-7 मौत हैं, लेकिन ग्रामीणों के मुताबिक, बीते 10 दिन में ही 13 मौतें हो चुकी हैं। सिरसा जिले के गांव चौटाला में ग्रामीणों की मानें तो औसतन हर घर में एक कोरोना मरीज है। सरकारी आंकड़े बेशक सब कुछ सामान्य होने का दावा कर रहे हों, पर श्मशान घाट हकीकत बयां कर रहा है, जहां 15 दिनों से रोज औसतन 2 शव जल रहे हैं।रोहतक के टिटौली और हिसार के सिसाय गांव में 50-50 से ज्‍यादा लोग मर चुके हैं। 



इसी तरह पलवल जिले के गांव औरंगाबाद-मितरोल से भी पिछ्ले कुछ दिनों में ही 40 से ज्यादा मौतों की ख़बर आई हैं। हरियाणा प्रदेश के ज्यादातर गांवों में कमोबेश यही स्थिति है। परंतु इसके बावजूद हरियाणा सरकार द्वारा गांवों में व्यापक स्तर पर अभी तक टेस्टिंग के कोई इंतजाम नहीं किए गए हैं। सैलजा ने कहा कि हरियाणा प्रदेश में कोरोना से जुड़ी दवाइयां और ऑक्सीजन की जमकर कालाबाजारी हो रही है। इस समय हो रही कालाबाजारी ने सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। प्रदेश में मरीजों को न तो समय पर ऑक्सीजन मिल पा रही है और न ही बेड मिल रहे हैं। 

वेंटीलेटर का तो भारी अभाव है। सरकार आंखों पर पट्टी बांधे हुए बैठी है। लोग अपने प्रियजनों को तड़प तड़प कर मरता हुआ देख रहे हैं। निजी अस्पताल मरीजों से मनमानी वसूली कर रहे हैं। हरियाणा प्रदेश में हालात बेहद ही भयावह हैं। आज प्रदेश की जनता बेबस नजर आ रही है और सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही है। हरियाणा सरकार द्वारा जो हेल्पलाइन डेस्क और पोर्टल स्थापित किए गए हैं, वह पूरी तरह से दिखावटी साबित हो रहे हैं।

कुमारी सैलजा ने कहा कि हरियाणा प्रदेश में पिछले कुछ दिनों में ही ब्लैक फंगस बीमारी के 40 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। पिछले एक सप्ताह से ब्लैक फंगस बीमारी के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाइयों की भी कालाबाजारी शुरू हो गई है। इस बीमारी के इलाज में इस्तेमाल होने वाला सवा दो हजार का इंजेक्शन छह हजार में बिक रहा है।



हरियाणा में कोरोना महामारी लगातार बढ़ रही है और टीकाकरण अभियान बेहद धीमी गति से चल रहा है। एक तरफ जहां हरियाणा में कोरोना महामारी लगातार बढ़ रही है, वहीं सरकार की लापरवाही व नाकामियों के चलते उपलब्ध वैक्सीन की बर्बादी ने हरियाणा में स्वास्थ्य सेवाओं की पोल खोल दी है। वैक्सीन की बर्बादी के मामले में हरियाणा का स्थान पूरे देश में प्रथम है। हरियाणा में 6.49 % वैक्सीन की डोज बर्बाद हो चुकी है।

सरकार के आंकड़ों के अनुसार उन्होंने बताया कि बीते 24 घंटे में कोरोना के 10,608 मामले सामने आए हैं। 160 से ज्यादा लोगों ने अपनी जान गंवाई है। इस समय हरियाणा प्रदेश में एक्टिव मामलों की संख्या 99007 है। लेकिन जो फील्ड से रिपोर्ट मिल रही है, उसके अनुसार यह बीमारी गांवों में पूरी तरह से फैल चुकी है। आधिकारिक आंकड़ों से कई गुना अधिक मामले हरियाणा प्रदेश में सामने आ रहे हैं। मृतकों की संख्या भी आधिकारिक आंकड़ों से कई गुना अधिक है। 

