सोम नदी में आई बाढ़, एक दर्जन से अधिक गांव हुए प्रभावित, प्रशासन ने किए सुरक्षा इंतजाम

punjabkesari.in Sunday, Aug 16, 2020 - 12:35 PM (IST)

यमुनानगर (सुरेंद्र मेहता) : पहाड़ों पर हो रही वर्षा के चलते सोम नदी उफान पर है जिसके चलते नदी में 20,000  क्यूसेक पानी आने से यमुनानगर के छछरौली एवं बिलासपुर के गांव में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं। करीब एक दर्जन गांव के खेतों व सड़कों में पानी आने से लोग परेशान हैं। वहीं सिंचाई विभाग ने लोगों को कहा है कि वह भयभीत ना हो विभाग ने सभी तरह के इंतजाम किए हुए हैं।

यमुनानगर जिला में हर साल सोम नदी, पथराला नदी एवं यमुना से बाढ़ से भारी तबाही होती है। पहाड़ी इलाकों में होने वाली वर्षा का सीधा असर यमुनानगर जिला में इन नदियों में पानी आने पर देखने को मिलता है। अभी हालांकि यमुना शांत है। इस सीजन में 52 हजार क्यूसेक से अधिक पानी नहीं आया। लेकिन सोम नदी में इस सीजन में दूसरी बार 20,000 क्यूसेक तक पानी आ चुका है, जिससे आसपास के कई गांव प्रभावित हुए हैं । पिछले सप्ताह यमुना में आए 20000 क्यूसेक पानी के चलते सोम नदी के के किनारे क्षतिग्रस्त हुए थे और पानी किनारे तोड़कर खेतों में जा घुसा था।

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हालांकि सिंचाई विभाग ने उनकी मरम्मत कर दी है। लेकिन अब आज सुबह सोम नदी में फिर से 20000 क्यूसेक तक पानी आ गया जिससे सोम नदी को लगते बिलासपुर से ललाहडी, बमनोली, मलिकपुर बांगर, तिहाल, सलेमपुर, जोगीवाड़ा सहित अन्य गांव प्रभावित हुए हैं। इन गांव के खेतों में एवं सड़कों पर पानी आ गया है जिससे यातायात भी प्रभावित होता नजर आया। गांव निवासी तेजेंद्र शर्मा का कहना है कि पानी ना सिर्फ खेतों में बल्कि स्कूल में और गांव में भी घुस चुका है। उन्होंने कहा कि पुल की सफाई नहीं करवाने के चलते यह हालात हुए हैं। मलिकपुर बांगर में बने सोम नदी के पुल को छूकर जा रहा पानी डराने वाला रहा। 

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वहीं सिंचाई विभाग के अधिकारियों का कहना है कि लोगों को भयभीत होने की जरूरत नहीं है क्योंकि विभाग ने सभी तरह के इंतजाम किए हुए हैं। सिंचाई विभाग के सुपरीटेंडेंट इंजीनियर आर एस मित्तल का कहना है कि आज सुबह सोम नदी में 20000 क्यूसेक पानी आया था लेकिन इस समय 15000 क्यूसेक पानी सोम नदी में चल रहा है जिससे बिलासपुर, छछरौली के कुछ गांव में पानी आया है। उन्होंने कहा कि विभाग के सभी अधिकारी इन इलाकों में तैनात हैं। उन्होंने कहा कि पानी 10000 क्यूसेक के नीचे जाने के बाद नुकसान का पता लगेगा।

सिंचाई विभाग के सुपरीटेंडेंट इंजीनियर आर एस मित्तल का कहना है कि हर वर्ष सोम, पथराला एवं यमुना नदी का पानी यमुना में आता है। उन्होंने कहा कि अभी तक यमुना में 52000 क्यूसेक पानी ही आया है। उन्होंने कहा कि विभाग ने सभी तरह के इंतजाम किए हुए हैं। विभागीय कर्मचारियों, अधिकारियों की छुट्टियां रद्द की गई हैं और विभाग किसी भी तरह की स्थिति से निपटने के लिए तैयार है। बाढ़ हर साल यमुना एवं सोम नदी के इलाकों मे तबाही मचाती है। हर साल विभाग द्वारा बाढ़ रोकथाम के उपाय भी किए जाते हैं लेकिन नुकसान फिर भी भारी नुकसान होता है। जहां किसानों की लगी लगाई फसलें प्रभावित होती हैं। वही सड़कें भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त होती हैं। अभी मानसून सक्रिय है और सिंचाई विभाग भी अपने आप को इसके लिए तैयार बता रहा है देखना होगा कि इस बार बाढ़ से कौन कौन से इलाके कितना प्रभावित होते हैं।


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Edited By

Manisha rana

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