आंदोलन के पीछे कुछ शक्तिशाली ताकतें, जो देश में फैलाना चाहते हैं अशांति :अनिल विज

punjabkesari.in Saturday, Jun 19, 2021 - 09:29 AM (IST)

चंडीगढ़ (धरणी): दिल्ली के आसपास बैठे आंदोलनकारी किसानों के जमावड़े तथा आए दिन मिल रही शिकायतों को लेकर हरियाणा के गृह-स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज काफी सख्त नजर आ रहे हैं। गौरतलब है कि पंजाब के शंभू बॉर्डर से किसानों द्वारा अंबाला में प्रवेश करने पर विज ने पहले भी आलाधिकारियों को फटकार लगाई थी और पंजाब सीमा से हरियाणा में किसान कैसे और किसकी लापरवाही से घुसे इसकी जवाबदेही कर चुके हैं।

आए दिन किसानों द्वारा घटित की जाने वाली अपराधिक घटनाओं की सूचनाओं और शिकायतों को लेकर दिल्ली में मौजूद अनिल विज तल्ख तेवर फिर से बनाए हुए नजर आ रहे हैं। आंदोलन में महिलाओं से छेड़छाड़ जैसे बढ़ते मामलों और मंत्रियों-विधायकों के प्रति बढ़ते हमलों पर अनिल विज पहले भी अपने सख्त रुख अख्तियार कर चुके हैं। हिसार में अस्पताल उद्घाटन के घटनाक्रम और फिर टोहाना विधायक देवेंद्र बबली पर किसानों द्वारा किए गए हमले के बाद ही अनिल विज ने पुलिस के आला अधिकारियों को सख्त कार्रवाई के आदेश दिए थे।

हाल ही में एक युवक पर पेट्रोल डालकर जला देने जैसे गंभीर आरोप आंदोलनकारी किसानों पर लगे हैं, जिसमें पीड़ित युवक की मृत्यु भी हो चुकी है। हरियाणा के गृह, स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने मामले की गंभीरता को समझते हुए सख्त और निष्पक्ष जांच के आदेश दिए हैं। विज ने बताया कि मृतक के भाई के बयान पर मामला दर्ज कर लिया गया था और मृत्यु होने के बाद 302 धारा भी जोड़ी गई है और एक आरोपी को गिरफ्तार किया जा चुका है। इस मामले में किसी भी जिम्मेदार आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा। अगर इस मामले में कोई षड्यंत्र भी रचा गया हो तो पता लगाया जाएगा।

इस मामले में अनिल विज ने कहा कि वास्तविकता में आंदोलन किसान नेताओं के हाथों में नहीं रहा। अनेकों बार अधिकारियों और मंत्रियों के साथ टेबल पर बैठकर बातचीत हुई। लेकिन समाधान नहीं निकला। हिसार में घटित घटनाक्रम के बाद इनके बड़े नेताओं ने आलाधिकारियों से बातचीत कर आगे कानून को हाथ में न लेने का आश्वासन दिया था, लेकिन तीन-चार दिन के बाद ही फतेहबाद में एक विधायक के साथ मारपीट कर दी गई। फिर आश्वासन दिया कि ऐसा अब नहीं होगा। उसके बाद झज्जर में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष द्वारा किए गए जिला कार्यालय के शिलान्यास को तोड़ दिया गया। इन बातों से यह साफ है कि इस आंदोलन के पीछे बड़ी ताकतों का हाथ है। किसानों के कंधे पर बंदूक रखकर कुछ और लोग चला रहे हैं जो देश में अशांति फैलाना चाहते हैं।
 

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Content Writer

Shivam

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