पॉजिटिविटी रेट पर उन्होंने कहा कि प्रदेश के 3 जिलों में 45 फ़ीसदी और एक जिले में 40 फीसदी से ज्यादा पॉजिटिविटी रेट है। वहीं 11 जिलों में पॉजिटिविटी रेट 30 फ़ीसदी से ज्यादा है। इसके अलावा चार जिलों में यह 25 फ़ीसदी से ज्यादा और तीन जिलों में 10 फीसदी से ज्यादा है। यह आंकड़े प्रदेश में गंभीर हालातों को दर्शाते हैं।

black fungus disease in haryana declared a notified disease

वहीं टेस्क को लेकर भी उन्होंने सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि हरियाणा प्रदेश में रोजाना औसतन टेस्ट 60 हजार के लगभग किए जा रहे हैं। जो कि 10 लाख की आबादी पर सिर्फ 2000 के लगभग हैं। बीते 24 घंटे में 64 हजार के लगभग टेस्ट किए गए हैं। गांव में टेस्टिंग नाम की कोई चीज नहीं हो रही है। जिस तरह से हरियाणा प्रदेश में हालात गंभीर बने हुए हैं, उसके हिसाब से टेस्ट बेहद ही कम किए जा रहे हैं। 

सरकार द्वारा पहले 90 प्रतिशत RT-PCR टेस्ट किए जा रहे थे, परंतु इन्हें घटाकर 70 प्रतिशत कर दिया गया है  अब प्रदेश में 30 प्रतिशत रैपिड टेस्ट किए जा रहे हैं। सरकार के इस फैसले से हरियाणा प्रदेश में कोरोना संक्रमण का और तेजी से फैलने का खतरा मंडरा रहा है। इसका कारण यह है कि रैपिड टेस्ट में आने वाले नतीजे हर बार सही साबित नहीं होते हैं। यदि कोई व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव है और रैपिड टेस्ट में वह नेगेटिव आता है तो वह अन्य लोगों में संक्रमण फैला सकता है। RT-PCR टेस्ट ही 100 प्रतिशत सही साबित होता है।

ऑक्सीजन पर सरकार को घेरते हुए सैलजा ने कहा कि प्रदेश को इस वक्त महज 258 मिट्रिक टन ऑक्सीजन मिल रही है। जबकि हरियाणा प्रदेश से सटी देश की राजधानी दिल्ली में 700 मेट्रिक टन ऑक्सीजन दी जा रही है। जबकि दिल्ली में हरियाणा प्रदेश के मुकाबले एक्टिव मामले काफी कम हैं। केंद्र सरकार हरियाणा प्रदेश का ऑक्सीजन का कोटा कम से कम दोगुना करे।  सरकार RT-PCR टेस्ट की संख्या बढ़ाए और टेस्टिंग की रफ्तार को तेज करे। रोजाना होने वाले टेस्ट की रफ़्तार चार गुना की जाए। टेस्ट की रिपोर्ट 24 घंटे में उपलब्ध की जाए। 



हर जिले में कोरोना टेस्ट की लैब बनाई जाए। सरकार टेस्टिंग बढ़ाने के साथ ही ट्रेसिंग का कार्य भी तेज़ी से करे। चुनावों की तर्ज पर टीकाकरण के लिए स्कूलों में सेंटर बनाए जाएँ।  बड़े स्तर पर हरियाणा की रोड़वेज बसों और लोकल बसों को एंबुलेंस में बदला जाए।  अगले पांच दिनों में हर जिले में सरकारी व प्राईवेट अस्पताल के साथ ऑक्सीजन प्लांट लगाए जाएं। गांव में टेस्टिंग का परमानेंट स्थान बनाया जाए। युद्ध स्तर पर सेना की मदद लेकर कोविड का 500 से 1000 बेड का अस्पताल हर जिले में बनाया जाए। प्रदेश के गांवों में बड़े स्तर पर कोरोना संक्रमण को लेकर जागरूकता अभियान चलाया जाए।

कुमारी सैलजा ने कहा कि प्रदेश में ब्लॉक स्तर पर डॉक्टरों की कमेटी गठित की जाएं, जो कि फोन पर ही लोगों का सही तरीके से मार्गदर्शन करें। कोरोना मरीजों को मुफ्त दवाई और इलाज मिले, सरकार इसका खर्च वहन करे। प्रदेश में सभी को टीका मुफ्त लगे। इस पर आने वाला खर्च हरियाणा सरकार उठाए। सरकार प्रदेशवासियों के लिए वैक्सीन का इंतज़ाम करे। घर- घर टीकाकरण का कार्य किया जाए। टीकाकरण का कार्य अगले तीन महीने में पूरा किया जाए। प्रदेश के गांवों में मौजूद सरकारी स्कूलों और भवनों को अस्थाई अस्पतालों में तब्दील किया जाए। अस्थाई अस्पतालों में डॉक्टरों की टीम की 24 घंटे उपलब्धता सुनिश्चित की जाए और कोरोना से जुड़ी सभी दवाईयां भी उपलब्ध हों। 


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Content Writer

vinod kumar

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