उदयभान को गोगी ने याद दिलाई प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी, बोले- एकतरफा चलकर, एक नहीं होगी पार्टी

punjabkesari.in Friday, Nov 11, 2022 - 09:10 PM (IST)

करनाल: आदमपुर उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी की हार के बाद पार्टी में मचे घमासान में बयानबाजी जोरों पर है। प्रदेश अध्यक्ष पर किरण चौधरी और कुमारी सैलजा को लेकर दिए गए बयान के बाद आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। सैलजा गुट के खास माने जाने वाले असंध से विधायक शमशेर सिंह गोगी ने भी उदयभान को पार्टी अध्यक्ष की जिम्मेदारी याद करवाते हुए बयान दिया है। गोगी ने कहा कि अध्यक्ष को अध्यक्ष की तरह काम करना चाहिए।

 

उदयभान द्वारा किरण चौधरी को छोटा नेता बताने पर कही बड़ी बात

 

शमशेर सिंह गोगी ने कहा कि आदमपुर उपचुनाव में मिली हार के बाद कांग्रेस में चुनाव हारने की खलबली नहीं है, बल्कि पार्टी में रहकर पार्टी को मर्यादा में नहीं चलाने को लेकर खलबली जरूर है। उन्होंने कहा कि क्या कांग्रेस किसी व्यक्ति विशेष की है पार्टी बनकर रह गई है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी को एक पार्टी की तरह से ही चलाया जाना चाहिए। उदयभान का नाम लिए बिना गोगी ने कहा कि जो नेता बयानबाजी कर रहे हैं, उन्हें चुनाव से पहले सब नेताओं को साथ लेकर काम करना चाहिए था। चुनाव कैसे जीता जाए इसे लेकर चर्चा की जानी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि उदयभान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष हैं। उन्हें एक तरफा नहीं चलना चाहिए। अध्यक्ष को अध्यक्ष की तरह ही काम करना चाहिए। सबको  साथ लेकर चलाना चाहिए। किरण चौधरी को छोटा नेता बताने के उदयभान के बयान पर गोगी ने कहा कि पार्टी में कोई भी नेता छोटा-बड़ा नहीं होता।

 

आदमपुर में कांग्रेस नहीं, बीजेपी की हुई हार: गोगी

 

कांग्रेस विधायक गोगी ने कहा कि आदमपुर चुनाव में कांग्रेस की हार नहीं हुई है, बल्कि हार तो बीजेपी की हुई है। कुलदीप बिश्नोई जब कांग्रेस की टिकट से चुनाव लड़े थे, तब उन्होंने 29 हजार वोट के अंतर से बीजेपी की सोनाली फोगाट को हराया था। वहीं अब जीत का मार्जन घटकर करीब 15 हजार पर पहुंच गया है। इसलिए एक तरह से आदमपुर में भाजपा की हार हुई है। हरियाणा कांग्रेस में गुटबाजी को लेकर गोगी ने कहा कि जिस दिन पार्टी के नेता सभी को साथ लेकर चलेंगे, उसी दिन पार्टी मजबूत बन पाएगी। उन्होंने कहा कि उदयभान ने चुनाव से पहले इतना जोर नहीं लगाया, जितना चुनाव के बाद बयानबाजी करने में लगा रहे हैं। यदि आदमपुर चुनाव से पहले नेताओं को एक साथ लाने के लिए प्रयास किया होता तो शायद परिणाम कुछ और ही होता।

 

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Content Writer

Gourav Chouhan

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