सिख एनजीओ ने मदद के लिए उठाए हाथ, मृतक किसानों के परिवारों को करेगी एडॉप्ट

punjabkesari.in Sunday, Dec 20, 2020 - 06:42 PM (IST)

बहादुरगढ़ (प्रवीण कुमार): किसान आंदोलन के दौरान मौत का ग्रास बने किसानों के परिवारों को सिख पंचायत अडॉप्ट कर उनका लालन-पालन करेगी। आंदोलनरत किसानों के लिए पिछले 25 दिनों से जहां लगातार मदद के हाथ उठ रहे हैं। वहीं आंदोलन के दौरान मौत का ग्रास बने किसानों के परिवारों की मदद के लिए कैलिफोर्निया में बसे एनआरआई सिख लोग आगे आए हैं। वहां की सिख पंचायत अब उन किसानों के परिवारों को एडॉप्ट कर उनका लालन पोषण करेगी। 

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बता दें कि रविवार को किसान आंदोलन का 25वां दिन था। झज्जर-दिल्ली के टीकरी बॉर्डर पर किसानों का आंदोलन पूरी तरह से शांतिपूर्वक जारी है। रविवार को धरना प्रदर्शन के दौरान आंदोलनरत किसानों ने उन मृतक किसानों के लिए अरदास कर अपने श्रद्धासुमन अर्पित किए जो पिछले 25 दिनों के दौरान किसी भी रुप में आंदोलन से जुड़कर मौत का शिकार हुए। किसानों ने अपने साथी मृतक किसानों की आत्मिक शांति के लिए दो मिनट का मौन भी रखा।

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किसानों की सुख-सुविधा के लिए आगे आई सिख फॉर ह्यूमैनिटी एनजीओ 
पिछले 25 दिनो से किसानों को ठंड में ठिठुरते देख सिक्ख पंचायत कहलाने वाली एनजीओ सिख फॉर ह्यूमैनिटी ने रविवार को बड़ी मात्रा में किसानों की सुख सुविधा के लिए जरुरी सामान टीकरी बॉर्डर पर पहुंचाया। पंचायत की ओर से सरदार शैलेंद्र सिंह  व उनके साथी यह सामान लेकर टीकरी बॉर्डर पर पहुंचे। शैलेंद्र सिंह ने बताया कि उन्होंने पिछले कुछ दिनों तक बॉर्डर पर ठंड से ठिठुरते आंदोलनकारियों की समस्याओं को ध्यान से देखा और उसके बाद रविवार को बड़ी संख्या में टेम्परेरी टॉयलेट, हमाम गीजर और ठंड से बचने के लिए स्लीपिंग बैग लेकर यहां पहुंचे। 

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शैलेंद्र सिंह ने कहा कि उनकी एनजीओ न केवल आंदोलन के दौरान किसानों की मदद को आगे रहेगी, बल्कि आंदोलन के दौरान मृतक किसानों के बच्चों की पढ़ाई का खर्च भी उठाएगी। उन्होंने कहा कि तीनों कृषि कानून रद्द होने तक किसानों का संघर्ष निरंतर जारी रहेगा।


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vinod kumar

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